व्हाट्सएप नहीं, इस स्वदेशी 5G फोन ने बचाई ऑपरेशन सिंदूर की गोपनीयता

व्हाट्सएप नहीं, इस स्वदेशी 5G फोन ने बचाई ऑपरेशन सिंदूर की गोपनीयता
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calendar01 Dec 2025 10:59 AM
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भारतीय सेना ने हाल ही में सम्पन्न ऑपरेशन सिंदूर में विदेशी मैसेजिंग ऐप्स जैसे व्हाट्सएप को पूरी तरह से त्यागकर स्वदेशी 5G फोन का इस्तेमाल किया, जिसने अभियान के संचार को पूरी तरह सुरक्षित और भरोसेमंद बनाया। सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने बताया कि इस स्वदेशी तकनीक ने ऑपरेशन में तेज और गोपनीय संचार सुनिश्चित किया, जिससे अभियान की सफलता में निर्णायक भूमिका निभाई। इस फोन की सफलता ने न केवल सेना की रणनीति को सशक्त किया, बल्कि आत्मनिर्भर भारत के मिशन को भी नई ऊँचाइयों पर पहुँचाया।    Operation Sindoor

भारतीय सेना ने हाल ही में सम्पन्न ऑपरेशन सिंदूर में विदेशी मैसेजिंग ऐप्स जैसे व्हाट्सएप को पूरी तरह बंद करते हुए स्वदेशी 5G फोन ‘संभव’ (SAMBHAV) को प्राथमिक संचार माध्यम के रूप में अपनाया। सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने बताया कि संभव फोन ने तेज, सुरक्षित और भरोसेमंद संचार सुनिश्चित किया, जिससे अभियान की गोपनीयता अटूट रही। इस कदम को आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक रणनीतिक और निर्णायक सफलता के रूप में देखा जा रहा है।

ऑपरेशन सिंदूर: पाक आतंकियों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई

मई 2025 में शुरू हुए ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले का सटीक और कड़ा जवाब देना था, जिसमें पाकिस्तान से जुड़े आतंकियों ने 26 पर्यटकों की हत्या की थी। इसके तहत भारतीय सेना ने 7 मई को पाकिस्तान और PoK में नौ आतंकवादी ठिकानों पर हवाई हमले किए, जिनमें 100 से अधिक आतंकवादी मार गिराए गए। सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने इसे ‘ग्रे जोन’ ऑपरेशन करार दिया, यानी यह पूर्ण युद्ध से कम था, लेकिन रणनीतिक दृष्टि से बेहद प्रभावशाली साबित हुआ। इस अभियान में पहली बार थल सेना, वायु सेना और नौसेना ने इंटीग्रेटेड कमांड स्ट्रक्चर के तहत एकजुट होकर काम किया।    Operation Sindoor

संभव फोन: पूरी तरह स्वदेशी और सुरक्षित

संभव (SAMBHAV - Secure Army Mobile Bharat Version) भारतीय सेना के लिए विकसित एक स्वदेशी 5G स्मार्टफोन है, जो अत्याधुनिक मल्टी-लेयर एन्क्रिप्शन तकनीक से लैस है और जासूसी या डेटा लीक के किसी भी खतरे को पूरी तरह समाप्त करता है। इस फोन में एम-सिग्मा (M-Sigma) नामक ऐप मौजूद है, जो व्हाट्सएप जैसी सुविधा प्रदान करता है, लेकिन पूरी तरह सुरक्षित है। इसके जरिए सैनिक आसानी से दस्तावेज़, तस्वीरें और वीडियो साझा कर सकते हैं। जनवरी 2024 से अब तक इस परियोजना के अंतर्गत लगभग 30,000 संभव फोन सेना के अधिकारियों को वितरित किए जा चुके हैं, जिससे ऑपरेशनल संचार में सुरक्षा और विश्वसनीयता बढ़ी है।    Operation Sindoor

