हैदराबाद। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि भारतीय वायु सेना नेटवर्क-केंद्रित भावी युद्ध क्षेत्र में उच्च-प्रौद्योगिकी आधारित युद्ध लड़ने की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए भविष्य में हमेशा तैयार रहने के लिए कदम उठा रही है।
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रक्षा तैयारियों के लिए प्रौद्योगिकी को आत्मसात करने की आवश्यकता
मुर्मू ने शनिवार को वायु सेना अकादमी में संयुक्त स्नातक परेड को संबोधित करते हुए कहा कि थल, जल और वायु क्षेत्र में रक्षा संबंधी तैयारियों के लिए प्रौद्योगिकी को तीव्र गति से आत्मसात करने की क्षमता आवश्यक होगी। राष्ट्रपति ने कहा कि देश के रक्षा बल भू सीमाओं, बड़े समुद्र तट और प्रादेशिक जल एवं विशाल हवाई क्षेत्र की साथ मिलकर रक्षा करते हैं।
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रक्षा तैयारियों को ध्यान में रखना जरूरी
उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों के प्रत्येक अधिकारी को रक्षा तैयारियों के एक एकीकृत परिप्रेक्ष्य को ध्यान में रखना होगा। राफेल लड़ाकू विमान और चिनूक हैवी लिफ्ट हेलिकॉप्टर को शामिल करके भारतीय वायु सेना का आधुनिकीकरण उसकी परिचालन क्षमताओं को मजबूत करता है।
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