WEF Report में स्थानीय निकायों में महिलाओं की भागीदारी की गणना को जरूरी माना : ईरानी

WEF Report नयी दिल्ली। महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने सोमवार को कहा कि विश्व आर्थिक मंच (WEF) ने अपनी लैंगिक अंतर रिपोर्ट में स्थानीय सरकारी निकायों में महिलाओं की भागीदारी को शामिल करने की आवश्यकता को स्वीकार किया है।
WEF Report
डब्ल्यूईएफ ने 2022 के लिए अपने वैश्विक लैंगिक अंतर (GGG) सूचकांक में भारत को 146 देशों में से 135वें स्थान पर रखा है। पिछले कई वर्षों से भारत का स्थान इस सूची में नीचे रहा है। सरकार ने बार-बार सूचकांक को यह कहते हुए खारिज किया कि सूचकांक पूरी तस्वीर पेश नहीं करता है क्योंकि इसमें स्थानीय निकायों के लिए चुनी गई महिलाओं को शामिल नहीं किया गया है।
डब्ल्यूईएफ की वार्षिक बैठक में भाग लेने के लिए दावोस की यात्रा करने वाली ईरानी ने कहा कि इसने अपनी लैंगिक अंतर रिपोर्ट में स्थानीय सरकारी निकायों में महिलाओं की भागीदारी की आवश्यकता को मान्यता दी है।
उन्होंने ट्वीट किया कि दावोस 2023 में भारत - महिला एवं बाल विकास मंत्रालय में हमें यह साझा करते हुए खुशी हो रही है कि दावोस में डब्ल्यूईएफ ने लिंग अंतर रिपोर्ट में स्थानीय सरकारी निकायों में महिलाओं की भागीदारी की गणना करने की आवश्यकता को पहचाना है। यह पंचायत स्तर पर स्थानीय रूप से चुनी गई 14 लाख जमीनी स्तर की महिलाओं के लिए एक बड़ी जीत है।’’
उन्होंने कहा कि डब्ल्यूईएफ ने भी भारत के लैंगिक बजट प्रणाली का अध्ययन करने की इच्छा जताई है।
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा कि इसके अलावा डब्ल्यूईएफ ने भारत के लैंगिक बजट प्रणाली का अध्ययन करने की अपनी इच्छा की पुष्टि की है, यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास को सुनिश्चित करने के प्रयासों की एक बड़ी स्वीकृति भी है।
ईरानी को लिखे पत्र में डब्ल्यूईएफ की सादिया जाहिदी ने कहा कि फोरम भारत के साथ महिलाओं के एजेंडे के आसपास सहयोग को मजबूत करने के लिए काम करेगा और वैश्विक डाटा संग्रह में सुधार के निम्नलिखित क्षेत्रों पर एक साथ काम करेगा और वैश्विक स्तर पर तुलनात्मक तरीके से स्थानीय राजनीतिक निर्णय लेने में महिलाओं की भागीदारी का आकलन करने का प्रयास करेगा।
उन्होंने जिस अन्य क्षेत्र का उल्लेख किया, वह फोरम के डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भारत सरकार द्वारा अपनी लैंगिक बजट प्रणाली के माध्यम से हासिल किए गए प्रभाव को प्रदर्शित कर रहा है, सभी क्षेत्रों में और शासन के सभी स्तरों पर लैंगिक समानता को बढ़ावा दे रहा है।
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देश-दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें। News uploaded from Noida #ChetnaManch #चेतनामंचWEF Report नयी दिल्ली। महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने सोमवार को कहा कि विश्व आर्थिक मंच (WEF) ने अपनी लैंगिक अंतर रिपोर्ट में स्थानीय सरकारी निकायों में महिलाओं की भागीदारी को शामिल करने की आवश्यकता को स्वीकार किया है।
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डब्ल्यूईएफ ने 2022 के लिए अपने वैश्विक लैंगिक अंतर (GGG) सूचकांक में भारत को 146 देशों में से 135वें स्थान पर रखा है। पिछले कई वर्षों से भारत का स्थान इस सूची में नीचे रहा है। सरकार ने बार-बार सूचकांक को यह कहते हुए खारिज किया कि सूचकांक पूरी तस्वीर पेश नहीं करता है क्योंकि इसमें स्थानीय निकायों के लिए चुनी गई महिलाओं को शामिल नहीं किया गया है।
डब्ल्यूईएफ की वार्षिक बैठक में भाग लेने के लिए दावोस की यात्रा करने वाली ईरानी ने कहा कि इसने अपनी लैंगिक अंतर रिपोर्ट में स्थानीय सरकारी निकायों में महिलाओं की भागीदारी की आवश्यकता को मान्यता दी है।
उन्होंने ट्वीट किया कि दावोस 2023 में भारत - महिला एवं बाल विकास मंत्रालय में हमें यह साझा करते हुए खुशी हो रही है कि दावोस में डब्ल्यूईएफ ने लिंग अंतर रिपोर्ट में स्थानीय सरकारी निकायों में महिलाओं की भागीदारी की गणना करने की आवश्यकता को पहचाना है। यह पंचायत स्तर पर स्थानीय रूप से चुनी गई 14 लाख जमीनी स्तर की महिलाओं के लिए एक बड़ी जीत है।’’
उन्होंने कहा कि डब्ल्यूईएफ ने भी भारत के लैंगिक बजट प्रणाली का अध्ययन करने की इच्छा जताई है।
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा कि इसके अलावा डब्ल्यूईएफ ने भारत के लैंगिक बजट प्रणाली का अध्ययन करने की अपनी इच्छा की पुष्टि की है, यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास को सुनिश्चित करने के प्रयासों की एक बड़ी स्वीकृति भी है।
ईरानी को लिखे पत्र में डब्ल्यूईएफ की सादिया जाहिदी ने कहा कि फोरम भारत के साथ महिलाओं के एजेंडे के आसपास सहयोग को मजबूत करने के लिए काम करेगा और वैश्विक डाटा संग्रह में सुधार के निम्नलिखित क्षेत्रों पर एक साथ काम करेगा और वैश्विक स्तर पर तुलनात्मक तरीके से स्थानीय राजनीतिक निर्णय लेने में महिलाओं की भागीदारी का आकलन करने का प्रयास करेगा।
उन्होंने जिस अन्य क्षेत्र का उल्लेख किया, वह फोरम के डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भारत सरकार द्वारा अपनी लैंगिक बजट प्रणाली के माध्यम से हासिल किए गए प्रभाव को प्रदर्शित कर रहा है, सभी क्षेत्रों में और शासन के सभी स्तरों पर लैंगिक समानता को बढ़ावा दे रहा है।







