Maulana Madani: इस समय मुस्लिम समाज का पवित्र महीना माह-ए-रमजान चल रहा है, और इस दौरान कई नेता अपने-अपने क्षेत्रों में इफ्तार पार्टियों का आयोजन करते हैं, जिनमें मुस्लिम समाज के लोग बड़ी संख्या में शामिल होते हैं। इन इफ्तार पार्टियों को समाज में अपनी पहुंच और मुस्लिम समाज के करीब दिखाने की एक कोशिश के रूप में देखा जाता है। हालांकि, इस बार जमीयत उलमा-ए-हिंद ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान जैसे नेताओं की इफ्तार पार्टियों से दूरी बनाने की घोषणा की है।
जमीयत उलमा-ए-हिंद का सांकेतिक विरोध
जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी (Maulana Madani) ने कहा है कि वे नेता, जो खुद को सेक्युलर बताते हैं लेकिन मुसलमानों पर हो रहे अत्याचार और अन्याय पर चुप रहते हैं, उनके खिलाफ यह सांकेतिक विरोध किया जा रहा है। मौलाना मदनी (Maulana Madani) ने स्पष्ट किया कि अब जमीयत उलमा-ए-हिंद इन नेताओं के किसी भी आयोजन में शामिल नहीं होगी, चाहे वह इफ्तार पार्टी हो, ईद मिलन हो या कोई अन्य कार्यक्रम।
मुसलमानों के खिलाफ हो रहे अत्याचार पर नेताओं की चुप्पी
मौलाना मदनी (Maulana Madani) ने आरोप लगाया कि देश में अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से मुसलमानों के साथ जो अन्याय और अत्याचार हो रहा है, वह छुपा नहीं है। उन्होंने कहा कि सत्ता के लालच में कुछ नेता न केवल खामोश हैं, बल्कि अप्रत्यक्ष रूप से अन्याय का समर्थन भी कर रहे हैं। मदनी ने यह भी कहा कि धार्मिक भावनाओं को आहत किया जा रहा है और दंगे कराकर मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है, लेकिन ये नेता इन घटनाओं पर आंखें मूंदे हुए हैं।
नीतीश कुमार, नायडू और चिराग पासवान पर मौलाना मदनी (Maulana Madani) का आरोप
मौलाना मदनी (Maulana Madani) ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान पर आरोप लगाया कि ये नेता सत्ता की खातिर मुसलमानों के खिलाफ हो रहे अन्याय को नजरअंदाज कर रहे हैं। उन्होंने वक्फ संशोधन बिल के संदर्भ में इन नेताओं के रवैये को उनके दोहरे चरित्र के रूप में बताया और कहा कि ये नेता केवल मुसलमानों के वोट पाने के लिए दिखावे का सेक्युलरिज्म अपनाते हैं, लेकिन सत्ता में आने के बाद मुस्लिम समुदाय के मुद्दों को पूरी तरह से नजरअंदाज कर देते हैं।
अन्य मुस्लिम संगठनों से भी मौलाना मदनी (Maulana Madani) की अपील
मौलाना मदनी (Maulana Madani) ने देशभर की अन्य मुस्लिम संस्थाओं और संगठनों से भी अपील की है कि वे इस विरोध में शामिल हों और इन नेताओं की इफ्तार पार्टियों और अन्य आयोजनों में भाग लेने से परहेज करें। उन्होंने कहा कि जब देश में नफरत और अन्याय का माहौल फैल रहा है, तब इन नेताओं की चुप्पी उनके असली चरित्र को उजागर करती है।
जमीयत उलमा-ए-हिंद ने यह निर्णय लिया है कि वह ऐसे नेताओं के आयोजनों में शामिल होकर उनकी नीतियों को वैधता नहीं देगी। इस विरोध के माध्यम से संगठन ने यह संदेश दिया है कि जब नेताओं का मुसलमानों के मुद्दों से कोई सरोकार नहीं है, तो उनसे उम्मीद रखना व्यर्थ है।Maulana Madani:
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