Haryana Election 2024 : हरियाणा में विधानसभा का चुनाव चल रहा है। हरियाणा में मात्र 10 दिन बाद वोट डाले जाएंगे। हरियाणा चुनाव के मौके पर भाजपा की लाड़ली सांसद कंगना रनौत ने अपनी पार्टी को फंसा दिया है। कंगना रनौत के एक और विवादित बयान का भाजपा को हरियाणा में बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है। यही कारण है कि भाजपा के नेता कंगना रनौत के बयान को निजी बयान बताकर पूरी तरह से खारिज कर रहे हैं।
कंगना के बयान से हरियाणा में बड़ा नुकसान
आपको बता दें कि हरियाणा प्रदेश किसानों का प्रदेश है। हरियाणा की राजनीति को किसान ही दशा तथा दिशा देते हैं। यह सब जानते हुए भी भाजपा की सांसद कंगना रनौत अपनी किसान विरोधी सोच से बाहर नहीं आ रही थी। कंगना रनौत के पुराने बयान का असर हरियाणा में अभी भी कायम है। इस बीच कंगना रनौत ने किसानों के खिलाफ फिर बयाान दे डाला है। कंगना रनौत के इस बयान का हरियाणा में भाजपा को बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।
कंगना ने कर दी किसान कानून लाने की मांग
हाल ही में कंगना रनौत ने एक विवादित बयान दिया है। बड़े किसान आंदोलन के बाद रदद किए गए तीन कृषि कानूनों को वापस लाने की मांग कंगना रनौत ने अपने बयान में कही। कंगना ने कहा कि ज्यादातर विश्लेषक मान रहे हैं कि कंगना रनौत के बयानों का हरियाणा में भाजपा को बहुत भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। हरियाणा विधानसभा के चुनाव में 5 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे। हरियाणा के चुनावों का रिजल्ट 8 अक्टूबर को आ जाएगा। तब पता चलेगा कि कंगना के बयानों का भाजपा को हरियाणा में कितना नुकसान हुआ है।
हो सकता है ये विवादित बयान हो लेकिन किसान हमारे देश के विकास का प्रमुख हिस्सा हैं। केवल कुछ एक राज्यों ने इन कृषि कानूनों को लेकर आपत्ति जताई थी। मैं किसानों से हाथ जोडक़र अपील करती हूं कि इन कृषि कानूनों को वापस लाने के लिए वह खुद आगे आएं और इनकी मांग करें। इस बयान पर हरियाणा में तीखी प्रतिक्रिया हुई। इस पर भाजपा ने बयान से किनारा कर लिया। पार्टी के किनारा करने के बाद कंगना रनौत ने बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया के बयान को लेकर अपने एक्स (X) हैंडल पर लिखा कि “बिल्कुल, किसान कानूनों पर मेरे विचार निजी हैं और वे उन विधेयकों पर पार्टी के रुख का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं”
इसके बाद कंगना रनौत ने 1 मिनट 8 सेकेंड का वीडियो भी जारी किया जिसमें उन्होंने कहा कि “बीते कुछ दिनों में मीडिया ने मुझसे कृषि कानूनों पर कुछ सवाल किए थे। मैंने ये सुझाव दिए कि किसानों को कृषि कानून वापस लाने का पीएम मोदी से निवेदन करना चाहिए। मेरी इस बात से बहुत सारे लोग निराश हैं। जब कृषि कानून लाए गए थे तो बहुत सारे लोगों ने उनका समर्थन किया था लेकिन बड़ी ही संवेदनशीलता और सहानुभूति से हमारे प्रधानमंत्री ने वो कानून वापस ले लिये थे। ये हम सब कार्यकर्ताओं का कर्तव्य बनता है कि हम उनके शब्दों की गरिमा रखें। मुझे ये बात भी ध्यान रखनी होगी कि मैं अब एक कलाकार नहीं भारतीय जनता पार्टी की कार्यकर्ता हूं और मेरे ओपिनियन अपने नहीं होने चाहिए, वो पार्टी का स्टैंड होना चाहिए। अगर मैंने अपने शब्दों और सोच से किसी को निराश किया है तो मुझे खेद रहेगा। मैं अपने शब्द वापस लेती हूं।” दरअसल ये पहली बार नहीं है जब भारतीय जनता पार्टी ने अपनी सांसद कंगना रनौत के बयान से किनारा किया हो। करीब एक महीने पहले भी कृषि कानूनों को लेकर दिए गए एक बयान पर बीजेपी ने उनके बयान से असहमति जताई थी और नीतिगत विषयों पर ना बोलने और इस तरह के बयान ना देने की हिदायत भी दी थी।
किसानों के खिलाफ बोली कंगना
करीब एक महीने पहले कंगना रनौत ने एक इंटरव्यू के दौरान किसान आंदोलन को लेकर विवादित बयान दिया था। कंगना ने कहा था कि “जैसा बांग्लादेश में हुआ, वैसा यहां भी (भारत) में भी होते देर नहीं लगती, अगर हमारा शीर्ष नेतृत्व अगर इतना सशक्त नहीं होता। यहां पर जो किसान आंदोलन हुए, वहां पर लाशें लटकी थी, वहां पर रेप हो रहे थे और जब किसानों की हितकारी बिल को वापस लिया गया था, तब पूरा देश चौक गया था। वो किसान आज भी वहां बैठे हुए हैं। उन्होंने कभी सोचा ही नहीं कि बिल वापस होगा। ये बड़ी लंबी प्लानिंग थी, जैसे बांग्लादेश में हुआ। इस तरह की षड्यंत्र के पीछे चीन और अमेरिका जैसी विदेशी ताकतें हैं, जो यहां काम कर रही है”। यह देखना बेहद दिलचस्प होगा कि भाजपा सांसद कंगना रनौत के बयान से नाराज हरियाणा के किसानों को भाजपा कैसे मनाएगी। Haryana Election 2024
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