Saturday, 9 November 2024

अयोध्या के राम मंदिर से होगा नेपाल का भी फायदा

देश विदेश में तो राम मंदिर की चर्चा हो ही रही है पड़ोसी देश नेपाल भी अब अयोध्या में भव्य राम मंदिरके निर्माण से काफी खुश है

अयोध्या के राम मंदिर से होगा नेपाल का भी फायदा

Ayodhya Ram Mandir Corridor : अयोध्या में भव्य राम मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी को होने जा रहा हौ । देश भर में लोगों के बीच राम मंदिर को लेकर उत्साह है । देश विदेश में तो राम मंदिर की चर्चा हो ही रही है पड़ोसी देश नेपाल भी अब अयोध्या में भव्य राम मंदिरके निर्माण से काफी खुश है। राम मंदिर को लेकर जितना उत्साह भारत के लोगों में है, उतना ही उत्त्साह नेपाल में भी देखने को मिल रहा है।  नेपाल इस बात से उत्साहित है कि अयोध्या का राम मंदिर उनके लिए भी tourism की संभावनाएं ला सकता है।

राम मंदिर से नेपाल का आखिर क्या रिश्ता है

नेपाल के जनकपुर को माता सीता का जन्मस्थान माना जाता है, यानि भगवान् राम की जन्मभूमि अयोध्या है तो उनकी पत्नी माता सीता की नगरी नेपाल का जनकपुर है । माता सीता को जनकपुत्री, जानकी भी कहा जाता है। अयोध्या का राम मंदिर एशिया का सबसे बड़ा मंदिर बन रहा है यानि  दुनियाभर से तीर्थयात्री दर्शन के लिए अयोध्या आएंगे, जिसकी वजह से टूरिज्म भी बढ़ेगा। तो नेपाल के लोग अब उम्मीद कर रहे हैं कि दुनिया भर से जो तीर्थयात्री राम के जन्मस्थान पर आते हैं, वे सीता के जन्मस्थान की भी यात्रा करेंगे। हाल ही में भारत में नेपाल के राजदूत शंकर प्रसाद शर्मा ने कहा कि दोनों देश जनकपुर और अयोध्या के बीच “सिस्टर सिटी रिलेशनशिप” स्थापित करने के लिए काम कर रहे हैं। शर्मा मंदिर के उद्घाटन से पहले जनकपुर को रामायण सर्किट का “अनिवार्य” हिस्सा बता रहे हैं।

जनकपुर बनेगा रामायण सर्किट का हिस्सा

Ayodhya Ram Mandir Corridor

2014 में सरकार ने रामायण सर्किट में भगवान राम के जीवन को दर्शाया है और इसमें नेपाल के जनकपुर के साथ-साथ रामायण से संबंधित प्रमुख तीर्थ स्थल भी शामिल हैं। शर्मा ने कहा कि दोनों देश सदियों से एक-दूसरे के लिए आध्यात्मिक और सांस्कृतिक गंतव्य रहे हैं। “राम मंदिर उद्घाटन के बाद, अयोध्या जाने वाले भक्तों की संख्या बढ़ गई है ऐसे में नेपाल में भी तीर्थयात्रीयों का आना बढ़ जाएगा । सीता का जन्म स्थान – नेपाल की सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है, उन्होंने कहा कि यह भारत और नेपाल के बीच संबंधों को मजबूत करने के प्रमुख घटकों में से एक बन जाएगा। “भारत और नेपाल पूरी तरह से एक साथ मिलकर संयुक्त रूप से काम कर रहे हैं। रामायण सर्किट में जनकपुर एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो दोनों देशों में पर्यटन विकास में सहायता करेगा।

नेपाल में भी है बाल्मीकि आश्रम

थाईलैंड और इंडोनेशिया के लोगों का भी अयोध्या और जनकपुर से जुड़ाव है। बेहतर कनेक्टिविटी से क्षेत्र में आर्थिक विकास में मदद मिलेगी,” शर्मा ने कार्यक्रम के दौरान कहा ”नेपाल में भी भारत की तरह एक बाल्मीकि आश्रम है,” उन्होंने कहा कि नेपालियों का मानना है कि यह मूल धार्मिक स्थान है जहां सीता माता ने काफी समय बिताया था।  नेपाल में भी लोग रामायण, भगवान राम के दर्शन और आदर्शों पर आस्था रखते हैं। वे यहां इनक्रेडिबल चैंबर ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लेने आए थे, और जनकपुर और अयोध्या के बीच सिस्टर सिटी संबंध स्थापित करने के लिए भी काम कर रहे हैं। जनकपुर के मेयर मनोज साह बताया  2018 में जनकपुर की यात्रा के दौरान, पीएम मोदी ने क्षेत्र को विकसित करने के लिए 100 करोड़ रुपये के अनुदान की घोषणा की थी। परियोजना अभी तक लागू नहीं हुई है, लेकिन प्रक्रिया में है। साथ ही नेपाली पीएम प्रचंड उर्फ पुष्प कमल दहल के दौरे के दौरान भी इस साल की शुरुआत में भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि रामायण सर्किट “भारत और नेपाल के बीच एक कनेक्शन” है।

Ayodhya Ram Mandir Corridor

पीएम मोदी ने शुरू की भारत गौरव पर्यटक ट्रेन

पीएम मोदी ने इससे पहले जनकपुर से अयोध्या को जोड़ने वाली बस सेवा को हरी झंडी दिखाई थी. 500 भारतीय तीर्थयात्रियों को ले जाने वाली भारत गौरव पर्यटक ट्रेन को भारत और नेपाल के बीच हरी झंडी दिखाई गई। 2022 में रामायण सर्किट के हिस्से के रूप में ये पहली ऐसी बस सेवा है । मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित 15 सर्किटों में रामायण सर्किट और बौद्ध सर्किट केवल दो अंतरराष्ट्रीय सर्किट थे. भारत और नेपाल दोनों सर्किटों को संयुक्त रूप से बढ़ावा देने के लिए सहमत हुए हैं।

Ayodhya Ram Mandir Corridor भारत और नेपाल के संबंधो को और मजबूती देगा ऐसी उम्मीद है । ऐसे में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सह प्रचारक नरेंद्र ठाकुर का कहना है कि भारत-नेपाल संबंध सरकारों और भौगोलिक सीमाओं से परे हैं क्योंकि वे दोनों देशों की सांस्कृतिक विरासत पर आधारित हैं। कार्यक्रम के दौरान ठाकुर ने कहा, “रामायण सर्किट न केवल दक्षिण एशियाई देशों, बल्कि पूरी दुनिया को प्रभावित करेगा।” उन्होंने कहा कि कैसे “निहित स्वार्थ वाले तत्व भारत नेपाल के बीच सौहार्दपूर्ण संबंधों को खराब करने की कोशिश कर रहे हैं।”और नेपाल को इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है।

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