Friday, 15 November 2024

अडाणी को बर्बाद करने की साजिश रची हिंडनबर्ग ने

Hindenburg Report : अमेरिका की रिसर्च कंपनी हिंडनबर्ग एक बार फिर चर्चा में है। हिंडनबर्ग को भारत की प्रतिष्ठित संस्था…

अडाणी को बर्बाद करने की साजिश रची हिंडनबर्ग ने

Hindenburg Report : अमेरिका की रिसर्च कंपनी हिंडनबर्ग एक बार फिर चर्चा में है। हिंडनबर्ग को भारत की प्रतिष्ठित संस्था सेबी के नोटिस के बाद से फिर चर्चा में आई है। हिंडनबर्ग ने सेबी के नोटिस का जवाब तो दे दिया है। जानकार सूत्रों का दावा है कि हिंडनबर्ग ने सेबी के नोटिस का गोल-मोल जवाब दिया है। सेबी के अधिकारी खूब अच्छी तरह से जानते हैं कि हिंडनबर्ग ने भारत के प्रसिद्ध उद्योगपति गौतम अडाणी की कंपनी अडाणी समूह को बर्बाद करने की साजिश रची थी।

हिंडनबर्ग ने उठाया मौके का बड़ा फायदा

सबको पता ही है कि  पिछले साल जनवरी में अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग ( Hindenburg) ने अडाणी समूह पर जो आरोप लगाए थे उसका अडाणी समूह को भारी नुकसान हुआ था। हिंडनबर्ग की इस रिपोर्ट के बाद अडाणी समूह के शेयरों में बड़ी गिरावट आई थी और समूह को 153 अरब डॉलर (करीब 13 लाख करोड़ रुपये) का नुकसान हुआ था। मजेदार बात यह है कि इस पूरे रायते से हिंडनबर्ग को कितनी कमाई हुई थी। इसका खुलासा खुद अमेरिकी रिसर्च फर्म ने किया है।

हिंडनबर्ग ने सेबी के नोटिस के जवाब में बताया कि उसने अडाणी समूह की कंपनियों में शॉर्ट सेलिंग करके सिर्फ 40 लाख डॉलर (करीब 33 करोड़ रुपये) की कमाई की थी। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, यह आंकड़ा खुद हिंडनबर्ग ने बताया है। यह पहली बार है जब हिंडनबर्ग के फाउंडर नाथन एंडरसन ने पिछले साल भारतीय शेयर बाजार में आए तूफान और उससे फर्म को हुए मुनाफे का जिक्र किया है।  हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडाणी समूह को 153 अरब डॉलर का नुकसान हुआ था, जिसकी पूरी तरह से भरपाई आज तक नहीं हो सकी है। अडानी समूह का पूरा मार्केट कैप बीते सोमवार यानी 1 जुलाई को 205 अरब डॉलर था, जबकि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से पहले अडाणी समूह का कुल मार्केट कैप 235 अरब डॉलर था। इसका मतलब हुआ कि 30 अरब डॉलर की भरपाई आज भी नहीं हो सकी है।

उल्टा चोर कोतवाल को डांटे

हिंडनबर्ग ने भारतीय प्रतिभूति बाजार नियामक सेबी पर भी निशाना साधा। रिसर्च फर्म ने कहा, भारतीय रेगुलेटर ने हमारे एक भी आरोपों की जांच नहीं की है। अडाणी समूह भले ही मीडिया में सभी आरोपों को खारिज कर दिया है, लेकिन हमारे एक भी सवाल का आज तक जवाब नहीं दिया है। हिंडनबर्ग ने सेबी के नोटिस को गैरजरूरी बताते हुए कहा कि यह हमारे ऊपर दबाव बनाने की कोशिश है। इसका मतलब साफ है कि हिंडनबर्ग कंपनी उल्टा चोर कोतवाल को डांटे वाली कहावत को चरितार्थ कर रही है। हिंडनबर्ग ने इस बार कोटक महिंद्रा बैंक और एएमसी के फाउंडर उदय कोटक को भी आरोपों के घेरे में लपेटा। फर्म ने कहा कि सेबी ने अपनी जांच रिपोर्ट में कोटक का नाम शामिल नहीं किया है. ऐसा लगता है कि भारतीय नियामक इस दिग्गज कारोबारी को बचाने की कोशिश कर रहा है. हालांकि, कोटक की तरफ से बयान आया कि हिंडनबर्ग कभी भी उसका निवेशक हिंडनबर्ग  कंपनी लगातार भारतीय उद्योगपतियों को बदनाम कर रही है।

भाजपा को सत्ता तक लाने वाले नेता हैं एल. के. आडवाणी

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