Tuesday, 7 May 2024

Twin Tower Debris: एक बार फिर से चर्चाओं में

पिछले वर्ष अगस्त महीने में लोगों ने नोएडा की गगनचुम्बी इमारत supertech emerald court Twin Tower को ध्वस्त होते हुए…

Twin Tower Debris: एक बार फिर से चर्चाओं में

पिछले वर्ष अगस्त महीने में लोगों ने नोएडा की गगनचुम्बी इमारत supertech emerald court Twin Tower को ध्वस्त होते हुए देखा। लेकिन अभी भी ध्वस्त हुई बिल्डिंग का मलबा (Twin Tower Debris) वहीं पर पड़ा हुआ है। हालांकि इस मलबे को हटाने की समय सीमा फ़रवरी तक निश्चित की गयी थी किन्तु मलबा हटाने की इस प्रक्रिया में आस – पास के लोगों को नयी दिक्क़तों का सामना करना पड़ रहा है। आइये जानते हैं कि ध्वस्त होने के बाद भी अब Twin Tower Debris किस तरह से लोगों को परेशान कर रहा है…

 

ध्वनि प्रदूषण है लोगों की मुख्य समस्या

बिल्डिंग को गिराने के बाद उसके मलबे (Twin Tower Debris )को हटाने का काम एक बार फिर से रोक दिया गया है और इसका कारण है मलबा उठाने वाली मशीनों से होने वाला शोर। बताया जा रहा है कि प्रयोग की जाने वाली मशीनों से तय मानक से ज्यादा शोर उत्पन्न हो रहा था जिसके बारे में स्थानीय लोगों ने प्रशासन को आगाह करवाया। इस मामले में उत्तर प्रदेश प्रदूषण बोर्ड की तरफ से भी एक रिपोर्ट प्रस्तुत की गयी थी।

पहले से कम की गयीं मलबा तोड़ने एवं हटाने वाली मशीनों की संख्या

10 जनवरी को इस कार्य में प्रयुक्त होने वाली 5 मशीनों की संख्या घटा कर 3 कर दी गयी है। जिससे अब मलबा हटाने के कार्य में भी देरी हो रही है और इससे होने वाली दिक्क़तों का सामना emerald court और ATS green emerald के लोगों को करना पड़ रहा है।

बताया जा रहा है कि इन मशीनों से होने वाले शोर की सीमा 85 डेसीबल तक थी। जबकि दिन के समय मानक ध्वनि सीमा 55 डेसबल है और रात्रि के समय यह 45 डेसीबल निश्चित की गयी है। तेज़ ध्वनि के साथ साथ आस पास के लोगों को वाइब्रेशन का सामना भी करना पड़ रहा है जिससे उनके स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा है। लोगों का कहना है कि मशीनों की संख्या कम किये जाने के बाद भी तेज़ ध्वनि और वाइब्रेशन पर ज्यादा असर नहीं पड़ा है और ध्वस्त होने के बाद भी Twin Tower Debris उनकी परेशानियों को कम नहीं कर रहा है।

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