अचानक पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बन गया है गुजरात का सूरत, वजह है खास

Untitled design 2024 04 24T144904.103
Gujarat News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 08:24 PM
bookmark
Gujarat News : गुजरात प्रदेश का सूरत शहर अचानक पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बन गया है। सब जानते हैं कि गुजरात का सूरत शहर हीरा व्यापार का प्रमुख केन्द्र है। इस बार गुजरात का यह शहर हीरे के व्यापार के लिए प्रसिद्ध नहीं हुआ है। गुजरात के सूरत क्षेत्र में अचानक कुछ ऐसा हो गया है कि भारत के प्रसिद्ध प्रदेश गुजरात का यह क्षेत्र रातोंरात पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बन गया है।

Gujarat News

राजनीतिक घटना बनी गुजरात की चर्चा का कारण

आपको बता दें कि गुजरात की सूरत लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के लोकसभा प्रत्याशी मुकेश दलाल र्निविरोध चुनाव जीत गए हैं। लोकसभा के चुनाव में र्निविरोध जीतना एक अनोखी घटना है। इसी कारण गुजरात के सूरत क्षेत्र की चर्चा अचानक दुनिया के सभी लोकतांत्रिक देशों में हो रही है। गुजरात के सूरत क्षेत्र की इस घटना ने हजारों साल पहले भगवान श्रीराम के जमाने में पैदा हुए विभीषण की याद भी ताजा कर दी है। "विभीषण को घर का भेदी लंका ढावे" वाली कहावत से भी याद किया जाता है। ऐसा ही कुछ गुजरात के सूरत में हुआ है। दरअसल भाजपा के प्रत्याशी को गुजरात की सूरत सीट से र्निविरोध सांसद बनाने का काम कांग्रेस के लिए विभीषण साबित हुए कांग्रेस के अपने नेता नीलेश कुभांणी ने किया है। अब गुजरात से लेकर दिल्ली तक हर कोई नीलेश कुंभाणी को कांग्रेस का विभीषण बता रहा है। मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि गुजरात की यह पूरी कहानी "द गुजरात स्टोरी" नीलेश कुंभाणी ने ही लिखी है। इसी कहानी के कारण पूरी दुनिया में गुजरात शहर के सूरत की खूब चर्चा हो रही थी।

कुछ इस प्रकार लिखी गई गुजरात की कहानी

आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव के नतीजे आने से पहले ही गुजरात की सूरत सीट से भाजपा प्रत्याशी मुकेश दलाल की निर्विरोध जीत कोई संयोग नहीं है। इसकी पटकथा बहुत पहले से ही लिखी जाने लगी थी और इसमें सबसे अहम भूमिका निभाई स्वयं कांग्रेस प्रत्याशी नीलेश कुंभाणी ने। कुंभाणी ने प्रदेश कांग्रेस को अंधेरे में रखते हुए भाजपा के पक्ष में काम किया। नामांकन खारिज होने के बाद से ही कुंभाणी का किसी से संपर्क नहीं हो रहा था। मंगलवार को वह भाजपा में शामिल हो गए। दरअसल, कुंभाणी ने अपने नामांकन में कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पार्टी के सदस्यों को प्रस्तावक ना बनाकर अपने रिश्तेदारों को बनाया था। उनके प्रस्तावकों में उनके बहनोई और दो बिजनेस पार्टनर शामिल थे। उन्होंने कांग्रेस के डमी उम्मीदवार सुरेश पडशाला का प्रस्तावक भी अपने भांजे भौतिक कोलडिया को बनवाया। नामांकन करते समय भी वह किसी प्रस्तावक को चुनाव अधिकारी के सामने नहीं ले गए। इसका मकसद सिर्फ यही था कि उनका और डमी प्रत्याशी का नामांकन जांच में खारिज हो जाए।

बड़े होटलों में लिखी गई कहानी गुजरात प्रदेश की

दलाल को निर्विरोध विजयी बनाने की पटकथा एक पांच सितारा होटल मे लिखी गई। यह ऑपरेशन प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की निगरानी में हुई। यहीं पर कुंभाणी की ओर से रिश्तेदारों को प्रस्तावक बनाने और उनके फर्जी हस्ताक्षर कराने की रणनीति बनी। नामांकन की तिथि खत्म होने के बाद प्रस्तावकों ने ही हस्ताक्षर फर्जी होने का शपथ पत्र दे दिया और उसके बाद लापता हो गए। उन्हें नोटिस जारी हुआ, लेकिन वे जिला निर्वाचन अधिकारी के सामने पेश नहीं हुए। Gujarat News

“कांग्रेस की लूट जिंदगी के साथ भी, जिंदगी के बाद भी”- पीएम मोदी

ग्रेटर नोएडा– नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें। देश-दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें  फेसबुकपर लाइक करें या  ट्विटरपर फॉलो करें।
अगली खबर पढ़ें

जानें कब छिन जाता है वोट का अधिकार, किन हालातों में नहीं कर सकते मतदान?

