Monday, 31 March 2025

Ola-Uber को मिलेगी कड़ी टक्कर, सरकार लाने जा रही है नई कैब सेवा !

Ola-Uber : भारत में कैब सर्विस का बाजार तेजी से बढ़ रहा है, और ओला-उबर जैसी कंपनियों ने इस क्षेत्र…

Ola-Uber को मिलेगी कड़ी टक्कर, सरकार लाने जा रही है नई कैब सेवा !

Ola-Uber : भारत में कैब सर्विस का बाजार तेजी से बढ़ रहा है, और ओला-उबर जैसी कंपनियों ने इस क्षेत्र में अपनी धाक जमाई है। लेकिन अब सरकार भी इस बाजार में कदम रखने जा रही है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में घोषणा की है कि सरकार एक नई कोऑपरेटिव मॉडल पर आधारित टैक्सी सेवा शुरू करने जा रही है। इस कदम से ड्राइवरों को अधिक लाभ मिलेगा, और उपभोक्ताओं को सस्ती सेवाएं उपलब्ध होंगी। आइए, जानते हैं कि यह नया मॉडल कैसे काम करेगा और इसके क्या लाभ होंगे।

क्या है सरकारी कोऑपरेटिव कैब सर्विस का मॉडल?

सरकार द्वारा प्रस्तावित यह नया टैक्सी सर्विस मॉडल ओला और उबर जैसी निजी कंपनियों को कड़ी टक्कर देने के लिए तैयार किया जा रहा है। इसमें मुख्य उद्देश्य ड्राइवरों को अधिक लाभ और सशक्तिकरण देना है। वर्तमान में, प्राइवेट टैक्सी एग्रीगेटर्स ड्राइवरों से 20-30% तक कमीशन वसूलते हैं, जिससे ड्राइवरों की आय पर प्रभाव पड़ता है। लेकिन इस सरकारी मॉडल में ड्राइवरों को सीधे मुनाफा मिलेगा, और वे किसी कंपनी को भारी कमीशन नहीं देंगे।

ड्राइवरों को मिलेगा ज्यादा लाभ

इस नए कोऑपरेटिव मॉडल से ड्राइवरों को कई फायदे होंगे।

  1. कम कमीशन कटौती: ओला-उबर जैसी कंपनियों से ड्राइवरों को भारी कमीशन देना पड़ता है, लेकिन सरकारी मॉडल में कमीशन कटौती बहुत कम होगी।
  2. बेहतर इंश्योरेंस और सुरक्षा: ड्राइवरों को स्वास्थ्य बीमा, दुर्घटना बीमा और पेंशन जैसी सुरक्षा सुविधाएं मिलेंगी।
  3. सीधे लाभांश में हिस्सेदारी: सरकारी मॉडल में मुनाफे का एक हिस्सा ड्राइवरों को मिलेगा, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी।

ओला-उबर को होगी चुनौती

ओला और उबर जैसी कंपनियां भारतीय बाजार में प्रमुख हैं, लेकिन उन्हें ग्राहकों और ड्राइवरों दोनों से शिकायतें मिलती रही हैं। ग्राहकों को अक्सर बढ़े हुए किराए और सर्ज प्राइसिंग से समस्या होती है, जबकि ड्राइवरों को कम कमीशन और अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। सरकार की नई टैक्सी सेवा इन कंपनियों को कड़ी चुनौती दे सकती है, क्योंकि यह सेवा सस्ता किराया, पारदर्शिता और बेहतर आर्थिक अवसर प्रदान कर सकती है।

कैसे चलेगा सरकारी कोऑपरेटिव मॉडल?

यह नई सेवा को सरकारी नियंत्रण में चलाया जाएगा, और इसे डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से संचालित किया जाएगा। ड्राइवर खुद इसके मालिक होंगे, जिससे उन्हें अधिक स्वायत्तता मिलेगी। इस सेवा में उपभोक्ताओं को भी सस्ता किराया और ट्रांसपेरेंट प्राइसिंग की सुविधा मिलेगी, जिससे किसी भी छिपे हुए चार्ज से बचा जा सकेगा।Ola-Uber :

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