GST Collection : भारत सरकार के ऊपर धन की बम्पर वर्षा हुई है। धन की बम्पर वर्षा GST के कलैक्शन के रूप में हुई है। आपको बता दें कि GST गुडस एण्ड सर्विसेज टैक्स को कहा जाता है। GST ही वह व्यवस्था है जिसके द्वारा भारत सरकार देश भर के नागरिकों से टैक्स वसूल करती है। इसी टैक्स के पैसों से देश भर में विकास कार्य कराए जाते हैं तथा सरकार का पूरा कामकाज चलाया जाता है। 01 दिसंबर को जारी किए गए GST के आंकड़ों से पता चला है कि सरकार का GSTकलैक्शन रिकॉर्ड तोड़ हुआ है। GST के कलैक्शन से भारत सरकार का खजाना भर गया है।
लाखों करोड़ रूपए बढ़ गया है GST का कलैक्शन
भारत सरकार के GST के कलैक्शन में लाखों करोड़ रूपए का इजाफा हुआ है। पिछले साल के मुकाबले इस साल नवंबर में GST के कलैक्शन में पूरे 8.5 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। भारत सरकार की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने GST के बढ़ते हुए कलैक्श्न पर प्रसन्नता जाहिर की है। वित्त मंत्री ने बताया है कि इस साल नवंबर में GST का कुल कलैक्शन 182 लाख करोड़ से भी अधिक हो गया है। उन्होंने बताया कि वर्ष-2024 के नवंबर का GST कलैक्शन 182269 करोड़ रूपए है।
वित्त मंत्री ने जारी किए GST के आंकड़े
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने GST के आंकड़े जारी करते हुए GST कलैक्शन की पूरी जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि नवंबर में जीएसटी कलेक्शन 8.5 फीसदी बढक़र 1.82 लाख करोड़ रुपये हो गया। उन्होंने बताया कि नवंबर में जीएसटी कलेक्शन 8.5त्न बढक़र 1.82 लाख करोड़ रुपये हो गया। अप्रैल से नवंबर तक कुल कलेक्शन 14.57 लाख करोड़ रुपये रहा।
अक्टूबर में जीएसटी कलेक्शन 9 प्रतिशत बढक़र 1.87 लाख करोड़ रुपये हुआ था, जो अब तक का दूसरा सबसे ज्यादा कलेक्शन था। इस बढ़ोतरी का कारण घरेलू बिक्री में तेजी और बेहतर अनुपालन था। अक्टूबर में CGST कलेक्शन 33,821 करोड़ रुपये, SGST 41,864 करोड़ रुपये, IGST 99,111 करोड़ रुपये और सेस 12,550 करोड़ रुपये रहा था। नवंबर में घरेलू लेनदेन से जीएसटी कलेक्शन में 9.4त्न की बढ़ोतरी देखी गई। यह 1.40 लाख करोड़ रुपये रहा। आयात पर टैक्स से राजस्व में भी लगभग 6 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो 42,591 करोड़ रुपये रहा। इससे पता चलता है कि देश में व्यापार गतिविधियां बढ़ रही हैं। रिफंड की बात करें तो नवंबर में 19,259 करोड़ रुपये का रिफंड जारी किया गया। यह पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 8.9 प्रतिशत कम है। रिफंड को समायोजित करने के बाद कुल त्रस्ञ्ज कलेक्शन 11 प्रतिशत बढक़र 1.63 लाख करोड़ रुपये हो गया। यह आंकड़ा सरकार के लिए उत्साहजनक है।
GST यानी गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स एक अप्रत्यक्ष कर है। यह अलग-अलग प्रकार के वस्तुओं और सेवाओं पर लगाया जाता है। जीएसटी का उद्देश्य विभिन्न अप्रत्यक्ष करों को एक कर में समाहित करना था। इससे कर प्रणाली सरल और पारदर्शी बनती है।
GST यानी गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स एक अप्रत्यक्ष कर है। यह अलग-अलग प्रकार के वस्तुओं और सेवाओं पर लगाया जाता है। जीएसटी का उद्देश्य विभिन्न अप्रत्यक्ष करों को एक कर में समाहित करना था। इससे कर प्रणाली सरल और पारदर्शी बनती है।
अर्थव्यवस्था के लिए संकेत : जीएसटी संग्रह में बढ़ोतरी यह दर्शाती है कि देश की अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है।
महंगाई का संकेत : हालांकि, बहुत अधिक जीएसटी संग्रह महंगाई का संकेत भी हो सकता है, क्योंकि कंपनियां जीएसटी बढऩे का बोझ उपभोक्ताओं पर डाल सकती हैं।
महंगाई का संकेत : हालांकि, बहुत अधिक जीएसटी संग्रह महंगाई का संकेत भी हो सकता है, क्योंकि कंपनियां जीएसटी बढऩे का बोझ उपभोक्ताओं पर डाल सकती हैं।