ऑपरेशन सिंदूर में संभव की भूमिका

जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने 9 सितंबर 2025 को नई दिल्ली में AIMA के 52वें नेशनल मैनेजमेंट कन्वेंशन में बताया कि ऑपरेशन सिंदूर में संभव फोन ने सभी कमांडरों को एक ही प्लेटफॉर्म पर ऑपरेशनल और खुफिया जानकारी साझा करने की सुविधा दी। इससे अभियान में समन्वय बढ़ा और पूरी प्रक्रिया पूरी तरह गोपनीय रही। संभव फोन नेटवर्क की कमजोरियों से अछूता है और यह युद्ध क्षेत्र हो या शांति वार्ता, दोनों परिस्थितियों में लगातार कनेक्टिविटी सुनिश्चित करता है। अक्टूबर 2024 में भारत-चीन सीमा वार्ता के दौरान भी संभव फोन का इस्तेमाल सफलता पूर्वक किया गया था।

व्हाट्सएप छोड़ने का कारण

पहले भारतीय सेना के अधिकारी व्हाट्सएप और अन्य विदेशी ऐप्स पर निर्भर रहते थे, लेकिन ये संवेदनशील सैन्य डेटा के लिए पूरी तरह सुरक्षित नहीं थे। संभव फोन ने इस चुनौती का समाधान पेश किया है। यह पूरी तरह एन्क्रिप्टेड है और विदेशी ऐप्स पर निर्भरता को खत्म करता है। जनरल उपेंद्र द्विवेदी के अनुसार, “संभव ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हमें तेज़, सुरक्षित और भरोसेमंद संचार प्रणाली मुहैया कराई। एम-सिग्मा ऐप ने व्हाट्सएप की जगह ली और दस्तावेज़, तस्वीरें और वीडियो पूरी सुरक्षा के साथ साझा किए गए।

संभव फोन की खासियत

  • 5G तकनीक: तेज और विश्वसनीय कनेक्टिविटी

  • मल्टी-लेयर एन्क्रिप्शन: जासूसी और डेटा लीक को असंभव बनाता है

  • एम-सिग्मा ऐप: सुरक्षित मैसेजिंग और मीडिया शेयरिंग

  • नेटवर्क स्वतंत्रता: एयरटेल और जिओ पर निर्बाध कार्य

  • स्वदेशी तकनीक: भारत के शीर्ष संस्थानों और कंपनियों ने मिलकर विकसित किया

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ऑपरेशन सिंदूर की रणनीति और सफलता

जनरल द्विवेदी ने ऑपरेशन सिंदूर की रणनीति की तुलना शतरंज के खेल से करते हुए कहा कि दुश्मन का अगला कदम अज्ञात था, लेकिन भारतीय सेना ने अपनी सूझ-बूझ और प्रौद्योगिकी के दम पर उसे पूरी तरह चकमा दे दिया। अभियान में उच्च तकनीक वाले ड्रोन, लंबी दूरी के रॉकेट, सटीक मिसाइल और लोइटरिंग म्यूनिशन्स का इस्तेमाल किया गया, जिसने ऑपरेशन को तेज़, प्रभावशाली और पूरी तरह नियंत्रित बना दिया।

सफलता की तीन कुंजी

  1. राजनीतिक स्पष्टता: सरकार ने स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए।

  2. एकीकृत योजना: तीनों सेनाओं और अन्य एजेंसियों का समन्वित प्रयास।

  3. तकनीक और खुफिया जानकारी: संभव फोन और ड्रोन ने सुरक्षित और तेज संचार सुनिश्चित किया।

आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कदम

संभव फोन सिर्फ सेना के संचार को सुरक्षित नहीं बनाता, बल्कि यह भारत की स्वदेशी तकनीक को भी नई ऊँचाइयों तक ले जाता है। रक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, ऑपरेशन सिंदूर में संभव ने न केवल मिशन की गोपनीयता और गति सुनिश्चित की, बल्कि भविष्य के लिए भी इसे और अधिक उन्नत बनाने की तैयारी चल रही है, ताकि यह किसी भी चुनौतीपूर्ण युद्ध या रणनीतिक स्थिति में सेना की सबसे बड़ी ताकत बन सके।    Operation Sindoor