Voting
Lok Sabha Election 2024
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 09:37 AM
bookmark
Lok Sabha Election 2024 :  लोकसभा 2024 चुनाव का आगाज हो चुका है। भारत में चुनाव लोकतंत्र का त्योहार से कम नहीं है। लोकसभा चुनाव के लिए पहले चरण के मतदान में लोगों की अच्छी खासी भागीदारी देखने को मिली है। अब दूसरे चरण की वोटिंग 26 अप्रैल को होगी। सविंधान में सभी 18 साल या उससे ज्यादा उम्र के लोगों को वोट देने का अधिकार है। हालांकि,  इस बारें में बहुत कम लोग जानते हैं कि विशेष स्थिति में किसी भारतीय नागरिक से यह अधिकार छीना भी जा सकता है।

Lok Sabha Election 2024

आपको बता दें कि भारत के चुनावों में मदतान देने का अधिकार केवल भारतीय नागरिकों को है। जो लोग विदेश में रहते हैं और उन्होंने भारतीय नागरिकता नहीं छोड़ी है, वो भी चुनावों में वोट डालकर लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा बन सकते हैं। हालांकि, इस अधिकार को पाने के लिए भी एक तय प्रोसेस होता है, जिसे फॉलो करके आप मतदान दे सकते हैं।

एक से ज्यादा बार वोट देने पर होगी सजा

वहीं लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 62(3) के मुताबिक, कोई भी व्यक्ति एक ही वर्ग के एक निर्वाचन-क्षेत्र से एक से ज्यादा वोट नहीं डाल सकता। अगर कोई इंसान एक से ज्यादा निर्वाचन क्षेत्र में मतदान करता है, तो उसके द्वारा किए गए सभी वोट रद्द हो जाएंगे। इसके अलावा कई बार ऐसा होता है कि एक शख्स का नाम एक निर्वाचन क्षेत्र की वोटर लिस्ट में दो बार आ जाता है। तो ऐसी स्थिति में वोटिंग के अधिकार को लेकर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 62(4) में जिक्र है। इसके मुताबिक, अगर कोई वोटर एक ही निर्वाचन क्षेत्र के चुनाव में एक से ज्यादा बार वोट देता है, तो उस शख्स का एक भी वोट नहीं गिना जाएग।

Lok Sabha Election 2024

18 साल से बड़े हैं पर मतदाता सूची में नाम नहीं है, तो क्या वोट कर सकते हैं?

18 साल या उससे बढ़े भारतीय नागरिकों को वोट डालने का अधिकार दिया गया है। लेकिन यह भी जरूरी है कि मतदाता का नाम वोटर लिस्ट में शामिल हो। जैसे अगर कोई नागरिक 18 साल की उम्र से बढ़ा है, लेकिन उसका नाम मतदाता सूची में नहीं है, तो उसे मतदान देने का अधिकार नहीं है। मतदाता सूची में नाम जुड़वाने के लिए फॉर्म 6 भरना पड़ता है। अगर आप पहली बार वोट करने के लिए रजिस्टर कर रहे हैं तो फॉर्म 6 भरकर अपने निर्वाचन क्षेत्र के इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर को जमा कर दें।

जेल में बंद कारावास की सजा काट रहे कैदियों के वोटिंग अधिकार?

बता दें कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 62(5) कहती है कि कोई ऐसा व्यक्ति किसी भी चुनाव में मतदान नहीं कर सकता जो कारावास की सजा के तहत जेल में बंद है या पुलिस की कानूनी हिरासत में है। इसी के साथ कोई मानसिक रूप से विकलांग हैं और जिन्हें न्यायालय से मानसिक रूप से विकलांग घोषित किया गया है, वो मतदाता सूची में अपना नामांकन नहीं करवा सकते और उन्हें मतदाता पहचान पत्र तक जारी नहीं किया जाएगा। इस तरह ये लोग भी वोट नहीं कर सकते। Lok Sabha Election 2024

एक प्रत्याशी जो वोट की बजाय मांग रहा है नोट, मजेदार प्रत्याशी

ग्रेटर नोएडा– नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें। देश-दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें  फेसबुकपर लाइक करें या  ट्विटरपर फॉलो करें।
अगली खबर पढ़ें

“कांग्रेस की लूट जिंदगी के साथ भी, जिंदगी के बाद भी”- पीएम मोदी

Capture 4 25
Lok Sabha Elections 2024
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 08:33 PM
bookmark
Lok Sabha Elections 2024 : छत्तीसगढ़ के सरगुजा में बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक रैली को संबोधित किया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा के विरासत टैक्स वाले बयान को लेकर निशाना साधा। Lok Sabha Elections 2024 : इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा के विरासत टैक्स वाले बयान पर लोकसभा चुनाव के दौरान बड़ा बवाल खड़ा हो गया है। खुद प्रधानमंत्री ने इस बयान को लेकर कांग्रेस पर बड़ा हमला बोला है। छत्तीसगढ़ में एक चुनावी जनसभा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कांग्रेस देशवासियों की संपत्ति को लूटना चाहती है। कांग्रेस के इरादे ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि “कांग्रेस की लूट जिंदगी के साथ और जिंदगी के बाद भी है”।

क्या बोले सैम पित्रोदा ?

कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने अपने बयान में कहा, "अमेरिका में विरासत कर (टैक्स) लगता है। अगर किसी के पास 100 मिलियन डॉलर की संपत्ति है और जब वह मर जाता है तो वह केवल 45 फीसदी अपने बच्चों को ट्रांसफर कर सकता है।" उन्होंने आगे कहा,"55 फीसदी सरकार द्वारा हड़प लिया जाता है। यह एक दिलचस्प कानून है। यह कहता है कि आपने अपनी पीढ़ी में संपत्ति बनाई और अब आप जा रहे हैं, आपको अपनी संपत्ति जनता के लिए छोड़नी चाहिए- पूरी नहीं, आधी। ये जो निष्पक्ष कानून है मुझे अच्छा लगता है।"   ग्रेटर नोएडा– नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें। देश-दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें  फेसबुकपर लाइक करें या  ट्विटरपर फॉलो करें।