Kerala News : दान में मिली नकदी की गिनती में कोई चूक हुई या नहीं पता लगाएं : कोर्ट

Kerala
Find out if there was any mistake in counting the donated cash: Court
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 05:26 PM
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कोच्चि। केरल उच्च न्यायालय ने त्रावणकोर देवस्वओम बोर्ड (टीडीबी) की सतर्कता शाखा को सबरीमाला सन्निधानम में हालिया तीर्थयात्रा के दौरान दान में मिली नकदी की गिनती में कोई चूक हुई या नहीं, यह पता लगाने और इस संबंध में रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। सबरीमाला सन्निधानम में दो महीने की तीर्थयात्रा के दौरान पैकेटों में और नकद दान दिया गया था।

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न्यायमूर्ति अनिल के. नरेन्द्रन और न्यायमूर्ति पीजी अजित कुमार की एक पीठ ने उन खबरों के मद्देनजर निर्देश जारी किया, जिनमें दावा किया गया है कि प्रसाद या पैकेटों में मिले दान की गिनती नहीं होने के कारण उसमें रखे नोट खराब हो गए और अब वह किसी काम के नहीं रहे।

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अदालत ने सबरीमाला के विशेष आयुक्त को रिपोर्ट देने को कहा था, जिसमें तीर्थयात्रा के दौरान पहाड़ी मंदिर में ‘कनिका’ (दान/मौद्रिक प्रसाद) की गिनती के संबंध में जानकारी हो। यात्रा 19 जनवरी को सम्पन्न हुई थी। मंदिर 20 जनवरी को बंद रहेगा। विशेष आयुक्त ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि मौजूदा तीर्थयात्रा के दौरान सबरीमाला सन्निधानम में प्रसाद के कई डिब्बों में भक्तों ने भारी मात्रा में नकदी और सिक्के चढ़ाए।

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रिपोर्ट के अनुसार, नए भंडारम (कोफर) और पुराने भंडारम में नकदी और पैकेट में मिले दान की गिनती जारी है। ऐसा अनुमान है कि नए भंडारम में जिन सिक्कों की गिनती जारी है, वह 20 जनवरी को मकरविलक्कु उत्सव समाप्त होने पर मंदिर बंद होने तक पूरी नहीं हो पाएगी। जगह की कमी की वजह से सिक्कों को गिनती करने के लिए अन्नधन मंडपम ले जाया जा रहा है।

Maharashtra News : कोरेगांव-भीमा हिंसा की जांच करने वाले आयोग को मिला तीन महीने का विस्तार

विशेष आयुक्त ने अदालत को बताया कि वह गिनती का निरीक्षण करेंगे और प्रक्रिया के वर्तमान चरण पर एक और रिपोर्ट दाखिल करेंगे। टीडीबी ने 13 जनवरी को बताया था कि 12 जनवरी तक (जब दो महीने की वार्षिक तीर्थयात्रा जारी थी) मंदिर को 310.40 करोड़ रुपये का दान मिला। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें। News uploaded from Noida
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Maharashtra News : कोरेगांव-भीमा हिंसा की जांच करने वाले आयोग को मिला तीन महीने का विस्तार

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The commission probing the Koregaon-Bhima violence got an extension of three months
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 09:20 PM
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पुणे। महाराष्ट्र सरकार ने कोरेगांव-भीमा हिंसा मामले की जांच के लिए गठित आयोग को तीन महीने का नया विस्तार दिया है। जांच आयोग ने कुछ गवाहों के बयान दर्ज करने के लिए और समय की मांग की थी।

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एक जनवरी, 2018 को पुणे के बाहरी इलाके कोरेगांव-भीमा में हुई हिंसा की जांच के लिए यह आयोग गठित किया गया था। दो सदस्यीय जांच आयोग को पहले दिया गया विस्तार 31 दिसंबर, 2022 तक वैध था। महाराष्ट्र सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक, जांच आयोग को 31 दिसंबर, 2022 तक का समय दिया गया था। अब आयोग को अपनी रिपोर्ट जमा करने के लिए 31 मार्च, 2023 तक का समय दिया गया है।

