India News : हमेशा कहा जाता है कि राजनीति में कभी भी कुछ भी हो सकता है। इसी प्रकार का एक उदाहरण रविवार को भारत की राजनीति में देखने को मिला है। महाराष्ट्र के एक नेता के बयान से पूरे भारत में भूचाल सा आ गया है। भारत के महाराष्ट्र प्रदेश में तो यह बयान जंगल की आग की तरह से फैल रहा है। इस बयान में मुंबई पुलिस के बहादुर अफसर हेमंत करकरे का नाम लेकर भारत के सबसे बड़े संगठन राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ पर आरोप लगाया गया है।
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नेता जी बोले कसाब की गोली से नहीं मरे थे करकरे
भारत के महाराष्ट्र प्रदेश में कांग्रेस पार्टी प्रमुख विपक्षी दल की भूमिका में है। पूरे भारत में भी कांग्रेस को ही प्रमुख विपक्षी दल माना जाता है। रविवार को महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार के बयान से बवाल मच गया है। दरअसल विजय वडेट्टीवार ने दावा किया कि राज्य के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) के पूर्व प्रमुख आईपीएस हेमंत करकरे को 2008 के मुंबई हमलों के दौरान पाकिस्तानी आतंकवादियों ने नहीं मारा था। उन्होंने कहा है कि आईपीएस अधिकारी हेमंत करकरे की हत्या जिस गोली से हुई वह कसाब या आतंकियों की तरफ से नहीं चली थी बल्कि ‘आरएसएस को समर्पित’ एक पुलिस अधिकारी के हथियार से चली थी।
विजय वडेट्टीवार ने पूर्व एटीएस चीफ हेमंत करकरे का जिक्र करते हुए मुंबई उत्तर मध्या से बीजेपी उम्मीदवार उज्ज्वल निकम पर हमला किया। वडेट्टीलार ने कहा, ‘बिरयानी का मुद्दा उठाकर निकम ने कांग्रेस को बदनाम किया। क्या कोई कसाब को बिरयानी देगा? बाद में उज्ज्वल निकम ने इसे स्वीकार कर लिया, कैसा वकील है, गद्दार है जिसने कोर्ट में गवाही ही नहीं दी। जिस गोली से मुंबई पुलिस के अधिकारी हेमंत करकरे की मौत हुई वह कसाब की बन्दूक से नहीं, उस समय आरएसएस के वफादार पुलिस अधिकारी की गोली से चली थी, अगर कोर्ट से यह सच छुपाने वाले गद्दार को बीजेपी टिकट दे रही है तो सवाल उठता है कि बीजेपी इन गद्दारों का समर्थन क्यों कर रही है।’
मामले ने तूल पकड़ा तो वडेट्टीवार ने अपने बयान पर सफाई दी और कहा, ‘वे मेरे शब्द नहीं हैं, मैंने सिर्फ वही कहा जो एसएम मुश्रीफ की किताब में लिखा था। किताब में पूरी जानकारी थी। जिस गोली से हेमंत करकरे को गोली मारी गई, वह आतंकवादियों की गोली नहीं थी…’
वडेट्टीवार ने आगे कहा, ‘हेमंत करकेरे की हत्या आतंकियों की गोली से नहीं हुई है यह बात पुलिस अफसर एस एम मुश्रीफ की किताब में लिखी गई है। इस बात को उज्ज्वल निकम सामने क्यों नहीं लाए। पुलिस अफसर, एस एम मुश्रीफ (समशुद्दीन मुश्रीफ ) ने अपनी किताब मे लिखा है कि हेमंत करकरे की गोली से उनकी हत्या हुई है वह गोली अतिरेकों (आतंकियों) की नहीं है…अजमल कसाब को फांसी देने की बड़ी बात नहीं है कोई भी सामान्य वकील और बेलआउट करने वाला वकील भी यह काम सकता था।
भारतीय जनता पार्टी हुई ‘आग बबूला’
इस मामले को लेकर पूरे भारत में भारतीय जनता पार्टी आग बबूला हो गई है। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े ने कहा, ‘कांग्रेस अपने खास वोटबैंक को खुश करने और उसे पाने के लिए किसी भी हद तक गिर सकती है। महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विजय वडेट्टीवार ने 26/11 के आतंकियों को क्लिनचिट देकर ये बात साबित कर दी। उनके मुताबिक शहीद हेमंत करकरे जी पर कसाब ने गोली नहीं चलाई थी। क्या आतंकियों का पक्ष लेते समय कांग्रेस को बिल्कुल भी शर्म नहीं आई? आज पूरे देश को ये भी पता चल गई है कि क्यों कांग्रेस और शहजादे की जीत के लिए पाकिस्तान में दुआएं मांगी जा रही हैं।’
यहां यह बताना जरूरी है कि 26/11 के हमले में शहीद हुए हेमंत करकरे को मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च वीरता अलंकरण अशोक चक्र से सम्मानित किया गया था। 26/11 मुंबई हमले मे जिंदा पकडा गया आतंकवादी कसाब को फांसी देने तक सरकार की ओर से उज्ज्वल निकम ने केस लड़ा था। निकम को बीजेपी ने मुंबई उत्तर मध्य लोकसभा से अपना उम्मीदवार बनाया है जहां से कांग्रेस की वर्षा गायकवाड़ उनके खिलाफ मैदान में है। India News
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