Manipur Violence : सुरक्षाबलों और भीड़ के बीच झड़प, भाजपा नेताओं के घर जलाने की कोशिश




Rajsthan News : राजस्थान से अक्सर ऐसी खबरें आती हैं जो इमोशनल कर देती हैं, इसी तरह का एक और मामला राजस्थान के जोधपुर शहर के ग्रामीण इलाके से है। करीब 45 साल से मोहल्ले वालों को शुद्ध और ताजा सब्जियां खिलाने वाले 75 साल के सब्जी विक्रेता को गांव वालों ने इतनी शानदार विदाई दी, कि लोगों की आंखें नम हो गई।
दरअसल, जोधपुर ग्रामीण इलाके में स्थित पीपाड़ तहसील के कांगड़ा गांव में रहने वाले पारसराम माली करीब 45 साल से सब्जी बेचने का काम कर रहे हैं। तहसील इलाके की कई मोहल्लों में वह हर सवेरे करीब 7:00 बजे नियमित रूप से सब्जी बेचने पहुंचते थे और उसके बाद 10:00 बजे तक मोहल्ले वालों को शुद्ध और ताजा सब्जियां बेचते थे। बेहद कम दामों में शुद्ध और ताजा सब्जियां मिलने के कारण गांव वालों का उनसे तगड़ा अटैचमेंट था।
लेकिन लगातार उम्र बढ़ने के साथ साथ में सब्जी बेचने का काम कम करने लगे। कुछ दिन पहले गांव के लोगों को कहा कि अब वह सब्जी नहीं दे पाएंगे, क्योंकि उनका स्वास्थ्य खराब रहता है। ऐसे में इसकी जानकारी गांव के सरपंच प्रकाश बोराणा तक पहुंची तो उन्होंने सब्जी विक्रेता पारसराम माली के लिए एक छोटा सा आयोजन करने की सोची। गांव के कुछ लोगों ने रुपए इखट्टे किए और 1 लाख 51 हजार रुपए जमा करने के साथ अपने माली काका को सरप्राइस फेयरवेल पार्टी दी। गांव के कुछ लोग इस में जमा हुए।
मौके पर जब पारसराम माली यानी माली काका सब्जी बेचने आखिरी दिन पहुंचे तो गांव वालों का ऐसा स्वागत देखकर वह इमोशनल हो गए और उनकी आंखों से आंसू बहने लगे। सरपंच ने कहा कि हम 45 साल से माली काका को हर रोज ताजा और स्वादिष्ट सब्जियों के साथ देखते आ रहे हैं, लेकिन अभी 75 साल के हो गए हैं तो आगे का जीवन सही से गुजरे इसके लिए गांव वालों ने अपनी ओर से कुछ भेंट माली काका को दी है । उसके बाद उन्हें उनके गांव तक ढोल नगाड़े बजाते हुए ग्रामीण छोड़ने भी गए। इस विदाई पार्टी की चर्चा पूरे गांव के साथ-साथ अब पूरे जिले में भी हो रही है। Rajsthan News
Rajsthan News : राजस्थान से अक्सर ऐसी खबरें आती हैं जो इमोशनल कर देती हैं, इसी तरह का एक और मामला राजस्थान के जोधपुर शहर के ग्रामीण इलाके से है। करीब 45 साल से मोहल्ले वालों को शुद्ध और ताजा सब्जियां खिलाने वाले 75 साल के सब्जी विक्रेता को गांव वालों ने इतनी शानदार विदाई दी, कि लोगों की आंखें नम हो गई।
दरअसल, जोधपुर ग्रामीण इलाके में स्थित पीपाड़ तहसील के कांगड़ा गांव में रहने वाले पारसराम माली करीब 45 साल से सब्जी बेचने का काम कर रहे हैं। तहसील इलाके की कई मोहल्लों में वह हर सवेरे करीब 7:00 बजे नियमित रूप से सब्जी बेचने पहुंचते थे और उसके बाद 10:00 बजे तक मोहल्ले वालों को शुद्ध और ताजा सब्जियां बेचते थे। बेहद कम दामों में शुद्ध और ताजा सब्जियां मिलने के कारण गांव वालों का उनसे तगड़ा अटैचमेंट था।
लेकिन लगातार उम्र बढ़ने के साथ साथ में सब्जी बेचने का काम कम करने लगे। कुछ दिन पहले गांव के लोगों को कहा कि अब वह सब्जी नहीं दे पाएंगे, क्योंकि उनका स्वास्थ्य खराब रहता है। ऐसे में इसकी जानकारी गांव के सरपंच प्रकाश बोराणा तक पहुंची तो उन्होंने सब्जी विक्रेता पारसराम माली के लिए एक छोटा सा आयोजन करने की सोची। गांव के कुछ लोगों ने रुपए इखट्टे किए और 1 लाख 51 हजार रुपए जमा करने के साथ अपने माली काका को सरप्राइस फेयरवेल पार्टी दी। गांव के कुछ लोग इस में जमा हुए।
मौके पर जब पारसराम माली यानी माली काका सब्जी बेचने आखिरी दिन पहुंचे तो गांव वालों का ऐसा स्वागत देखकर वह इमोशनल हो गए और उनकी आंखों से आंसू बहने लगे। सरपंच ने कहा कि हम 45 साल से माली काका को हर रोज ताजा और स्वादिष्ट सब्जियों के साथ देखते आ रहे हैं, लेकिन अभी 75 साल के हो गए हैं तो आगे का जीवन सही से गुजरे इसके लिए गांव वालों ने अपनी ओर से कुछ भेंट माली काका को दी है । उसके बाद उन्हें उनके गांव तक ढोल नगाड़े बजाते हुए ग्रामीण छोड़ने भी गए। इस विदाई पार्टी की चर्चा पूरे गांव के साथ-साथ अब पूरे जिले में भी हो रही है। Rajsthan News

Manipur Case / नई दिल्ली। कांग्रेस ने मणिपुर में हिंसा को लेकर शुक्रवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि अब देश इस विषय पर सरकार से जवाब मांग रहा है और ऐसे में तत्काल सर्वदलीय बैठक बुलाई जानी चाहिए। पार्टी के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने यह भी कहा कि ‘डबल इंजन’ का फार्मूला कर्नाटक में विफल हुआ और वहां के लोगों ने भाजपा को बाहर का रास्ता दिखाया और अब ‘डबल इंजन सरकार’ मणिपुर की जनता को निराश कर रही है।