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अधिसूचना में कहा गया है कि जांच आयोग ने कार्यकाल बढ़ाने की मांग की है, क्योंकि उसे कुछ गवाहों के बयान दर्ज करने हैं और उनसे जिरह भी करनी है। दो सदस्यीय जांच आयोग उन परिस्थितियों की जांच कर रहा है, जिनके कारण हिंसा भड़की। आयोग में कलकत्ता उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जेएन पटेल और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्य सचिव सुमित मलिक हैं।

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तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार के सत्ता में रहने के दौरान ही वर्ष 2018 में इस जांच आयोग का गठन किया गया था। तब से आयोग को कई सेवा विस्तार दिए गए हैं। एक जनवरी, 2018 को पुणे जिले में कोरेगांव-भीमा युद्ध स्मारक के पास हिंसा भड़क गई थी।

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इतिहासकारों के अनुसार एक जनवरी, 1818 को कोरेगांव भीमा में पेशवा की फौज से लड़ने वाली ब्रिटिश सेना में ज्यादातर दलित महार समुदाय के सैनिक शामिल थे, जिन्होंने पेशवा के 'जातिवाद' से मुक्ति के लिए युद्ध छेड़ा था। हर साल इस दिन, बड़ी संख्या में लोग, मुख्य रूप से दलित समुदाय के व्यक्ति ‘जयस्तंभ’ पहुंचते हैं। अंग्रेजों ने कोरेगांव भीमा की लड़ाई में पेशवा के खिलाफ लड़ने वाले सैनिकों की याद में यह स्मारक बनवाया था। एक जनवरी, 2018 को ऐतिहासिक युद्ध की 200वीं वर्षगांठ के दौरान कोरेगांव भीमा गांव के पास हिंसा भड़क गई थी, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और कई घायल हो गए थे। पुणे पुलिस के अनुसार, एक दिन पहले पुणे शहर में आयोजित एल्गार परिषद सम्मेलन में दिए गए भड़काऊ भाषणों की वजह से हिंसा भड़की थी। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें। News uploaded from Noida
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Lakhimpur Kheri Case: उत्तर प्रदेश सरकार ने आशीष मिश्रा की जमानत याचिका का किया विरोध

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Lakhimpur Kheri Case
locationभारत
userचेतना मंच
calendar19 Jan 2023 06:17 PM
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Lakhimpur Kheri Case: नयी दिल्ली। उत्तर प्रदेश सरकार ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत याचिका का बृहस्पतिवार को विरोध करते हुए उच्चतम न्यायालय में कहा कि यह अपराध घिनौना एवं गंभीर है।

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आपको बता दें कि आशीष मिश्रा केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे हैं। उत्तर प्रदेश की अतिरिक्त महा अधिवक्ता गरिमा प्रसाद ने न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जेके माहेश्वरी की पीठ से कहा कि अपराध गंभीर है।

उन्होंने कहा कि यह एक गंभीर व घिनौना अपराध है और इससे समाज में गलत संदेश जाएगा।

गौरतलब है कि तीन अक्टूबर 2021 को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में उस समय हुई हिंसा में आठ लोग मारे गए थे, जब किसान क्षेत्र में उत्तर प्रदेश के तत्कालीन उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे का विरोध कर रहे थे।

उत्तर प्रदेश पुलिस की प्राथमिकी के अनुसार, एक एसयूवी ने चार किसानों को कुचल दिया था, जिसमें आशीष मिश्रा भी सवार था। घटना से आक्रोशित किसानों ने एसयूवी के चालक और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दो कार्यकर्ताओं की कथित तौर पर पीट पीटकर जान ले ली थी। हिंसा में एक पत्रकार भी मारा गया था।

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