Hindenburg के द्वारा Adani Group पर धोखाधड़ी एवं हेरफेर का जवाब देते हुए 29 जनवरी को अडानी समूह ने 413 पन्नों एवं सम्बद्ध दस्तावेजों को प्रस्तुत किया है। समूह ने अमेरिकी ग्रुप के गुप्त रूप से कार्य करने की पद्धति एवं भारतीय नियामक ढांचे को नज़रअंदाज़ करने पर भी सवाल खड़े किये हैं। इस समूह ने अपने जवाब में यह तथ्य भी शामिल किया कि रिसर्च रिपोर्ट किसी एक विशिष्ट कम्पनी नहीं बल्कि पूरे भारत की स्वतंत्रता, यहां के संस्थान एवं उनके आगे बढ़ने की गुणवत्ता के खिलाफ एक सोची समझी साजिश है।
क्या जवाब दिया Adani Group ने Hindenburg की रिपोर्ट पर?
जवाब देते हुए समूह ने कहा कि इस रिपोर्ट का एक मात्र उद्देश्य उनकी कंपनी के शेयर धारकों एवं निवेशकों की बड़ी संख्या को नुकसान पहुंचाना तथा शार्ट सेलिंग के जरिये खुद के समूह का मोटा मुनाफा कमाना है। अडानी समूह ने अपने जवाब में यह भी कहा कि Hindenburg की रिपोर्ट में जिन 88 बिंदुओं पर जानकारी मांगी गयी है उनमें से 68 बिंदुओं की जानकारी पहले से ही उपलब्ध है। 413 पन्नों के इस जवाब में Adani Group ने इस अमेरिकी संस्था की छुपी हुई मंशा तथा झूठी धारणा को भी व्यक्त किया है और इसका एक मात्र कारण अमेरिकी ग्रुप को वित्तीय लाभ की प्राप्ति बताया है।
Hindenburg की रिपोर्ट से चौथे स्थान से फिसला Adani Group
अमेरिकी रिसर्च कंपनी Hindenburg के द्वारा समूह पर शेयर के हेरफेर तथा कई शेल कंपनियों को चलाने का आरोप लगने के बाद Adani Group के नेतृत्व में कार्य करने वाली कंपनियों के शेयर्स में भारी गिरावट आयी है। फोर्ब्स की रियल टाइम बिलेनियर इंडेक्स में चौथे स्थान पर मौजूद Adani Group अब खिसक कर सातवें स्थान पर पहुँच चुका है।
फिलहाल यह मामला जल्दी सुलझता हुआ नहीं दिख रहा है क्योंकि Hindenburg ने आने वाले दिनों में Adani Group की कमियों को उजागर करने की बात की है वहीं Adani Group ने भी इसके जवाब में अमेरिकी समूह के खिलाफ लीगल एक्शन लेने का मुद्दा उठाया है।