Monday, 13 January 2025

Chetna Manch Kavita – अंगड़ाई ले रही है प्रकृति

अंगड़ाई ले रही है प्रकृति होली आ गई। बौराई हवा दे गई सन्देश, होली आ गई। जल उठे जंगल में…

Chetna Manch Kavita – अंगड़ाई ले रही है प्रकृति

अंगड़ाई ले रही है प्रकृति
होली आ गई।
बौराई हवा दे गई सन्देश,
होली आ गई।

जल उठे जंगल में पलाश
जागी है मन में नई आस,
मुस्कराए अमलतास।
होली आ गई।

जल गया जो था –
अशुभ-असुन्दर अतीत।
मन में रच गई नई प्रीत
होली आ गई।।

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