Mohan Yadav : मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने गुरुवार को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पर्यावरण संरक्षण के प्रति जनजागरूकता बढ़ाने के लिए ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान की शुरुआत की। इस दौरान मुख्यमंत्री मोहन यादव ने जल संरक्षण के महत्व को रेखांकित करते हुए बताया कि प्रदेश में 75 हजार से अधिक खेत-तालाबों का निर्माण सफलतापूर्वक संपन्न हो चुका है। साथ ही मुख्यमंत्री मोहन यादव ने पर्यावरण प्रबंधन के लिए विकसित एकीकृत पोर्टल का लोकार्पण और वेटलैंड एटलस का विमोचन भी किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस और गंगा दशहरा, दोनों ही हमारे सांस्कृतिक और धार्मिक परंपराओं में गहरे जुड़े हुए हैं।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पर्यावरण संरक्षण अभियान ‘एक पेड़ मां के नाम’ को प्रदेश में लागू करने की जानकारी देते हुए बताया कि भारतीय जीवनशैली में पेड़ को पुत्र के समान आदर दिया गया है। पारंपरिक ज्ञान के अनुसार, एक तालाब को दस बावड़ी, दस बावड़ी को दस कुओं और सौ पुत्रों को एक वृक्ष के तुल्य माना जाता है, जो प्रकृति की महत्ता को दर्शाता है।
पर्यावरण हमारे जीवन का अहम हिस्सा – सीएम मोहन यादव
सीएम मोहन यादव ने कहा कि पर्यावरण की सुरक्षा न केवल हमारे जीवन का आधार है, बल्कि आने वाली पीढ़ी को बेहतर और स्वच्छ धरती देने की जिम्मेदारी भी है। उन्होंने जोर दिया कि रिसाइकिलिंग और पुनः उपयोग जैसे आधुनिक पर्यावरणीय उपाय भारतीय संस्कृति का हिस्सा रहे हैं। इसलिए हमें प्रकृति के संरक्षण के लिए सजग और समर्पित रहना होगा। इस वर्ष के पर्यावरण दिवस का विषय ‘प्लास्टिक प्रदूषण का उन्मूलन’ रखा गया है। इस संदर्भ में मुख्यमंत्री ने सभी नागरिकों से स्वच्छ ऊर्जा के प्रयोग और जलवायु परिवर्तन के नकारात्मक प्रभावों को कम करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक के उपयोग में कमी लाने और जल संरक्षण के लिए सामूहिक प्रयास अत्यंत आवश्यक हैं।
प्रदेश सरकार पर्यावरण के अनुकूल उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। सीएम यादव ने यह भी बताया कि प्रदेश ने नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य निर्धारित किया है। उन्होंने महान वैज्ञानिक जगदीशचंद्र बसु का हवाला देते हुए कहा कि पौधों में प्राण तत्वों की मौजूदगी का ज्ञान भारत की लोक संस्कृति में सदियों से विद्यमान है। आज के दौर में पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में अनेक विकास कार्य तेजी से किए जा रहे हैं।
75 हजार से अधिक खेत-तालाबों का निर्माण
जल संरक्षण के क्षेत्र में मध्य प्रदेश ने 75 हजार से अधिक खेत तालाब बनाकर अपनी उपलब्धि को और बढ़ाया है, जबकि 1225 अमृत सरोवरों का जीर्णोद्धार भी किया गया है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में विश्व का पहला ‘नदी जोड़ो अभियान’ भी शुरू करने की जानकारी दी, जिससे सिंचाई क्षेत्र में विस्तार हुआ है। इसके तहत दो नदियों को जोड़ा जा रहा है, जिससे जल संग्रहण क्षमता में वृद्धि हो रही है।
जल बंटवारे के मामलों में मध्य प्रदेश ने राजस्थान के साथ पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना के माध्यम से एक स्थायी समाधान निकाला है। उन्होंने बताया कि प्रदेश की 247 नदियां न केवल स्थानीय बल्कि पड़ोसी राज्यों के लिए भी जल समृद्धि का स्रोत हैं। महाराष्ट्र के साथ तापी मेगा रिचार्ज परियोजना पर भी सहमति बन चुकी है, जो प्राकृतिक जल संरक्षण का एक अनूठा मॉडल साबित होगी। इस अवसर पर सांसद वी.डी. शर्मा और पर्यावरण मंत्री दिलीप अहिरवार ने भी पर्यावरण संरक्षण की अहमियत पर जोर दिया और प्रदेशवासियों से ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान में सक्रिय भागीदारी की अपील की।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने विभिन्न श्रेणियों में पर्यावरण संरक्षण में उत्कृष्ट योगदान देने वाले संस्थानों और व्यक्तियों को मध्य प्रदेश वार्षिक पर्यावरण पुरस्कार से सम्मानित भी किया। इस वर्ष प्रदूषणकारी उद्योगों, सामान्य उद्योग, लघु उद्योग, नगरपालिकाएं, चिकित्सालय, एनजीओ और विद्यालयों को अलग-अलग श्रेणियों में पुरस्कृत किया गया। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कार्यक्रम का समापन पर्यावरण संरक्षण की शिक्षा और नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए विकसित की गई पाठ्य सामग्री के विमोचन और पर्यावरण छात्रवृत्ति प्रदान करने के साथ किया। Mohan Yadav