Monday, 6 January 2025

देशभर में थमे हैं ट्रक और टैंकर के पहिए, गड़बड़ाई आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई

Drivers Strike : देश की केंद्र सरकार द्वारा हिट एंड रन के नए कानून के विरोध में देशभर के ट्रक…

देशभर में थमे हैं ट्रक और टैंकर के पहिए, गड़बड़ाई आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई

Drivers Strike : देश की केंद्र सरकार द्वारा हिट एंड रन के नए कानून के विरोध में देशभर के ट्रक और बस चालकों में हाहाकार मचा हुआ है। ट्रक, टैंकर और बस चालक अपने अपने वाहनों को सड़कों पर छोड़कर चले गए हैं, इसका असर यह हो रहा है कि देशभर ट्रांसपोर्ट व्यवस्था गड़बड़ा गई है। पेट्रोल डीजल और रसोई गैस से लेकर आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई पर असर पड़ना शुरू हो गया है। संभावना जताई जा रही है कि यदि जल्दी ही हड़ताल नहीं खुली तो पूरे देश में ईंधन की किल्लत पैदा हो जाएगी।

Drivers Strike

मंगलवार को दूसरे दिन भी ट्रक और बस चालकों की हड़ताल जा रही। देशभर में विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहे हैं। नोएडा और ग्रेटर नोएडा समेत पूरे एनसीआर में भी दो दिन से ट्रकों के पहिए थमे हुए है। ट्रकों की आवाजाही बंद होने से जहां मंडियों में सब्जी, फल और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। यदि हड़ताल इसी तरह से जारी रही तो हालात बदतर होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। दिल्ली, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, यूपी, बिहार पंजाब, गुजरात, हिमाचल प्रदेश में हड़ताल ने असर दिखाना शुरू कर दिया है।

देशभर में 30 लाख से ज्यादा ट्रक खड़े हैं सड़कों

अखिल भारत स्तरीय ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन की मानें तो देशभर में 95 लाख ट्रक और टैंकर है, जिनमें से करीब तीस लाख ट्रक और टैंकर हड़ताल के चलते सड़कों पर खड़े हैं। इन ट्रकों के सड़कों पर खड़े होने से पूरे देश में ट्रांसपोर्ट व्यवस्था चरमरा गई है। पेट्रोल पंपों पर डीजल और पेट्राल की आपूर्ति न होने के कारण पेट्रोल पंपों पर शटडाउन की संभावना बन गई है।

एमपी में स्कूल बस और एंबुलेंस बंद

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से खबर है कि वहां स्कूल बसों से लेकर कैब सर्विस भी ठप हो गई है। यात्रियों को परेशान होना पड़ रहा है। भोपाल में निजी एंबुलेंस भी इस हड़ताल में शामिल हो गई हैं।

क्या है नया कानून ?

आपको बता दें कि केंद्र की मोदी सरकार ने रोड रेज या हिट एंड रन (रोड एक्सीडेंट) करके भागने वालों के खिलाफ कानून में बड़े बदलाव किए हैं। ये कानून जल्द ही लागू होने वाला है। नए कानून के तहत, अब कोई ड्राइवर रोड एक्सीडेंट करके भाग नहीं सकता है। अगर कोई शख्स रोड पर एक्सीडेंट करके भाग जाता है और घायल को सड़क पर ही छोड़ देता है तो उसे 10 साल की सजा होगी और 7 लाख रुपये तक का जुर्माना किए जाने का प्रावधान है। हालांकि, मानवीयता दिखाने पर कुछ राहत का भी प्रावधान किया गया है। अगर एक्सीडेंट करने वाला ड्राइवर घायल व्यक्ति को हॉस्पिटल तक पहुंचाता है तो उसकी सजा कम कर दी जाएगी।

क्या कहते हैं ड्राइवर

हड़ताल पर गए ट्रक चालकों का कहना है कि हादसे के बाद घटनास्थल पर रुकना उनके लिए खतरा बन सकता है। किसी भी हादसे के बाद लोगों में नाराजगी देखने को मिलती है और भीड़ की शक्ल में लोग तोड़फोड़, हंगामा, मारपीट और आगजनी तक पर उतारू हो जाते हैं। ऐसे में अगर भीड़ ने घेर लिया तो जान मुसीबत में आ सकती है।

हिट एंड रन और IPC

हिट एंड रन के केस में अब तक आईपीसी की धारा 279 (लापरवाही से वाहन चलाना), ड्राइवर की पहचान होने की स्थिति में 304A (लापरवाही से मौत) और 338 (जान जोखिम में डालना) के तहत एफआईआर दर्ज की जाती है। कुल दो साल की सजा या जुर्माना अथवा दोनों का प्रावधान है। यही वजह है कि अक्सर चालक हादसे के बाद वाहन लेकर या वाहन छोड़कर भाग जाते थे। आईपीसी की धारा 80 दुर्घटना को सामान्य बचाव के रूप में बताती है। इसके मुताबिक, कोई भी काम अपराध नहीं है, जो दुर्घटना या दुर्भाग्य से किया जाता है। धारा 161 में हिट एंड रन के पीड़ितों को मुआवजे का प्रावधान किया गया है।

नए नियमों में दुपहिया वाहन चालक भी शामिल

BNS में धारा 104 में हिट एंड रन का जिक्र किया गया है। इसमें ड्राइवर की लापरवाही से किसी नागरिक की मौत होने पर 10 साल की सजा का प्रावधान किया गया है। धारा 104(1) और धारा 104(2) में हिट एंड रन को परिभाषित किया गया है। धारा 104(2) कहती है, जो कोई भी लापरवाही से वाहन चलाकर किसी व्यक्ति की मौत का कारण बनता है और गैर इरादतन हत्या की श्रेणी में आता है। घटना के तुरंत बाद किसी पुलिस अधिकारी या मजिस्ट्रेट को सूचना दिए बिना भाग जाता है तो उसे किसी भी अवधि के कारावास से दंडित किया जाएगा, जिसे 10 साल तक बढ़ाया जा सकता है और 7 लाख जुर्माना भी देना होगा। नए नियम दुपहिया, तीन पहिया से लेकर कार, ट्रक, टैंकर, बस समेत सभी वाहनों पर लागू होंगे।

Drivers Strike देशभर में हड़ताल का प्रभाव

पंजाब में ट्रकों और बसों समेत बड़ी संख्या में कॉमर्शियल वाहनों की सेवाएं ठप है। चंडीगढ़ के ज्यादातर पेट्रोल पंप खाली हो चुके हैं। जहां पर डीजल या पेट्रोल मिल रहा है। लोग परेशान होते हुए डीजल-पेट्रोल के लिए इधर से उधर घूम रहे हैं।

राजस्थान में बस-ट्रकों के पहिये थम गए हैं। ट्रक चालकों के समर्थन में बस चालक उतर गए हैं। राजस्थान रोडवेज चालक भी समर्थन में आए हैं। यहां यात्री भी परेशान हो रहे हैं। यहां कई रोडवेज बसें भी जाम में फंस गईं. रिफाइनरी जाने वाले मजदूर, कर्मचारी और यात्री भी बीच रास्ते में ही फंस गए।

हरियाणा में पेट्रोल की सप्लाई पर असर आया है। हरियाणा में डेढ़ लाख ट्रक और 75 हजार बसों के चक्के थम गए हैं।

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