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भारत के 15वें उपराष्ट्रपति के नाम से जाने जाएंगे सीपी राधाकृष्णन

भारत के 15वें उपराष्ट्रपति के नाम से जाने जाएंगे सीपी राधाकृष्णन
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calendar02 Dec 2025 02:13 AM
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सीपी राधाकृष्णन का नाम पूरी दुनिया जान गई है। मंगलवार 9 सितंबर 2025 को सीपी राधाकृष्णन भारत के उप राष्ट्रपति बन गए। सीपी राधाकृष्णन भारत के उपराष्ट्रपति बनने वाले 15वें उपराष्ट्रपति हैं। भारत तथा दुनिया में उपराष्ट्रपति पद के इतिहास की जब भी चर्चा होगी तो सीपी राधाकृष्णन का नाम भारत के 15वें उपराष्ट्रपति के रूप में गिना जाएगा। भारतीय इतिहास में सीपी राधाकृष्णन को 15वें उपराष्ट्रपति के नाम से पढ़ा तथा पढ़ाया जाएगा।  Vice President Of India

एक से बढक़र एक महान व्यक्ति बने हैं भारत के उपराष्ट्रपति

सीपी राधाकृष्णन से पहले भारत में 14 उपराष्ट्रपति बने हैं। भारत में उपराष्ट्रपति बनने वालों में एक से बढक़र एक व्यक्तित्व के धनी लोगों के नाम शामिल हैं। भारत के उपराष्ट्रपति बनने वालों में प्रसिद्ध शिक्षाविद, प्रसिद्ध वकील, अध्यापक, पूर्व केन्द्रीय मंत्री तथा पूर्व मुख्यमंत्री तक शामिल रहे हैं। आपकी याददाश्त के लिए हम आपको भारत के अब तक के सभी उपराष्ट्रपति बने महान नेताओं से परिचित करा रहे हैं।  Vice President Of India Vice President Of India

भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति थे डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन

आपको बता दें कि भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन थे। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन 13 मई 1952 से 12 मई 1962 तक भारत के उपराष्ट्रपति रहे। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म तमिलनाडु प्रदेश में हुआ था। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन महान दार्शनिक प्रसिद्ध शिक्षाविद, भारत की संस्कृति को आगे बढ़ाने वाले प्रसिद्ध आस्थावान हिन्दू विचारक थे। शिक्षा के प्रति उनके लगाव के कारण ही उनके नाम पर भारत में हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। दरअसल 5 सितंबर को भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिवस भी है। उनका जन्मदिन 5 सितंबर  1888 को हुआ था।  Vice President Of India Vice President Of India

भारत के दूसरे उपराष्ट्रपति डॉ. जाकिर हुसैन

भारत के दूसरे उपराष्ट्रपति कानाम डॉ. जाकिर हुसैन था। डॉ. जाकिर हुसैन 13 मई 1962 से 12 मई 1967 तक भारत के उपराष्ट्रपति रहे। डॉ. जाकिर हुसैन हैदराबाद के बहुत ही धनवान पठान घराने से आते थे। डॉ. जाकिर हुसैन को भारत रत्न से सम्मानित किया जा चुका है। उपराष्ट्रपति रहने के बाद डॉ. जाकिर हुसैन भारत के राष्ट्रपति भी बने थे।  Vice President Of India

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भारत के तीसरे उपराष्ट्रपति वराहगिरी वेंकटगिरी

