Thursday, 26 December 2024

CAA  Update : CAA के कार्यान्यवन का उद्देश्य अल्पसंख्यकों की भूमिका को कमतर करना: अमर्त्य सेन

CAA  Update : कोलकाता : नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन (Amartya Sen) का मानना है कि संशोधित नागरिकता कानून…

CAA  Update : CAA के कार्यान्यवन का उद्देश्य अल्पसंख्यकों की भूमिका को कमतर करना: अमर्त्य सेन

CAA  Update : कोलकाता : नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन (Amartya Sen) का मानना है कि संशोधित नागरिकता कानून (CAA) के कार्यान्वयन से देश में अल्पसंख्यकों की भूमिका कमतर हो सकती है, जबकि बहुसंख्यकवादी ताकतों को प्रोत्साहन मिल सकता है।

CAA  Update : Amartya Sen

सेन ने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने समाज के सभी वर्गों के लिए ‘‘न्यायसंगत शासन-व्यवस्था और राष्ट्रीय पहचान की बेहतर समझ’’ के लिए काम किया।

उन्होंने कहा, ‘‘​​मेरी समझ में भाजपा के उद्देश्यों (सीएए को लागू करने) में से एक है- अल्पसंख्यकों की भूमिका और महत्ता को कम करना तथा भारत में हिंदू बहुसंख्यक ताकतों की भूमिका को प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से उस हद तक बढ़ाना, जिससे अल्पसंख्यकों को कमजोर किया जा सके।’’

सीएए को 11 दिसंबर, 2019 को संसद द्वारा पारित किया गया था और उसके अगले दिन ही राष्ट्रपति ने उसे अपनी मंजूरी दे दी थी। केंद्र इसके माध्यम से बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आये गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय राष्ट्रीयता देना चाहता है।

इसके बाद गृह मंत्रालय ने इसे अधिसूचित कर दिया। हालांकि, कानून को अभी लागू किया जाना बाकी है क्योंकि सीएए के तहत नियम बनाये जाने अभी बाकी हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘यह भारत जैसे देश के लिए बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है, जिसे एक धर्मनिरपेक्ष, समतावादी राष्ट्र माना जाता है और इसका उपयोग दुर्भाग्यपूर्ण रूप से भेदभावपूर्ण कार्रवाई के लिए भी किया गया है, जैसे बांग्लादेश हो या पश्चिम बंगाल, वहां के अल्पसंख्यकों को विदेशी घोषित करना। यह बहुत अपमानजनक है और मैं इसे एक बुरा कदम मानूंगा।’’

यह पूछे जाने पर कि क्या भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में अपने प्रदर्शन में सुधार किया है, सेन ने ‘नहीं’ में उत्तर दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि उसने सुधार किया है। मुझे लगता है कि भारत को यह मानने की जरूरत है कि प्रत्येक भारतीय के पास कुछ अधिकार हैं और ये देश के नागरिक के तौर पर आते हैं। यह सब कुछ महात्मा गांधी के प्रयासों के बाद हुआ।’’

सेन ने कहा कि महात्मा गांधी ने एक समूह को दूसरे के खिलाफ खड़ा करने की कोशिश नहीं की। उन्होंने कहा कि ‘‘धार्मिक तौर पर प्रतिबद्ध हिंदू’’ होने के बावजूद, वह मुसलमानों को आजादी से पहले की तुलना में और अधिक मजबूत स्थिति प्रदान करने के लिए तैयार थे।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह कदम एक निष्पक्ष संस्कृति, न्यायपूर्ण राजनीति और अच्छी राष्ट्रीय पहचान के लिए था। एक दिन भारत को मुसलमानों जैसे अल्पसंख्यकों की उपेक्षा पर पछतावा होगा।’’

सीएए का उद्देश्य पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आये हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाइयों जैसे प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता देना है। इकत्तीस दिसंबर, 2014 तक भारत आए इन समुदाय के लोगों को अवैध प्रवासी नहीं माना जाएगा और उन्हें भारतीय नागरिकता दी जाएगी जो उन देशों में धार्मिक प्रताड़ना का सामना कर रहे थे।

संसद द्वारा सीएए पारित किए जाने के बाद, देश के विभिन्न हिस्सों में व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए थे तथा पुलिस गोलीबारी और संबंधित हिंसा में लगभग 100 लोगों की मौत हो गई।

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