फडणवीस का पलटवार “दो परिवारवादी हार बचाने आए”

फडणवीस ने कहा कि हाइप ऐसा बनाई जा रही है जैसे रूस और यूक्रेन ही साथ में आ गए हों, मानों जेलेंस्की और पुतिन बातचीत कर रहे हों। उन्होंने बताया कि मुंबई में विकास की लहर के कारण उद्धव और राज ठाकरे अपनी जमानत बचाने के लिए गठबंधन कर रहे हैं।

Fadnavis retaliates
राजनीतिक प्रदर्शन (फाइल फोटो)
locationभारत
userऋषि तिवारी
calendar24 Dec 2025 06:04 PM
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महाराष्ट्र की राजनीति में बीएमसी चुनावों से पहले सियासी हलचल तेज हो गई है। उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे की अगुवाई वाले दलों ने मुंबई में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर शिवसेना (यूबीटी) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के गठबंधन का ऐलान किया। दोनों नेताओं ने भाजपा को अपना मुख्य निशाना बनाया।

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पलटवार

इस गठबंधन के ऐलान के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पलटवार किया। फडणवीस ने कहा कि मुंबई में हार के डर से दो परिवारवादी दल साथ आए हैं। उन्होंने दावा किया कि जनता राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को चुनने जा रही है। फडणवीस ने कहा कि हाइप ऐसा बनाई जा रही है जैसे रूस और यूक्रेन ही साथ में आ गए हों, मानों जेलेंस्की और पुतिन बातचीत कर रहे हों। उन्होंने बताया कि मुंबई में विकास की लहर के कारण उद्धव और राज ठाकरे अपनी जमानत बचाने के लिए गठबंधन कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि ये दोनों पार्टियां अपना वोट बैंक और जनता का विश्वास खो चुकी हैं और अब केवल अपना अस्तित्व बचाने के लिए साथ आई हैं। फडणवीस ने कहा अस्तित्व बचाने के लिए गठबंधन कर कोई चुनाव नहीं जीता जाता। मुंबई के लोगों ने हमारे विकास के काम को देखा है।

फडणवीस ने बीएमसी चुनाव में महायुति की जीत पर कहा

बीएमसी चुनाव में महायुति की जीत का दावा करते हुए फडणवीस ने कहा कि मुंबई हमेशा एनडीए के साथ है। उन्होंने उद्धव ठाकरे पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वह निराश और हताश हैं और बार-बार वही बातें दोहरा रहे हैं। फडणवीस ने यह भी कहा कि हिंदू हृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे के बाद उद्धव और राज ठाकरे के पास कोई विचार नहीं बचा है और अब ये केवल अवसरवादिता और तुष्टिकरण की राजनीति कर रहे हैं।

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क्रिकेट में अनुशासन की सीमा कहां तक? जाने आईसीसी नियमों की जानकारी

क्रिकेट में खिलाड़ियों का मैदान के बाहर आचरण भी उतना ही अहम माना जाता है जितना मैदान के अंदर प्रदर्शन। हाल ही में इंग्लैंड क्रिकेट टीम से जुड़ा एक मामला चर्चा में है, जिसने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या मैच खत्म होने के बाद या सीरीज के ब्रेक में क्रिकेटर्स शराब का सेवन कर सकते हैं?

Cricket ICC Rules
क्रिकेट आईसीसी के नियम (फाइल फोटो)
locationभारत
userऋषि तिवारी
calendar24 Dec 2025 03:01 PM
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दरअसल, गाबा में दूसरा टेस्ट आठ विकेट से हारने के बाद इंग्लैंड की टीम क्वींसलैंड के नूसा शहर में चार रातों के लिए रुकी थी। यह सीरीज के बीच का ब्रेक था। इसी दौरान खिलाड़ियों पर अत्यधिक शराब सेवन के आरोप लगे। टीम के हेड कोच ब्रेंडन मैकुलम ने इस ट्रिप को खिलाड़ियों के “रिफ्रेशमेंट” के तौर पर बताया, जबकि टीम के मैनेजिंग डायरेक्टर रॉब की इसमें मौजूदगी नहीं थी। कुछ रिपोर्ट्स ने इस ट्रिप की तुलना बैचलर पार्टी से भी की, जिसके बाद अब आईसीसी या टीम स्तर पर जांच संभव मानी जा रही है।

आईसीसी के नियम क्या कहते हैं?

बता दें कि इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) के कोड ऑफ कंडक्ट में खिलाड़ियों के व्यवहार को लेकर साफ दिशानिर्देश दिए गए हैं। नियमों के मुताबिक, सीरीज के दौरान, मैच के बीच ब्रेक, अभ्यास सत्र, टीम से जुड़े आधिकारिक समय इन सभी परिस्थितियों में खिलाड़ियों से अपेक्षा की जाती है कि वे नशीले पदार्थों और शराब के सेवन से बचें, खासकर ऐसे किसी भी व्यवहार से जो टीम, खेल या दर्शकों की छवि को नुकसान पहुंचाए। हालांकि आईसीसी पूरी तरह से निजी जीवन में दखल नहीं देता, लेकिन यदि शराब का सेवन अनुशासनहीनता, सार्वजनिक विवाद या प्रदर्शन पर असर डालता है, तो इसे नियम उल्लंघन माना जा सकता है।

मैच ब्रेक के दौरान सख्ती क्यों?