भारत के तीसरे उपराष्ट्रपति का नाम वराइगिरी वेंकटगिरी था। उन्हें वी.वी. गिरी के नाम से जाना जाता है। वी.वी. गिरी 13 मई 1967 से 3 मई 1969 तक भारत के उपराष्ट्रपति रहे। वी.वी. गिरी मूल रूप से मद्रास के रहने वाले थे। भारत सरकार द्वारा वी.वी. गिरी को 1975 में भारत रत्न सम्मान से सम्मानित किया गया। वी.वी. गिरी भारत के सर्वप्रथम कार्यवाहक राष्ट्रपति भी बने थे। इतना ही नहीं वी.वी. गिरी ने सबको चौंकाते हुए निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर राष्ट्रपति का चुनाव लड़ा तथा कांग्रेस की तरफ से राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी नीलम संजीव रेड्डी को चुनाव हराकर भारत के चौथे राष्ट्रपति बने। Vice President Of India

गोपाल स्वरूप पाठक बने भारत के चौथे उपराष्ट्रपति

उत्तर प्रदेश के मूल निवासी गोपाल स्वरूप पाठक भारत के चौथे उपराष्ट्रपति बने थे। गोपाल स्वरूप पाठक भारत के चौथे उपराष्ट्रपति के रूप में 31 अगस्त 1969 से 30 अगस्त 1974 तक भारत के उपराष्ट्रपति रहे। उपराष्ट्रपति से पहले गोपाल स्वरूप पाठक उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट के जज, भारत सरकार में कानून मंत्री भी रहे थे। गोपाल स्वरूप पाठक भारत के ऐसे पहले उपराष्ट्रपति थे जो उपराष्ट्रपति रहने के बादा राष्ट्रपति नहीं बन पाए थे। उनसे पहले के तीनों उपराष्ट्रपति भारत के राष्ट्रपति बने थे।  Vice President Of India Vice President Of India

बासप्पा दनप्पा जत्ति बने भारत के 5वें उपराष्ट्रपति

भारत के 5वें उपराष्ट्रपति बासप्पा दनप्पा जत्ति बने थे। भारत के 5वें उपराष्ट्रपति को भारत की जनता बीडी जत्ति के नाम से भी जानती है। बीडी जत्ति 31 अगस्त 1974 से 30 अगस्त 1979 तक भारत के उपराष्ट्रपति रहे। बी.डी.जत्ति वर्ष 1977 में उपराष्ट्रपति रहते हुए भारत के कार्यवाहक राष्ट्रपति भी रहे। दरअसल 1977 में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति फखरूद्दीन अली अहमद के निधन के बाद 6 महीने तक भारत के कार्यवाहक राष्ट्रपति रहे थे। Vice President Of India

मोहम्मद हिदायतुल्ला बने भारत के छठे उपराष्ट्रपति

भारत के छठे उपराष्ट्रपति का नाम मोहम्मद हिदायतुल्ला था। मो. हिदायतुल्ला 31 अगस्त 1979 से 30 अगस्त 1984 तक भारत के उपराष्ट्रपति रहे। भारत के छठे उपराष्ट्रपति के रूप में प्रसिद्ध मो. हिदायतुल्ला की सबसे बड़ी विशेषता यह थी कि भारत का उपराष्ट्रपति बनने से पहले वह भारत के पहले मुख्य न्यायाधीश बने थे। उपराष्ट्रपति रहते हुए उन्होंने दो बार भारत के राष्ट्रपति पद का कार्यवाहक पदभार भी संभाला। Vice President Of India

भारत के सातवें उपराष्ट्रपति बने रामास्वामी वेंकटरमन

भारत के सातवें उपराष्ट्रपति का नाम रामास्वामी वेंकटरमन था। भारत के सातवें उपराष्ट्रपति को आर. वेंकटरमन के नाम से भी जाना जाता है। भारत के उपराष्ट्रपति के तौर पर आर.वेंकटरमन का कार्यकाल 31 अगस्त 1984 से 14 जुलाई 1987 तक रहा। उपराष्ट्रपति के बाद आर.वेंकटरमन वर्ष 1987 में भारत के राष्ट्रपति बने तथाा वर्ष-1992 तक भारत के राष्ट्रपति रहे।  Vice President Of India Vice President Of India

