Sunday, 22 December 2024

दुनिया का अनोखा मंदिर, जहां चढ़ावे में भक्त चढ़ाते है जूते-चप्पल

Jijabai Mata Mandir : देशभर में अलग-अलग देवी-देवताओं के मंदिर है, जो अपनी प्रसिद्धि के लिए जाने जाते है। हर…

दुनिया का अनोखा मंदिर, जहां चढ़ावे में भक्त चढ़ाते है जूते-चप्पल

Jijabai Mata Mandir : देशभर में अलग-अलग देवी-देवताओं के मंदिर है, जो अपनी प्रसिद्धि के लिए जाने जाते है। हर मंदिर का अपना इतिहास और मान्यता है, जहां भक्त अपनी अस्था के लिए जाते है। और भगवान को प्रसाद चढ़कर अपनी मनोकामना मंगते है। वैसे अक्सर अपने मंदिरों में प्रसाद के रूप में मिठाई, फल और फूल आदि देखे होंगे। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे है, जहां भगवान को मिठाई नहीं बल्कि प्रसाद के रूप में जूते-चप्पल चढ़ाते है। जी हां, यह बात जितनी चौकाने वाली है, उतनी सच है। आइए जानते है दुनिया के इस अनोखे मंदिर के बारे मेंं, जहां भगवान को जूते-चप्पल चढ़ाए जाते हैं।

भोपाल में स्थित है ये अनोखा मंदिर

आपको बता दे हम जिस अनोखे मंदिर की बात कर रहे है वह मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित है, जो माता सिद्धिदात्री को समर्पित एक प्राचीन मंदिर है, इस मंदिर को जीजाबाई माता मंदिर के नाम से जाना जाता है। जीजाबाई माता मंदिर भोपाल के बंजारी क्षेत्र में कोलार की पहाड़ियों पर मौजूद है। यहां के लोग इस मंदिर को सिद्धिदात्री पहाड़ वाला और जीजी बाई मंदिर के नाम से जानते है। मंदिर की सबसे खास बात यह है कि यहां तक पहुंचने के लिए भक्तों को 125 सीढ़ी की चढ़ाई करनी पड़ती है। कहा जाता है कि आज से करीब 25 साल पहले इस मंदिर की स्थापना की गई थी।

बाल रूप में विराजमान हैं देवी

धार्मिक मान्यता की मानें तो, जीजाबाई माता मंदिर में देवी सिद्धिदात्री बाल रूप में विराजमान हैं। इसी कारण ये मंदिर उन सभी चीजों को अर्पित किया जाता है, जिसकी जरूरत एक बेटी को होती है। हैरानी की बात यह है कि यहां पर जूते-चप्पल चढ़ाने के अलावा देवी सिद्धिदात्री को चश्मा, छाता, कपड़े, इत्र, कंघा, घड़ी और श्रृंगार का सामान तक चढ़वे में चढ़ाया जाता है। कहा जाता है कि इस मंदिर के दर्शन करने के लिए देश ही नहीं, बल्कि विदेश भर के लोग दर्शन करने आते है। खास बात है कि नवरात्रि औरव्रत-त्योहार में तो इस मंदिर में भक्तों की अच्छी-खासी भीड़ देखने को मिलती है।

बेटी की तरह की जाती है देखभाल

बता दें कि जीजाबाई माता मंदिर में मां की देखभाल एक बेटी की तरह की जाती है। माता रानी खुश रहें, इसके लिए दिन में दो से तीन बार देवी के कपड़े भी बदले जाते है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 25 साल में अब तक कम से कम 15 लाख कपड़े बदले जा चुके हैं। इसके अलावा माता रानी का श्रृंगार भी किया जाता है।

जूते-चप्पल चढ़ाने से होती हैं मनोकामनाएं पूरी!

कहा जाता है जो व्यक्ति सच्चे मन से यहां पर आकर माता को जूते-चप्पल और श्रृंगार का सामान अर्पित करता है, उनकी हर मनोकामना पूरी होती है। Jijabai Mata Mandir

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