पूर्व गृह मंत्री ने ट्वीट कर कहा, ‘‘एक इंजन (मणिपुर सरकार) में ईंधन नहीं है। दूसरा इंजन (केंद्र) अलग हो गया है...यह स्पष्ट है कि मुख्यमंत्री बीरेन सिंह मणिपुर में सभी तबकों का विश्वास खो चुके हैं। यह भी स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री मोदी भी मणिपुर के लोगों से बात करने और शांति की अपील करने के इच्छुक नहीं हैं।’’
कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने ट्वीट किया, ‘‘प्रधानमंत्री ने चुप्पी साध रखी है और उनकी सरकार ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। इस भयावह हालात के लिए कौन जिम्मेदार है?’’ वेणुगोपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को तत्काल सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए क्योंकि देश जवाब मांग रहा है।
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने दावा किया, ‘‘मणिुपर में अब केंद्र सरकार के एक मंत्री का घर जला दिया गया है। कानून-व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त है। हाल ही में गृह मंत्री गए थे। लेकिन उनके दौरे के बाद हिंसा और भड़क गई है।’’
उन्होंने यह भी कहा, ‘‘इतने बड़े पैमाने पर हिंसा भड़कने के बाद भी प्रधानमंत्री ने अब तक एक शब्द नहीं बोला है। प्रधानमंत्री को इसका संज्ञान लेना चाहिए और स्थिति में सुधार के लिए प्रयास करना चाहिए।’’
मणिपुर में करीब डेढ़ महीने पहले मेइती और कुकी समुदाय के लोगों के बीच भड़की जातीय हिंसा के बाद से 100 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। मणिपुर के 11 जिलों में कर्फ्यू लागू है, जबकि अफवाहों को रोकने के लिए इंटरनेट सेवाएं निलंबित हैं।
गौरतलब है कि मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद ये झड़पें शुरू हुई थीं। Manipur Case
Manipur Case / नई दिल्ली। कांग्रेस ने मणिपुर में हिंसा को लेकर शुक्रवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि अब देश इस विषय पर सरकार से जवाब मांग रहा है और ऐसे में तत्काल सर्वदलीय बैठक बुलाई जानी चाहिए। पार्टी के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने यह भी कहा कि ‘डबल इंजन’ का फार्मूला कर्नाटक में विफल हुआ और वहां के लोगों ने भाजपा को बाहर का रास्ता दिखाया और अब ‘डबल इंजन सरकार’ मणिपुर की जनता को निराश कर रही है।
पूर्व गृह मंत्री ने ट्वीट कर कहा, ‘‘एक इंजन (मणिपुर सरकार) में ईंधन नहीं है। दूसरा इंजन (केंद्र) अलग हो गया है...यह स्पष्ट है कि मुख्यमंत्री बीरेन सिंह मणिपुर में सभी तबकों का विश्वास खो चुके हैं। यह भी स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री मोदी भी मणिपुर के लोगों से बात करने और शांति की अपील करने के इच्छुक नहीं हैं।’’
कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने ट्वीट किया, ‘‘प्रधानमंत्री ने चुप्पी साध रखी है और उनकी सरकार ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। इस भयावह हालात के लिए कौन जिम्मेदार है?’’ वेणुगोपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को तत्काल सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए क्योंकि देश जवाब मांग रहा है।
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने दावा किया, ‘‘मणिुपर में अब केंद्र सरकार के एक मंत्री का घर जला दिया गया है। कानून-व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त है। हाल ही में गृह मंत्री गए थे। लेकिन उनके दौरे के बाद हिंसा और भड़क गई है।’’
उन्होंने यह भी कहा, ‘‘इतने बड़े पैमाने पर हिंसा भड़कने के बाद भी प्रधानमंत्री ने अब तक एक शब्द नहीं बोला है। प्रधानमंत्री को इसका संज्ञान लेना चाहिए और स्थिति में सुधार के लिए प्रयास करना चाहिए।’’
मणिपुर में करीब डेढ़ महीने पहले मेइती और कुकी समुदाय के लोगों के बीच भड़की जातीय हिंसा के बाद से 100 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। मणिपुर के 11 जिलों में कर्फ्यू लागू है, जबकि अफवाहों को रोकने के लिए इंटरनेट सेवाएं निलंबित हैं।
गौरतलब है कि मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद ये झड़पें शुरू हुई थीं। Manipur Case