डॉ. शंकर दयाल शर्मा बने भारत के आठवें उपराष्ट्रपति

डॉ. शंकर दयाल शर्मा भारत के 8वें उपराष्ट्रपति थे। उपराष्ट्रपति के तौर पर डॉ. शंकर दयाल शर्मा का कार्यकाल 3 सितंबर 1987 से 24 जुलाई 1992 तक रहा। उपराष्ट्रपति बनने से पहले डॉ. शंकर दयाल शर्मा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे थे। डॉ. शंकर दयाल शर्मा हिंदी, अंग्रेजी तथा संस्कृति भाषाओं के विदवान थे। Vice President Of India

के.आर. नारायणन बने भारत के 9वें उपराष्ट्रपति

के.आर. नारायणन भारत के 9वें उपराष्ट्रपति बने थे। मूल रूप से केरल प्रदेश के रहने वाले के.आर. नारायणन उपराष्ट्रपति बनने से पहले चीन में भारत के राजदूत पद पर तैनात रहे थे। के.आर. नारायणन 21 अगस्त 1992 से 24 जुलाई 1997 तक भारत के उपराष्ट्रपति रहे। Vice President Of India

कृष्णकांत बने भारत के 10वें उपराष्ट्रपति

कृष्णकांत भारत के 10वें उपराष्ट्रपति थे। उत्तर प्रदेश तथा आंध्र प्रदेश जैसे भारत के महत्वपूर्ण प्रदेशों के राज्यपाल पद पर तैनात रह चुके कृष्णकांत उपराष्ट्रपति पद तक पहुंचे थे। कृष्णकांत भारत में काम करने वाली राजनैतिक पार्टी कांग्रेस पार्टी तथा जनता दल जैसे अनेक दलों में रहे थे। भारत के उपराष्ट्रपति के तौर पर कृष्णकांत का कार्यकाल 21 अगस्त 1997 से 27 जुलाई 2002 तक रहा था। Vice President Of India

भारत के 11वें उपराष्ट्रपति बने भैरो सिंह शेखावत

भारत के 11वें उपराष्ट्रपति का नाम बहुत ही खास है। 3 बार राजस्थान प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे भैरो सिंह शेखावत भारत के 11वें उपराष्ट्रपति बने थे। उनका कार्यकाल 19 अगस्त 2002 से लेकर 21 जुलाई 2007 तक रहा। राजनीति में आने से पहले भैरो सिंह शेखावत राजस्थान पुलिस में छोटी सी नौकरी करते थे। पुलिस की छोटी सी नौकरी से लेकर उपराष्ट्रपति तक की उनकी यात्रा को बड़े सम्मान के साथ याद किया जाता है।

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भारत के 12वें उपराष्ट्रपति बने मो. हामिद अंसारी

भारत के 12वें उपराष्ट्रपति मो. हामिद अंसारी बने थे। उपराष्ट्रपति बनने से पहले मो. हामिद अंसारी भारतीय विदेश सेवा यानि IFS के अधिकारी थे। IFS  अधिकारी रहते हुए मो. हामिद अंसारी अफगानिस्तान, दुबई व ईरान में भारत के राजदूत रहे थे। मो. हामिद अंसारी 11 अगस्त 2007 से 10 अगस्त 2017 तक 10 साल तक भारत के उपराष्ट्रपति रहे थे। Vice President Of India

एम.वेंकैया नायडू रहे भारत के 13वें उपराष्ट्रपति

एम.वेंकैया नायडू भारतीय जनता पार्टी के चर्चित नेता थे। वर्ष-2017 में 11 अगस्त को एम. वेंकैया नायडू भारत के उपराष्ट्रपति बने तथा 10 अगस्त 2022 तक भारत के उपराष्ट्रपति रहे। Vice President Of India

