Thursday, 26 December 2024

Chetna Manch Kavita – मैं न हुआ, अख़बार हुआ

दीक्षित दनकौरी अपनों का भी वार हुआ, ये भी आख़िरकार हुआ। रिश्ता जब लाचार हुआ, आँगन की दीवार हुआ। सबकी…

Chetna Manch Kavita – मैं न हुआ, अख़बार हुआ

दीक्षित दनकौरी

अपनों का भी वार हुआ,
ये भी आख़िरकार हुआ।

रिश्ता जब लाचार हुआ,
आँगन की दीवार हुआ।

सबकी नाउम्मीदी पर,
कितना ख़ुश बीमार हुआ।

कौन गवाही देगा अब,
क़त्ल सरे बाज़ार हुआ।

हर कोई पढ़ लेता है,
मैं न हुआ, अख़बार हुआ।

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