Yamuna river : दिल्ली की जीवनरेखा मानी जाने वाली यमुना नदी (Yamuna river) वर्षों से प्रदूषण का सामना कर रही है। छठ पर्व जैसे पावन अवसरों पर जब हजारों श्रद्धालु नदी किनारे पूजा करते हैं, तब यमुना (Yamuna river) की स्थिति चिंता का विषय बन जाती है। इसी को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया जिसमें यमुना पुनरुद्धार को लेकर कई बड़े निर्णय लिए गए।
अंतरिक्ष तकनीक से होगी यमुना (Yamuna river) की सफाई पर निगरानी
बैठक में यह तय किया गया कि यमुना की सफाई और निगरानी के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और रीयल टाइम डाटा का उपयोग किया जाएगा। सीवेज प्लांट, नालों के प्रवाह और जल शोधन की प्रक्रिया पर लगातार नज़र रखने के लिए आधुनिक तकनीकों को शामिल किया जाएगा।
शहरी नदी प्रबंधन योजना का निर्माण
दिल्ली सरकार अब एक शहरी नदी प्रबंधन योजना तैयार करेगी, जिसे दिल्ली के मास्टर प्लान में जोड़ा जाएगा। इस योजना के अंतर्गत ड्रेनेज, सीवेज, कचरा प्रबंधन, डेयरी वेस्ट, औद्योगिक अपशिष्ट और जलशोधन इंफ्रास्ट्रक्चर को सुधारने के प्रयास किए जाएंगे।
जनता की भागीदारी
प्रधानमंत्री ने ज़ोर देकर कहा कि यमुना (Yamuna river) की सफाई सिर्फ सरकारी प्रयासों से नहीं, बल्कि जनभागीदारी से ही संभव है। छठ पर्व जैसे सार्वजनिक आयोजनों में लोगों को यमुना के बदले स्वरूप का अनुभव हो — यह सरकार का लक्ष्य है।
तीन चरणों में होगी कार्य योजना
योजना को तीन भागों में बांटा गया है:
- अल्पकालिक (3 महीने)
- मध्यम अवधि (3 महीने से 1.5 साल)
- दीर्घकालिक (1.5 से 3 साल)
हर स्तर पर साफ-सफाई, निगरानी और विकास के लिए स्पष्ट लक्ष्यों को चिन्हित किया गया है।
प्रधानमंत्री की इस पहल से साफ है कि अब यमुना (Yamuna river) को सिर्फ एक नदी नहीं, बल्कि संस्कृति, पर्यावरण और आस्था के प्रतीक के रूप में पुनर्जीवित किया जाएगा। आने वाले छठ पर्व पर दिल्लीवासी एक स्वच्छ और निर्मल यमुना देख सकें — यही इस योजना का असली उद्देश्य है। Yamuna river :
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