Rajasthan News: राजनीतिक पार्टियों की कोशिश रहती है कि वो कुछ ऐसा करें जिसे उनकी उपलब्धि माना जाए। जिससे वो चुनाव के समय अपनी इन उपलब्धियों को गिनाकर चुनाव में उसका राजनीतिक लाभ ले सकें। अगर चुनाव सर पर हो, तो फिर इसके लिए जल्दबाजी भी की जाती है। इस प्रयास में कई बार गड़बड़ी हो जाती है। इससे देश का पैसा तो बर्बाद होता ही है, साथ ही निर्दोष जनता को इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ता है।
ऐसा ही कुछ हुआ है राजस्थान में भी, जहाँ इस साल के अंत में चुनाव होने हैं। चुनावी वर्ष है तो जाहिर सी बात है कि पार्टी कोई भी हो, जनता के लिए कई घोषणाएं करेगी ही। चुनाव में अपनी उपलब्धियों को बताया जा सके, इसके लिए राजनीतिक दल जी तोड़ मेहनत करते हैं। ऐसा ही कुछ गहलोत सरकार (Gehlot Government) भी कर रही है। लेकिन इस प्रयास में उनके स्वास्थ्य विभाग ने गलती कर दी है, जिसका खामियाजा बेचारी गरीब मासूम जनता को भुगतना पड़ा है। क्या है पूरा मामला विस्तार से बताते हैं।
Rajasthan News अस्पताल की लापरवाही से गई 18 लोगों की आँखों की रोशनी
राजस्थान में चुनावी वर्ष होने के कारण कई सरकारी योजनाओं को शुरू किया गया, साथ ही हाल ही में सरकार ने शिविर लगाकर पुरानी योजनाओं का लाभ देने के लिए लोगों का पंजीकरण भी किया गया। ये सब जोर-शोर से सारे देश में प्रचारित भी किया था। इसमें जो योजनाएं शामिल हैं, उनमें से एक है गहलोत सरकार की महत्वाकांक्षी ‘चिरंजीवी स्वास्थ्य योजना’ (Chiranjeevi Health Plan)। राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) की इस योजना में सरकार की ओर से जरूरतमन्द लोगों को मुफ्त इलाज की सुविधा दी जाती है।
Rajasthan News इसी के अंतर्गत हाल ही कुछ लोगों का जयपुर स्थित प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी हॉस्पिटल सवाई मानसिंह हॉस्पिटल (Sawai Mansingh Hospital) में मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया गया था। लेकिन इस ऑपरेशन के बाद 18 लोगों को उस आँख से दिखाई देना बंद हो गया है, जिसका ऑपरेशन हुआ था। इनमें से अधिकांश लोगों ने ऑपरेशन इसी चिरंजीवी स्वास्थ्य योजना के तहत ही कराया था।
इन्होंने ये ऑपरेशन अपनी आँख की रोशनी सही कराने के लिए कराया था, लेकिन सही होना तो दूर, उन्हें जो दिख रहा था अब वो भी दीखना बंद हो गया है। हालांकि इनमें से कई को शुरुआत में दिखाई दे रहा था, लेकिन फिर बाद में दीखना बन्द हो गया। इनमें से कुछ लोगों के 3 बार तक ऑपरेशन हो चुके हैं, मगर नतीजा शून्य है। जिससे इन गरीब बेबस लोगों और उनके परिवार की जान आफत में आ गई है।
Rajasthan News एक दूसरे पर फोड़ा जा रहा है ठीकरा
इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना की कोई जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है। सब एक दूसरे के सिर दोष मढ़ रहे हैं। हॉस्पिटल की ओर से कहा गया है कि मरीजों की आंखों में बैक्टीरियल इंफेक्शन ‘स्यूडोमोनास’ फैलने के कारण ये दिक्कत हुई है। हॉस्पिटल के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर अचल शर्मा का कहना है कि “इन मरीजों को अभी ऑब्जर्व किया जा रहा है। सेम्पल जाँच के लिए भेजे जा चुके हैं, जिनकी रिपोर्ट आनी बाकी है।”
इसके अलावा इस घटना के लिए ट्रीटमेंट कमेटी और जाँच कमेटी का भी गठन हो चुका है और इनकी जाँच जारी है। हॉस्पिटल की ओर से ये भी कहा जा रहा है इस घटना के लिए हॉस्पिटल दोषी नहीं है। वहीं इस मामले पर राज्य सरकार में स्वास्थ्य मंत्री (Health Minister) परसादी लाल मीणा ने भी पल्ला झाड़ते हुए कहा है कि “इस मामले में डॉक्टर्स की ओर से कोई लापरवाही नहीं हुई है।”
अब ये गम्भीर सवाल खड़ा हो गया है कि जब राजधानी में सरकार की नाक के नीचे स्थित प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल का ये हाल है, तो दूरदराज गाँवो और छोटे शहरों में स्थित अस्पतालों की स्थिति कितनी भयावह होगी? जहाँ के लोगों के लिए अपनी आवाज सरकार तक पहुँचाना बिल्कुल भी आसान नहीं है।Rajasthan News
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