IAS Pooja Singhal झारखंड की कैडर की आईएएस पूजा सिंघल का विवादों से पुराना नाता रहा है। लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं की तैयारी करने वाले स्टूडेंट के लिए वह नजीर भी थी। आज भी उनका नाम सुर्खियों में है। लेकिन इस बार उनके नाम का सुर्खियों में रहने के पीछे उनके द्वारा अर्जित की गई करोड़ों रुपये की संपत्ति है। आपको बता दें कि आईएएस पूजा सिंघल की छवि एक तेज तर्रार अधिकारी के रुप में बनी रही। सरकार किसी की भी आए, लेकिन उन्हें पद मिलते रहे। लेकिन अब यह मिथक टूट चुका है। यहां हम आपको पूजा सिंघल के जीवन से जुड़े कुछ दिलचस्प और हैरान कर देने वाली घटनाओं की जानकारी देंगे।
IAS Pooja Singhal
रचाई थी दूसरी शादी
झारखंड कैडर की आईएएस पूजा सिंघल ईडी के छापों से सुर्खियों में है। वह अपना नाम लिम्का बुक आफ रिकार्डस में दर्ज करा चुकी हैं। आपको बता दें कि पूजा की शादी आईएएस राहुल पुरवार से हुई थी, लेकिन उनकी ये शादी ज्यादा समय तक नहीं टिक सकी। जिसके बाद पूजा ने बिजनेसमैन और पल्स अस्पताल के मालिक अभिशेष झा से दूसरी शादी रचाई।
यहां मिली थी पहले पोस्टिंग
आईएएस बनने के बाद पूजा को पहली पोस्टिंग झारखंड के हजारीबाग में मिली थी। 16 फरवरी 2009 से 14 जुलाई 2010 जब पपूजा खूंटी में तैनात थी तो उन पर मनरेगा फंड में 18 करोड रुपये की हेराफेरी करने का आरोप लगा था। उन पर झारखंड के कनिष्ट अभियंता राम बिनोद प्रसाद सिन्हा को संरक्षण दने का आरोप भी लगा था। यही नहीं पूजा जब चतरा की डिप्टी कमिश्नर थी तब भी उन पर खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगो थे। वह चार करोड रुपये की मनरेगा फंड की हेराफेरी में चर्चाओं में आई थी।
आपको बता दें कि शुक्रवार को 25 ठिकानों पर रेड मारी गई थी। पूरी कार्रवाई करीब 48 घंटे तक चली है। इसमें सिंघल के CA सुमन सिंह के रांची के हनुमान नगर आवास से 19.31 करोड़ कैश मिले हैं। कार्रवाई के दौरान करीब 150 करोड़ की संपत्ति के दस्तावेज भी मिले हैं। टीम ने पूजा के ससुर कामेश्वर झा के मुजफ्फरपुर के घर, दिल्ली में रहने वाले उनके भाई और माता-पिता और सहयोगियों के यहां भी दबिश दी है।
टीम ने कोलकाता, मुंबई, जयपुर, गुरुग्राम और फरीदाबाद में भी दबिश दी। देर रात टीम सभी कागजातों को अपने साथ ले गई। खूंटी में हुए मनरेगा घोटाले में ED ने JE रामविनोद सिन्हा को गिरफ्तार किया था। उससे 4.25 करोड़ की संपत्ति भी जब्त हुई थी। उसने बताया था कि DC तक पैसे जाते थे। उस समय पूजा सिंघल खूंटी की DC थीं। माना जा रहा है कि 18 करोड़ रुपए के मनरेगा घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले और माइंस के आवंटन में अनियमितता से जुड़े केस में यह कार्रवाई हुई है।
खनन सचिव पूजा सिंघल पर शुक्रवार को हुई ED की कार्रवाई अचानक नहीं हुई। इसकी पृष्ठभूमि पहले से ही तैयार हो गई थी। दरअसल, केंद्र सरकार ने राजभवन से राज्य के दागी पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की सूची मांगी थी। ऐसे अधिकारियों की पूरी डिटेल्स देने को कहा गया था। करीब एक महीने पहले राज्य सरकार ने चार अधिकारियों के नाम राजभवन को भेजे थे।
इनमें रांची DC छवि रंजन, ATI निदेशक के. श्रीनिवासन, भवन निर्माण सचिव सुनील कुमार और मनोज कुमार शामिल थे। राजभवन ने अपने स्तर से इस सूची में सात और अधिकारियों के नाम जोड़कर कुल 11 अधिकारियों की सूची केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजी थी। राजभवन की ओर से जिन अधिकारियों के नाम सूची में जोड़े गए थे, उनमें सबसे ऊपर पूजा सिंघल का नाम था।
सूत्रों का कहना है कि जल्दी ही कई और अधिकारियों पर ED की कार्रवाई होने की संभावना है। इसमें CMO के एक अफसर और मुख्यमंत्री के करीबी माने जाने वाले निर्माण कार्य से जुड़े कई विभागों के प्रधान का पद संभाल रहे एक अधिकारी भी शामिल हैं। इसके अलावा बाह्य कोटा से आए एक प्रभावशाली व्यक्ति पर भी ED की कार्रवाई होने की संभावना है।
राजभवन ने एक फरवरी को राज्य सरकार को पत्र भेजा था। लिखा था कि जिन अफसरों के खिलाफ निगरानी जांच और केस चल रहे हैं या लंबित हैं, राज्य सरकार उनके बारे में 15 दिन में रिपोर्ट दें। नाम के साथ मामले का पूरा विवरण और स्टेटस रिपोर्ट देने की हिदायत भी दी थी। राजभवन को एक माह पहले रिपोर्ट मिली थी।