RBI : भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए सभी बैंकों को 31 मार्च, 2025 को विशेष समाशोधन (स्पेशल क्लियरिंग) प्रक्रिया में अनिवार्य रूप से भाग लेने के निर्देश दिए हैं। यह आदेश 2024-25 वित्तीय वर्ष के सरकारी लेन-देन के लेखा-जोखा को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से दिया गया है।
क्या है यह विशेष आदेश?
आरबीआई के इस आदेश के तहत, सभी सरकारी प्राप्तियों और भुगतानों से जुड़े बैंकिंग कार्य 31 मार्च, 2025 को सामान्य बैंकिंग घंटों तक जारी रहेंगे। साथ ही, चेक ट्रंकेशन सिस्टम (सीटीएस) के तहत लागू सामान्य समाशोधन समय भी उस दिन वैध रहेगा, जैसा कि किसी भी कार्यदिवस सोमवार को होता है।
विशेष समाशोधन ऑपरेशन क्यों जरूरी?
भारत में वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल से 31 मार्च तक होता है। इसलिए, सरकार और वित्तीय संस्थानों के लिए यह अनिवार्य होता है कि वे 31 मार्च तक अपने सभी लेन-देन का समुचित निपटान कर लें। इस बार 31 मार्च, 2025 को सोमवार पड़ रहा है और यह दिन सप्ताहांत एवं संभावित ईद-उल-फितर अवकाश के बाद आता है। इसलिए, वित्तीय अनुशासन बनाए रखने के लिए आरबीआई ने यह विशेष समाशोधन सत्र अनिवार्य कर दिया है।
चेक ट्रंकेशन सिस्टम (सीटीएस) के तहत समाशोधन समय
आरबीआई के परिपत्र के अनुसार, सरकारी चेकों के विशेष समाशोधन के लिए निम्नलिखित समय सारणी लागू होगी:
- प्रस्तुति सत्र: 17:00 बजे से 17:30 बजे तक
- वापसी सत्र: 19:00 बजे से 19:30 बजे तक
बैंकों के लिए निर्देश
-
- सीटीएस सदस्य बैंक: सभी बैंकों को 31 मार्च, 2025 को विशेष समाशोधन घंटों के दौरान अपने समाशोधन प्रसंस्करण अवसंरचना को खुला रखने का निर्देश दिया गया है।
- पर्याप्त बैलेंस: बैंकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके समाशोधन निपटान खाते में पर्याप्त शेष राशि उपलब्ध हो ताकि विशेष समाशोधन से उत्पन्न निपटान दायित्वों को पूरा किया जा सके।
- सभी शाखाओं की उपलब्धता: सरकारी लेन-देन से जुड़ी बैंक शाखाओं को 31 मार्च, 2025 को ओवर-द-काउंटर लेन-देन के लिए सामान्य कार्य घंटों तक खुला रखने का आदेश दिया गया है। RBI :
Bollywood : अजय देवगन फिर भरेंगे हुंकार, रेड 2 में दिखेगा दमदार एक्शन
ग्रेटर नोएडा – नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें।
देश–दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें।