अंगड़ाई ले रही है प्रकृति
होली आ गई।
बौराई हवा दे गई सन्देश,
होली आ गई।
जल उठे जंगल में पलाश
जागी है मन में नई आस,
मुस्कराए अमलतास।
होली आ गई।
जल गया जो था –
अशुभ-असुन्दर अतीत।
मन में रच गई नई प्रीत
होली आ गई।।
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