बीएमसी चुनाव 2025–26: कांग्रेस ने 52 उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी की

इस बार कांग्रेस ने महाविकास अघाड़ी के सहयोगी दल शिवसेना (यूबीटी) और शरद पवार गुट के साथ गठबंधन नहीं किया है। पार्टी ने वंचित बहुजन अघाड़ी के साथ चुनावी गठबंधन का ऐलान किया है, जिससे बीएमसी चुनाव का राजनीतिक समीकरण और दिलचस्प हो गया है।

Congresss second list
कांग्रेस की दूसरी सूची (फाइल फोटो)
locationभारत
userऋषि तिवारी
calendar30 Dec 2025 01:06 PM
bookmark

बीएमसी (मुंबई महानगरपालिका) चुनाव 2025–26 को लेकर कांग्रेस पार्टी ने अपनी दूसरी उम्मीदवार सूची जारी कर दी है। इस सूची में कुल 52 वार्डों के लिए प्रत्याशियों के नामों का ऐलान किया गया है। कांग्रेस ने इस बार ओपन, ओबीसी, एससी और महिला आरक्षण श्रेणियों को ध्यान में रखते हुए उम्मीदवारों का चयन किया है।

महाविकास अघाड़ी से अलग राह पर कांग्रेस

गौरतलब है कि इस बार कांग्रेस ने बीएमसी चुनाव में महाविकास अघाड़ी के सहयोगी दल शिवसेना (यूबीटी) और शरद पवार गुट के साथ गठबंधन नहीं किया है। इसके बजाय कांग्रेस ने वंचित बहुजन अघाड़ी के साथ चुनावी गठबंधन का ऐलान किया है, जिससे मुंबई की सियासत में मुकाबला और रोचक हो गया है।

इन वार्डों से घोषित किए गए उम्मीदवार

दूसरी सूची के अनुसार माघाठाणे (वार्ड 03) से प्रदीप रमाकांत चौबे, दहिसर (वार्ड 08 और 09) से रत्नप्रभा डी. जुन्नरकर और सदानंद बी. चव्हाण, चारकोप (वार्ड 31) से बीना रामकुबर सिंह, दिंडोशी (वार्ड 37, 39 और 41) से मीना दुबे, मधु बृजेश सिंह और राहुल उगले जोगेश्वरी पूर्व के वार्ड 52, 74, 78 और 79 से स्वाती एकनाथ, समिता नितिन सावंत, सिद्दीकी शबाना बानो और प्रियंका मनीष मिश्रा को टिकट दिया गया है।

पश्चिमी उपनगरों में कांग्रेस का जोर

बता दें कि कांग्रेस ने गोरेगांव, वर्सोवा और अंधेरी क्षेत्रों में भी मजबूत उम्मीदवार उतारे हैं। जिसमें गोरेगांव (वार्ड 58) से सूर्यकांत मिश्रा, वर्सोवा (वार्ड 60 और 65) से ग्लैडिस श्रियर और सुफियान हैदर, अंधेरी पूर्व (वार्ड 72, 75 और 86) से गायत्री गुप्ता, इमरान खलील शेख और नितिन सालगरे है।

बांद्रा से घाटकोपर तक उम्मीदवारों की घोषणा

बता दें कि बांद्रा पूर्व और पश्चिम के कुल आठ वार्डों में कांग्रेस ने अपने प्रत्याशी घोषित किए हैं। वहीं, मुलुंड, भांडुप, विक्रोली और घाटकोपर क्षेत्रों में भी पार्टी ने अनुभवी और नए चेहरों पर भरोसा जताया है।

मध्य और पूर्वी मुंबई पर भी फोकस

कुर्ला, चांदिवली, कालिना, सायन कोलीवाड़ा, धारावी, माहिम, वडाला, शिवड़ी, बायकुला और मुम्बादेवी जैसे इलाकों में कांग्रेस ने सामाजिक संतुलन को ध्यान में रखते हुए उम्मीदवारों का चयन किया है।

