Elephant Hunting: देश में रुक नहीं रहा हाथियों पर वार, 2022 में 9 हाथी बने शिकार

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गजराज योजना
locationभारत
userचेतना मंच
calendar21 Mar 2023 07:44 PM
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Elephant Hunting: नोएडा। वर्ष 2022 में कुल 32 हाथियों ने देशभर में दम तोड़ दिया। यह जानकारी एक आरटीआई के माध्यम से नोएडा के पर्यावरणविद रंजन तोमर को वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो द्वारा प्रदान की गई है। आपको बता दें कि झारखंड में सर्वाधिक हाथियों की मौत हुई है।

Elephant Hunting

पर्यावरविद रंजन तोमर की ओर से वन्यजीव अपराधि नियंत्रण ब्यूरो से आरटीआई के तहत देशभर के हाथियों की जानकारी मांगी थी। रंजन तोमर ने पूछा था कि जनवरी 2022 से लगाकर अंत तक देशभर में कितने हाथियों की मृत्यु हुई। वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो ने अपने जवाब में बताया कि देशभर में कुल 32 हाथी की मौत वर्ष 2022 के दौरान हुई। ब्यूरो कहता है कि सबसे ज़्यादा हाथियों की मृत्यु झारखण्ड में हुई जहां पिछले वर्ष 14 हाथियों की मृत्यु हुई। दूसरे नंबर पर उत्तराखंड रहा जहां 7 हाथियों की मृत्यु हुई। इसके बाद ओडिशा में 6, तमिलनाडु में 2, पश्चिम बंगाल, अरुणाचल प्रदेश और कर्णाटक में 1 -1 हाथियों की मृत्यु हुई।

9 का हुआ शिकार, 8 गिरफ्तार

पिछले वर्ष इस एक वर्ष की अवधि में 9 हाथियों का शिकार हुआ है जिसमें सबसे ज़्यादा झारखण्ड में हाथी मारे गए और एक भी शिकारी अब तक गिरफ्तार नहीं हो पाया। ओडिशा में 3 हाथी मारे गए, जहां 8 शिकारियों को गिरफ्तार किया गया। इसके अलावा पश्चिम बंगाल और उत्तराखंड में एक एक हाथी का शिकार किया गया।

2021 में 49 और 2019 तक प्रतिवर्ष औसतन 42 हाथी मारे जाते थे

आपको बता दें कि रंजन तोमर लगातार हाथियों के शिकार पर आरटीआई के माध्यम से जानकारी एकत्रित जनता तक पहुंचा रहे हैं। इससे सरकारें दबाव में आयी और कड़े कानून बने हैं, जिसका नतीजा सामने आने लगा है। 2019 में लगाई गई एक आरटीआई में रंजन तोमर ने दस वर्ष में तकरीबन 429 हाथियों के शिकार की जानकारी निकलवाई थी, जो बेहद चर्चा में रही। इसके आलावा 2021 में 49 हाथियों के शिकार की जानकारी भी तोमर ने साझा की जो मीडिया और जनता में चर्चा का विषय रही। इस वर्ष हाथियों के शिकार का आंकड़ा 9 रहा, जो पिछले कई वर्षों में सबसे कम है। ऐसे में पर्यावरणविदों को इससे कुछ राहत ज़रूर मिलेगी।

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Amritpal Singh : खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल पर लगा NSA

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Amritpal Singh
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 07:57 AM
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Amritpal Singh / चंडीगढ़। 'वारिस पंजाब दे' संगठन के मुखिया और खालिस्तानी समर्थक भगोड़ा अमृतपाल सिंह अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। पुलिस उसकी तलाश कर रही है। उधर, अमृतपाल सिंह के पिता ने अदालत का दरवाजा खटखटाया है। आज अमृतपाल के मुददे पर चंडीगढ़-हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। जिसमें हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को लेकर कड़ी नाराजगी जताई। हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को फटकार लगाते हुए पूछा कि 80 हजार पुलिस वाले क्या कर रहे थे ? उधर, पंजाब पुलिस ने हरजीत सिंह समेत पांच लोगों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) लगा दिया।

