नई दिल्ली। लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार योजना में सर्वाधिक 748 जिलों ने भाग लिया। उनमें से रिकॉर्ड 2,540 नामांकन प्राप्त हुए हैं। इन नामांकनों से पुरस्कारों के लिए 16 नौकरशाहों का चयन किया गया है। यह जानकारी वरिष्ठ नौकरशाह वी. श्रीनिवास ने दी।
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सिविल सेवा दिवस 2023 की थीम होगी ‘विकसित भारत’
वी. श्रीनिवास ने बताया कि इस साल 20-21 अप्रैल को मनाया जाने वाला सिविल सेवा दिवस 2023 ‘विकसित भारत-नागरिकों को सशक्त करना और अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना’ विषय पर होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 21 अप्रैल को देश के सिविल सेवकों को संबोधित करेंगे और प्रधानमंत्री पुरस्कार प्रदान करेंगे। सरकार हर वर्ष 21 अप्रैल को सिविल सेवा दिवस मनाती है, जिसका उद्देश्य सिविल सेवकों को नागरिकों की भलाई के लिए खुद को समर्पित करना तथा लोक सेवा और काम में उत्कृष्टता में उनकी प्रतिबद्धताओं की पुन: पुष्टि करना है। सिविल सेवा दिवस मनाने के लिए इस दिन को इसलिए चुना गया, क्योंकि आजाद भारत के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने इसी दिन दिल्ली के मेटकाफ हाउस में 1947 में प्रशासनिक सेवा के परिवीक्षाधीन अधिकारियों को संबोधित किया था।
748 जिले, 2,540 नामांकन, 16 का चयन
श्रीनिवास ने साक्षात्कार में कहा कि सर्वाधिक 748 जिलों ने लोक प्रशासन 2022 में उत्कृष्टता के लिए प्रधानमंत्री की पुरस्कार योजना में भाग लिया। इस योजना के तहत 2,540 नामांकन प्राप्त हुए। इन नामांकन में से 16 को प्रधानमंत्री के पुरस्कारों के लिए चुना गया है, जिसे प्रधानमंत्री 21 अप्रैल को प्रदान करेंगे। केंद्र सरकार ने 2006 में केंद्र तथा राज्य सरकारों के जिला/संगठनों द्वारा किए गए असाधारण और नवोन्मेषी काम को पहचान तथा उसे पुरस्कृत करने के लिए लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार की शुरुआत की थी।
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20 अप्रैल को कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे 3,500 अफसर
श्रीनिवास ने कहा कि 2022 के लिए लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार का मकसद ‘हर घर जल योजना’ के जरिए ‘स्वच्छ जल’, स्वास्थ्य केंद्रों के जरिए ‘स्वस्थ भारत’, ‘समग्र शिक्षा’ के जरिए कक्षा का न्यायसंगत और समावेशी माहौल, ‘एस्पीरेशनल डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम’ के जरिए समग्र विकास को बढ़ावा देने में सिविल सेवकों के योगदान को पहचानना है। उन्होंने कहा कि 16वें सिविल सेवा दिवस 2023 का उद्देश्य भारत के सिविल सेवकों को ‘देश पहले’ के रवैये के प्रति अपने आप को समर्पित करने के लिए प्रेरित करना है। इस साल के सिविल सेवा दिवस कार्यक्रम में करीब 3,500 अधिकारी भाग लेंगे।
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