चुनावी रणनीति का संकेत

दूसरी सूची से साफ है कि कांग्रेस इस बार बीएमसी चुनाव में पूरी ताकत के साथ मैदान में उतरने की तैयारी में है। वंचित बहुजन अघाड़ी के साथ गठबंधन और विविध सामाजिक वर्गों के उम्मीदवारों को मौका देकर पार्टी मुंबई की राजनीति में नया समीकरण बनाने की कोशिश कर रही है। अब सभी की निगाहें कांग्रेस की अगली सूची और अन्य दलों की रणनीतियों पर टिकी हुई हैं।

संबंधित खबरें

अगली खबर पढ़ें

अजित पवार के नेतृत्व में एनसीपी ने जारी की दूसरी लिस्ट

एनसीपी ने इससे पहले 37 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी। दूसरी सूची के ऐलान को पार्टी की रणनीति का अहम कदम माना जा रहा है, जिससे यह संकेत मिलता है कि एनसीपी चुनावी मैदान में पूरी ताकत के साथ उतरने की तैयारी में है।

Under the leadership of Ajit Pawar
अजित पवार के नेतृत्व (फाइल फोटो)
locationभारत
userऋषि तिवारी
calendar30 Dec 2025 11:54 AM
bookmark

बता दें कि बीएमसी (मुंबई नगर निगम) चुनाव को लेकर एनसीपी (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) ने अपनी चुनावी गतिविधियां तेज कर दी हैं। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने बीएमसी चुनाव के लिए 27 उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी कर दी है। नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि से ठीक एक दिन पहले जारी हुई इस सूची के साथ पार्टी द्वारा घोषित कुल उम्मीदवारों की संख्या अब 64 हो गई है।

भाजपा-शिवसेना से अलग चुनाव लड़ेगी एनसीपी

बता दें कि दूसरी सूची जारी करते हुए एनसीपी ने साफ कर दिया है कि वह भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन की सहयोगी होने के बावजूद बृहन्मुंबई महानगरपालिका चुनाव अलग से लड़ेगी। यह फैसला ऐसे समय में आया है, जब भाजपा और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने बीएमसी चुनाव के लिए आपसी गठबंधन कर लिया है।

दूसरी सूची के प्रमुख उम्मीदवार

बता दें कि एनसीपी की दूसरी सूची में कई स्थानीय स्तर पर मजबूत माने जाने वाले चेहरों को टिकट दिया गया है। इनमें वार्ड नंबर 3 से मनीष दुबे, वार्ड 40 से विलास दगडू घुले, वार्ड 48 से सिरील पिटर डिसोझा, वार्ड 57 से अजय दत्ता विचारे शामिल हैं। पार्टी नेतृत्व का मानना है कि इन उम्मीदवारों के जरिए जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूती मिलेगी। इस बीच मुंबई भाजपा अध्यक्ष अमित साटम ने एनसीपी के साथ किसी भी तरह के गठबंधन से इनकार करते हुए कहा है कि बीएमसी चुनाव में एनसीपी के चुनाव प्रबंधन की जिम्मेदारी नवाब मलिक संभाल रहे हैं। नवाब मलिक पर धनशोधन और अंडरवर्ल्ड से जुड़े लोगों से संबंधों के आरोप लग चुके हैं।

100 सीटों पर लड़ने की तैयारी

बता दें कि एनसीपी की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष सुनील तटकरे ने बताया कि पार्टी पिछले कई दिनों से लगातार बैठकें कर रही है और सभी जानकारियां अजित पवार को दी जा चुकी हैं। पार्टी करीब 100 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। बीएमसी समेत महाराष्ट्र की 29 नगर निगमों के चुनाव 15 जनवरी को होने हैं, जबकि मतगणना 16 जनवरी को होगी। बीएमसी की 227 सीटों को लेकर सभी प्रमुख दलों के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है। ऐसे में एनसीपी का अलग चुनाव लड़ने का फैसला मुंबई की राजनीति में नई हलचल पैदा कर सकता है।