Amritpal Singh

अमृतपाल सिंह केस में सुनवाई करते हुए पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा कि पंजाब सरकार का खुफिया तंत्र पूरी तरह फेल है। इस पर जस्टिस एनएस शेखावत ने पूछा कि अमृतपाल सिंह पर एनएसए क्यों लगाया गया है। पूरे ऑपरेशन की योजना बनाई गई थी फिर अमृतपाल कैसे भाग गया। उसके अलावा सभी लोग गिरफ्तार कर लिए गए। कोर्ट ने कहा कि हमें पुलिस की कहानी पर भरोसा नहीं है।

अमृतपाल को अरेस्ट करने की कोशिश

इस पर पंजाब सरकार की ओर से पेश हुए अटॉर्नी जनरल विनोद घई ने कहा कि पुलिस के पास भले ही हथियार थे, लेकिन हमें बल प्रयोग करने से रोक दिया गया। कुछ मामले इतने संवेदनशील होते हैं कि हम कोर्ट में उसकी व्याख्या नहीं कर सकते। हम अमृतपाल को अरेस्ट करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। पंजाब पुलिस ने हरजीत सिंह समेत पांच लोगों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगा दिया। पुलिस ने सोमवार को हरजीत सिंह और ड्राइवर हरप्रीत सिंह को गिरफ्तार किया था। हरजीत को विमान से असम के डिब्रूगढ़ केंद्रीय जेल भेजा गया। एक दिन पहले अमृतपाल के चार सहयोगी भी वहीं भेजे गए थे।

पंजाब की शांति कोई भंग नहीं कर सकता : मान

खालिस्तानी समर्थक और 'वारिस पंजाब दे' का मुखिया अमृतपाल सिंह को लेकर सीएम भगवंत मान ने सख्त दिख रहे हैं। उन्होंने कहा है कि पंजाब के लोग भाईचारे के लिए जाने जाते हैं। लेकिन अगर कोई इस पर बुरी नजऱ डालता है तो पंजाबी ये बर्दाश्त नहीं करते। पिछले दिनों कुछ तत्व ऐसे थे जो विदेशी ताकतों के हाथ चढ़कर पंजाब में माहौल खराब करने की, हेट स्पीच और कानून के खिलाफ बोल रहे थे। सीएम मान ने स्पष्ट किया कि इनके खिलाफ कार्रवाई की गई है और ये पकड़े गए हैं। हमारे लिए प्राथमिकता किताबें हैं। कोई गैर समाजिक ताकत नहीं।

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Delhi Political : दिल्ली में क्यों मचा सियासी कोहराम, जानिये पूरी कहानी

Saurabh
Why there was political uproar in Delhi, know the whole story
locationभारत
userचेतना मंच
calendar21 Mar 2023 07:23 PM
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नई दिल्ली। दिल्ली सरकार का बजट रोकने पर सियासी कोहराम मच गया है। आम आदमी पार्टी (आप) ने आरोप लगाया कि केंद्र ने दिल्ली का बजट रोकने की साजिश रची। पार्टी ने कहा कि यह अलोकतांत्रिक है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारी राष्ट्रीय राजधानी के लिए बजट खर्च तय कर रहे हैं।

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Delhi Political

बजट रोकना शर्मनाक और अलोकतांत्रिक

संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए आप के राष्ट्रीय प्रवक्ता और दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि यह बेहद शर्मनाक है कि बजट को रोका गया है। पूरी दुनिया के सामने हमारा मजाक बनाया गया है। यह शर्मनाक है कि केंद्र एक छोटे-से प्रदेश का बजट रोक रहा है।

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तीन दिनों तक बजट दबाकर बैठे रहे मुख्य सचिव

भारद्वाज ने कहा कि गृह मंत्रालय ने दिल्ली सरकार के बजट को लेकर कुछ चिंता जतायी थी और 17 मार्च को मुख्य सचिव को भेजे एक पत्र में इसे स्वीकृति देने से इनकार कर दिया था। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्य सचिव तीन दिन तक इसे दबाकर बैठे रहे। यह किसी राष्ट्र विरोधी गतिविधि से बड़ा कदम है। इसकी जांच की जानी चाहिए। इस षड्यंत्र के पीछे केंद्र है और उसके इशारे पर बजट में देरी की जा रही है। आप के वरिष्ठ नेता ने कहा कि बजट एक पवित्र दस्तावेज और गुप्त कवायद होती है। उन्होंने पूछा कि केंद्र में बैठा कोई ‘बाबू’ दिल्ली सरकार के खर्च पर सवाल कैसे कर सकता है। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।