जगदीप धनखड़ रहे भारत के 14वें उपराष्ट्रपति

हाल ही में भारत के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने वाले जगदीप धनखड़ भारत के 14वें उपराष्ट्रपति रहे। जगदीप धनखड़ भारत के ऐसे उपराष्ट्रपति रहे जो उपराष्ट्रपति पद से बीच में ही त्याग-पत्र देकर उपराष्ट्रपति पद को चर्चा का विषय बनाने वाले  रहे। जगदीप धनखड़ का कार्यकाल 11 अगस्त 2022 से 21 जुलाई 2025 तक रहा। जगदीप धनखड़ को भारत के उपराष्ट्रपति के इतिहास में सबसे चर्चित उपराष्ट्रपति के रूप में पढ़ा तथा पढ़ाया जाएगा। Vice President Of India
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एक कातिल हसीना ने फंसाया 850 रईसजादों को

एक कातिल हसीना ने फंसाया 850 रईसजादों को
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calendar02 Dec 2025 04:10 AM
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उसे कातिल हसीना कहें, ड्रग्स क्वीन कहें या रईस घर के लडक़ों को फंसाने वाली हसीना कहें। यह सारे नाम एक ही युवती के हैं। इस युवती का असली नाम नव्या मलिक है। ड्रग्स तस्करी के बहुत बड़े रैकेट का हिस्सा रही नव्या मलिक की कहानी बेहद चौंकाने वाली कहानी है। नव्या मलिक नाम की इस हसीना ने एक-दो नहीं बल्कि 850 रईस लडक़ों को अपने जाल में फंसाकर बर्बाद कर दिया है। नव्या मलिक के कारनामे सुनकर हर कोई हैरान है।    Navya Malik

कौन है 850 युवकों को बर्बाद करने वाली नव्या मलिक

850 युवकों को बर्बाद करने वाली नव्या मलिक को छत्तीसगढ़ प्रदेश की पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस ने नव्या मलिक के साथ ही साथ हर्ष आहूजा नाम के एक ड्रग्स तस्कर तथा विधी अग्रवल नाम की युवती को भी पकड़ा है। गिरफ्तारी के बाद नव्या मलिक के विषय में एक से बढक़र एक खुलासे हो रहे हैं। सबसे बड़ा खुलासा यह हुआ है कि नव्या मलिक ने 850 से ज्यादा युवकों को अपनी खूबसूरती के जाल में फंसाकर पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है। Navya Malik

नव्या मलिक के हमराज ने खोले सारे राज

छत्तीसगढ़ पुलिस ने बहुत बड़े ड्रग्स सिंडिकेट का भंडाफोड किया है। ड्रग्स सिंडिकेट में शामिल हर्ष आहूजा ने पुलिस को कातिल हसीना नव्या मलिक के सारे राज बता दिए हैं। हर्ष आहूजा ने पुलिस को बताया कि उनके ड्रग्स सिंडिकेट का मुख्य अड्डा एक क्लब था। उसने बताया कि क्लब में आने वाले रईसजादों से पहले युवतियों की दोस्ती करवाई जाती थी। उसके बाद युवतियां इन युवाओं को ड्रग्स के लिए उकसाती थी। उसके बाद उन्हें अपना कंज्यूमर बना लेती थीं। नव्या मलिक और विधि अग्रवाल भी अपने ड्रग्स के कारोबार को ऐसे ही फैलाती थी। हर्ष आहूजा ने खुलासा किया है कि इंटीरियर डिजाइनर नव्या मलिक और विधि अग्रवाल इस खेल में केवल एक मोहरा हैं उनके पीछे बड़ा गिरोह है।    v उसने पुलिस को बताया कि ड्रग्स रैकेट के पीछे दिल्ली, मुंबई और पंजाब के बड़े माफिया शामिल हैं। नव्या मलिक होटल, पब और क्लब में रईसजादों से दोस्ती करती थी उसके बाद उन्हें ड्रग्स के लिए उकसाती थी। नव्या मलिक के फोन से कई रईसजादों के नंबर मिले हैं। इनमें से कोई विधायक का बेटा है तो कोई पूर्व मंत्री का। इसके अलावा शराब कारोबारी और दूसरे बड़े लोगों के बेटे भी शामिल हैं। हालांकि पुलिस ने अभी तक इनमें से किसी को गिरफ्तार नहीं किया है। पूछताछ में हर्ष आहूजा ने खुलासा किया है कि पहली बार उसने दिल्ली के मोनू विश्नोई से ड्रग्स मंगवाई थी। उसके बाद वह नव्या से ड्रग्स खरीदता था। हर्ष आहूजा के खुलासे के बाद पूरे सिंडिकेट का खुलासा हुआ है। फिलहाल पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है। हर्ष आहूजा, नव्या मलिक का पड़ोसी था।    Navya Malik