संबंधित खबरें

अगली खबर पढ़ें

क्या भारत पाकिस्तान को कर्ज देता है? जानिए पूरी सच्चाई

भारत भले ही पाकिस्तान को सीधे कर्ज न देता हो, लेकिन वह उन अंतरराष्ट्रीय संस्थानों का सदस्य है जिनसे पाकिस्तान भारी मात्रा में उधार लेता है। भारत IMF, विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक (ADB) का सदस्य है।

India Pakistan Debt
भारत पाकिस्तान को लोन (फाइल फोटो)
locationभारत
userऋषि तिवारी
calendar29 Dec 2025 06:54 PM
bookmark

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पाकिस्तान को भ्रष्टाचार और कमजोर शासन व्यवस्था को लेकर कड़ी आलोचना के बावजूद 1.29 बिलियन डॉलर का नया लोन मंजूर कर दिया है। IMF ने पाकिस्तान को “माइक्रो-क्रिटिकल” बताते हुए यह सहायता दी है। इसके बाद भारत में एक बार फिर यह सवाल उठने लगा है कि क्या भारत भी पाकिस्तान को कर्ज देता है? अगर हां, तो पाकिस्तान पर भारत का कितना बकाया है?

क्या भारत पाकिस्तान को लोन देता है?

इस सवाल का सीधा जवाब है—नहीं। बता दें कि भारत वर्तमान में पाकिस्तान को कोई नया लोन, क्रेडिट लाइन या वित्तीय सहायता नहीं देता है। दोनों देशों के बीच बिगड़े राजनयिक संबंधों के बाद भारत ने पाकिस्तान को दी जाने वाली किसी भी प्रकार की प्रत्यक्ष वित्तीय मदद पूरी तरह बंद कर दी है। भारत से पाकिस्तान को कोई सक्रिय सहायता पैकेज या विकास ऋण नहीं मिल रहा है।

बंटवारे के समय का पुराना कर्ज अब भी बाकी

हालांकि पाकिस्तान पर भारत का एक ऐतिहासिक कर्ज आज भी बकाया है। 1947 में भारत-पाकिस्तान के बंटवारे के समय हुए वित्तीय समझौतों के तहत पाकिस्तान को भारत को कुछ राशि चुकानी थी। भारत सरकार के बजट दस्तावेजों के अनुसार, जिसमें केंद्रीय बजट 2021–22 भी शामिल है, पाकिस्तान पर भारत के लगभग 300 करोड़ रुपये अब भी बकाया हैं। यह राशि दशकों बीत जाने के बावजूद आज तक चुकाई नहीं गई है।

IMF और वैश्विक वित्तीय संस्थानों में भारत की भूमिका

भारत भले ही पाकिस्तान को सीधे कर्ज न देता हो, लेकिन वह उन अंतरराष्ट्रीय संस्थानों का सदस्य है जिनसे पाकिस्तान भारी मात्रा में उधार लेता है। भारत IMF, विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक (ADB) का सदस्य है। भारत ने कई मौकों पर इन संस्थानों के जरिए पाकिस्तान को दिए जाने वाले बड़े लोन पैकेजों पर आपत्तियां दर्ज कराई हैं। इनमें अरबों डॉलर की फंडिंग से जुड़े प्रस्ताव भी शामिल रहे हैं। हालांकि भारत इन लोन को सीधे तौर पर वीटो नहीं कर सकता, लेकिन उसकी आपत्तियां औपचारिक रिकॉर्ड का हिस्सा बनती हैं।

पाकिस्तान की बिगड़ती कर्ज स्थिति

बता दें कि पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति लगातार कमजोर होती जा रही है। 2025 तक पाकिस्तान का कुल विदेशी कर्ज बढ़कर लगभग 130 बिलियन डॉलर तक पहुंच चुका है। इस कर्ज में सबसे बड़ा हिस्सा चीन का है, जिस पर पाकिस्तान का करीब 26.5 बिलियन डॉलर का कर्ज है। इसके अलावा IMF, विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक जैसे अंतरराष्ट्रीय संस्थान भी पाकिस्तान के बड़े कर्जदाता हैं।

संबंधित खबरें