Bihar Assembly Floor Test : बिहार विधान सभा में 12 फरवरी को नीतीश कुमार की सरकार को अपना बहुमत साबित करना है। राजद के साथ गठबंधन तोड़कर बीजेपी के साथ हाथ मिलाने के बाद नीतीश कुमार के लिए यह पहली अग्नि परीक्षा होगी। नीतीश कुमार ने 28 जनवरी को महागठबंधन का साथ छोड़कर बीजेपी से हाथ मिलाया था। लेकिन अब बहुमत साबित करने से पहले तमाम तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं और बिहार में बड़ा खेल होने की बात की जा रही है ।
बिहार में हो सकता है बड़ा खेल !
राजद के कई विधायकों का दावा है कि नीतीश कुमार से नाराज विधायक तेजस्वी यादव के साथ आने के लिए तैयार हैं और ऐसी स्थिति में फ्लोर टेस्ट के दिन कोई बड़ा खेल हो सकता है। पहले से ही जदयू आरोप लगा रही है कि बिहार में उनके विधायकों को तोड़ने की कोशिश की जा रही है। जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने आरोप लगाया है कि विपक्ष हमसे सीधे तौर पर मुकाबला नहीं कर सकता इसलिए तोड़फोड़ की कोशिश की जा रही है, लेकिन जो भी कोशिश की जा रही है इस साजिश का हम पूरी ताकत से जवाब देंगे ।
मंत्री के भोज मे नहीं पहुंचे JDU विधायक
मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक नीतीश सरकार के एक करीबी मंत्री के घर पर जदयू विधायकों के लिए रात्रि भोज रखा गया था लेकिन इसमें जदयू के 25 विधायक पहुंचे ही नहीं, जब पत्रकारों ने जदयू प्रदेश अध्यक्ष से यह सवाल किया कि आखिर विधायक क्यों नहीं पहुंचे तो उमेश कुमार कुशवाहा ने इस सवाल का कोई जवाब नहीं दिया। अगर आंकड़ों की बात करें तो आंकड़ों के लिहाज से Bihar Assembly Floor Test में एनडीए के पास बहुमत साफ तौर पर दिखाई दे रहा है ।
बहुमत NDA के पास
बीजेपी के पास 78 विधायक हैं जदयू के पास 45 और जीतन राम मांझी की पार्टी (हम सेकुलर) के पास 4 विधायक हैं यानी 243 सीटों की बिहार विधानसभा में नीतीश कुमार के पास बहुमत है । लेकिन इनआंकड़ो से अलग कोई बड़ा राजनीतिक खेल चलने की बातें अंदर खाने चल रही हैं। सीपीएम के विधायक महबूब अली ने जीतन राम मांझी से मुलाकात की है। हालांकि हम पार्टी के प्रवक्ता का कहना है कि यह मुलाकात अनौपचारिक थी। महबूब अली उनसे मिलने आए थे और ऐसी मुलाकातें राजनीति में होती रहती हैं। जीतन मांझी मांझी ने भी यह दावा किया कि नीतीश कुमार बहुमत साबित कर देंगे।
खेला बाकी है
खेल होने की चर्चा तब से सामने आई जब तेजस्वी यादव ने कुछ समय पहले कहा था कि खेल अभी खत्म नहीं हुआ है बिहार में खेल अभी बाकी है। उसके बाद से ही तरह-तरह के समीकरण बनने की चर्चाएं शुरू हो गई थी। उसके बाद बिहार विधानसभा के अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने भी अपने पद से इस्तीफा देने से इनकार कर दिया और इस बीच कांग्रेस ने अपने कई विधायकों को हैदराबाद भेज दिया । कांग्रेस का कहना था कि उनके विधायकों को तोड़ने की कोशिश हो सकती है। कांग्रेस के प्रवक्ता असित नाथ तिवारी के मुताबिक JDU के कई विधायक नीतीश कुमार से नाराज हैं और वह महागठबंधन में आएंगे तो दरवाजा खुला रहेगा और इस बीच खबर यह भी मिल रही है कि भाजपा ने भी अपने विधायको और विधान परिषद के सदस्यों को प्रशिक्षण के लिए गया के शिविर में भेज दिया है।