मैच या सीरीज के बीच मिलने वाला ब्रेक खिलाड़ियों के लिए रिकवरी और मानसिक ताजगी का समय होता है। इस दौरान शराब का सेवन प्रतिक्रिया समय को धीमा कर सकता है, फिटनेस पर असर डाल सकता है, टीम अनुशासन और फोकस को नुकसान पहुंचा सकता है और 

इसी वजह से आईसीसी और टीम मैनेजमेंट इस दौरान अतिरिक्त सतर्कता बरतते हैं।

नियम तोड़ने पर क्या कार्रवाई हो सकती है?

यदि कोई खिलाड़ी आईसीसी कोड ऑफ कंडक्ट का उल्लंघन करता पाया जाता है, तो उस पर आर्थिक जुर्माना, मैच फीस कटौती, एक या अधिक मैचों का बैन, गंभीर मामलों में लंबा प्रतिबंध लगाया जा सकता है। इसके अलावा, संबंधित देश का क्रिकेट बोर्ड अपनी आंतरिक अनुशासनात्मक कार्रवाई भी कर सकता है।

हालिया मामलों से बढ़ी सख्ती

पिछले कुछ समय में सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो और तस्वीरों के चलते कई युवा खिलाड़ियों को चेतावनी दी जा चुकी है। आईसीसी अब ऐसे मामलों को पहले से ज्यादा गंभीरता से ले रहा है और टीम मैनेजमेंट को भी खिलाड़ियों पर कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं।

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मुंबई की राजनीति में बड़ा दांव, बीएमसी चुनाव से पहले UBT-मनसे गठबंधन

महाराष्ट्र की राजनीति में एक बड़ा और ऐतिहासिक मोड़ सामने आ रहा है। बीएमसी चुनाव 2026 से पहले ठाकरे परिवार एक बार फिर एकजुट होता नजर आ रहा है।

UBT-MNS alliance
यूबीटी-मनसे गठबंधन (फाइल फोटो)
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userऋषि तिवारी
calendar24 Dec 2025 01:43 PM
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बता दें कि करीब 20 साल बाद शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने गठबंधन का औपचारिक ऐलान कर दिया है। इस फैसले से दोनों दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं में उत्साह का माहौल है। शिवतीर्थ पर आयोजित संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे ने एक मंच साझा करते हुए गठबंधन की घोषणा की। नेताओं का कहना है कि यह सिर्फ राजनीतिक समझौता नहीं, बल्कि बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा को आगे बढ़ाने की एक नई शुरुआत है।

भावनात्मक क्षण, कार्यकर्ताओं की आंखें नम

इस गठबंधन को लेकर शिवसैनिकों में खासा भावनात्मक माहौल देखा गया। बालासाहेब ठाकरे के दौर से शिवसेना से जुड़े कई वरिष्ठ कार्यकर्ता, जिनकी उम्र 80–90 वर्ष के करीब है, इस पल को देखकर भावुक हो उठे। लंबे समय से ठाकरे परिवार के एक होने की उम्मीद कर रहे कार्यकर्ताओं के लिए यह सपना पूरा होने जैसा है।

‘मराठी मानुष के लिए मंगलमय दिन’ – संजय राउत

शिवसेना UBT के सांसद संजय राउत ने इस मौके को ऐतिहासिक बताते हुए कहा है कि आज का दिन मराठी मानुष के लिए मंगलमय है। मुझे वह दिन याद आता है जब संयुक्त महाराष्ट्र का मंगल कलश आया था। आज राज और उद्धव मराठी मानुष के लिए वही मंगल कलश लेकर आए हैं।

पोस्टर पर सिर्फ बालासाहेब ठाकरे की तस्वीर

गठबंधन की घोषणा के दौरान एक खास बात सामने आई। मंच पर लगाए गए पोस्टर में उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे की तस्वीर नहीं थी। केवल शिवसेना और मनसे के चुनाव चिन्हों के साथ बालासाहेब ठाकरे की तस्वीर नजर आई, जिसे उनकी विरासत और विचारधारा के प्रतीक के रूप में देखा जा रहा है।

कांग्रेस और शरद पवार को साथ लाने की इच्छा

गठबंधन के साथ ही शिवसेना UBT की ओर से यह संकेत भी दिया गया कि कांग्रेस और शरद पवार को भी साथ लाने की कोशिश की जाएगी। संजय राउत ने कहा है कि गठबंधन या महागठबंधन में हर बार मनचाही चीज नहीं मिलती। व्यक्तियों के प्रेम में न पड़कर सीटों का बंटवारा जीत की क्षमता के आधार पर होना चाहिए। जो जीत सकता है, उसे सीट मिलनी चाहिए।

बीएमसी चुनाव पर टिकी निगाहें

राजनीतिक जानकारों के मुताबिक ठाकरे बंधुओं का यह गठबंधन बीएमसी चुनाव 2026 में बड़ा असर डाल सकता है। मुंबई की राजनीति में यह समीकरण सत्ताधारी दलों के लिए चुनौती बन सकता है और मराठी वोट बैंक को एकजुट करने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है।

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