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पूरे देश में फैला हुआ था नव्या मलिक का जाल

पूछताछ के दौरान पता चला है कि नव्या मलिक तथा उसके गिरोह का जाल पूरे देश में फैला हुआ था। नव्या मलिक ने पूछताछ में पुलिस को बताया है कि छत्तीसगढ़ के रायपुर के अलावा पुणे, मुंबई और गोवा में टेक्नो पार्टी और ड्रग्स पार्टी होती थी। पुलिस आरोपियों से पूछताछ के आधार पर ड्रग्स खरीदारों की लिस्ट बना रही है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, नव्या मलिक और विधि हर महीने मुंबई और गोवा का दौरा करती थीं, जहां संभ्रांत घरानों के युवक-युवतियां रातभर चलने वाली इन पार्टियों में शामिल होते थे। दोनों ने राजधानी रायपुर, नवा रायपुर, मंदिर हसौद, वीआईपी रोड और चंद्रखुरी के होटल, रिसॉर्ट, क्लब और फार्म हाउस की जानकारी दी है, जहां ये पार्टियां आयोजित होती थीं। विधि की ईवेंट कंपनी रायपुर के बड़े होटल, क्लब और मैरिज पैलेस में न्यू ईयर सेलिब्रेशन सहित कई ईवेंट्स आयोजित करती थी। पूछताछ में खुलासा हुआ कि ये पार्टियां 25-30 लोगों के ग्रुप के साथ शुरू होती थीं। इसमें रईसजादे शामिल होते थे। इन फार्म हाउस में ड्रग्स के साथ अश्लील गतिविधियां भी होती थीं। पुलिस ने नव्या, विधि और हर्ष आहूजा को रिमांड पर लिया है, जिनसे लगातार पूछताछ जारी है। तीनों का संपर्क बड़े उद्योगपतियों, कारोबारियों, सीए, पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों से था, जिनके साथ पार्टी करने की बात भी कबूल की गई है।    Navya Malik Navya Malik

रात भर चलने वाली पार्टियों की क्वीन थी नव्या मलिक

छत्तीसगढ़ पुलिस के एक अधिकारी ने बताया है कि ड्रग्स क्वीन नव्या मलिक लोगों की नजर में इंटीरियर डिजाइनर है। वह घर को खूबसूरत बनाते-बनाते ही ड्रग्स नेटवर्क से जुड़े लोगों के संपर्क में आई थी। बताया जा रहा है कि ड्रग्स सिंडिकेट में नव्या मलिक का पार्टनर अयान परवेज था। अयान रायपुर के मोतीनगर इलाके में रहता है। अयान और नव्या मिलकर पार्टियों में ड्रग्स की सप्लाई करते थे। हाई प्रोफाइल पार्टियों में नव्या खुद ही जाती थी। ऐसी चर्चा है कि पार्टियों में अपने लोगों के बीच में नव्या मलिक सिंडिकेट की डार्लिंग के नाम से मशहूर थी। पार्टियों में नव्या मलिक पूरी रात मौज-मस्ती करती तथा करवाती थी। उसे पार्टियों की क्वीन भी कहा जाता था।    Navya Malik