Saturday, 15 March 2025

रक्षा विशेषज्ञों ने जताई गहरी चिंता…सरकारी योजनाओं के प्रचार में भारतीय सेना के इस्तेमाल से सेना  का राष्ट्रीय सुरक्षा से फोकस हटेगा

Opinion of defense experts केंद्र सरकार द्वारा सरकारी योजनाओं के प्रचार के लिए सेल्फी प्वाइंट बनाकर भारतीय सेना के इस्तेमाल…

रक्षा विशेषज्ञों ने जताई गहरी चिंता…सरकारी योजनाओं के प्रचार में भारतीय सेना के इस्तेमाल से सेना  का राष्ट्रीय सुरक्षा से फोकस हटेगा

Opinion of defense experts केंद्र सरकार द्वारा सरकारी योजनाओं के प्रचार के लिए सेल्फी प्वाइंट बनाकर भारतीय सेना के इस्तेमाल को रक्षा विशेषज्ञों ने चिंताजनक बताया है। रक्षा विशेषज्ञों ने विभिन्न शहरों में सेल्फी प्वाइंट बनाकर उसमें भारतीय सैनिकों का इस्तेमाल करने पर रक्षा विशेषज्ञ बिरादरी ने कड़ी प्रतिक्रिया करते हुए कहा है, सरकारी योजनाओं में भारतीय सेवा के इस्तेमाल से राष्ट्रीय सुरक्षा में फर्क पड़ेगा और सेना का अपनी चुनौतियों से फोकस हटेगा। यही नहीं भारतीय सेवा के जवान जिनका दायित्व देश की अखंडता एकता और सुरक्षा का है उनको सरकारी योजनाओं के प्रचार में लगाने से भारतीय सेवा की गरिमा प्रभावित होगी। क्योंकि उनका सरकारी योजनाओं से कोई सरोकार नहीं उन्हें तो तमाम तरह के सुरक्षा के चुनौतियों के लिए हर वक्त राष्ट्रीय सुरक्षा में डटे रहना है। रक्षा विशेषज्ञों ने कहा कि भारतीय सेवा किसी की टट्टू नहीं कि उसे कहीं भी लगा दिया जाए। उनका मुख्य सरोकार देश की सुरक्षा और अखंडता एवं  एकता है।

यह प्रतिक्रियाएं जाने-माने भारतीय सेवा से जुड़े सेवानिवृत अनुभवी दिग्गज रक्षा विशेषज्ञों ने की है। और बाकायदा उन्होंने एक राष्ट्रीय चैनल पर डिबेट में सरकारी योजनाओं में भारतीय सेना के इस्तेमाल पर गहरी चिंता जताई। रक्षा विशेषज्ञों ने कहा कि भारतीय सेना का फोकस राष्ट्रीय सुरक्षा से नहीं हटाया जाना चाहिए। उन्‍हें देश की सम्मान आन बान शान के लिए खड़े होना है और उनकी गरिमा सरकारी योजनाओं के प्रचार में लगाकर कम नहीं की जानी चाहिए। सेना का काम बॉर्डर पर सुरक्षा करना है। ऐसी स्थिति में भारतीय सेना की विश्वसनीयता प्रभावित होगी।

रक्षा विशेषज्ञों ने चिंता के साथ खड़े किए सवाल

बता दें सरकारी योजनाओं के प्रचार में भारतीय सेवा के इस्तेमाल पर रक्षा विशेषज्ञ विशंभर दयाल, दिनेश नेत, राजन कोचर अश्विनी सिवाच, जे बी जेनी जगदीप दहिया, ने गहरी चिंता जताई है। रक्षा विशेषज्ञों ने कहा कि भारतीय सेवा का राजनीतिकरण करके उनका फोकस राष्ट्रीय सुरक्षा से बिल्कुल नहीं हटाया जाना चाहिए। उन्होंने सवाल खड़ा किया क्या भारतीय सेवा के सामने से सुरक्षा की चुनौतियां खत्म हो गई हैं? कया उनके सामने कोई काम नहीं है? उन्होंने कहा आज भी देश के लिए विश्व की जटिल परिस्थितियों में भारतीय सेना के सामने तमाम चुनौतियां हैं और उनके राष्ट्रीय सुरक्षा पर पूरा फोकस होना चाहिए। और अगर वह छुट्टी पर भी जाते हैं तो घर पर आराम के लिए या अपने परिवार से मिलने जाते हैं। उन्हें डिस्टर्ब नहीं किया जाना चाहिए।

विभिन्न 822 शहरों में सेल्फी प्वाइंट बनाकर भारतीय सेना की मदद का क्या है मुद्दा?

जान लें केंद्र सरकार के रक्षा मंत्रालय ने जल थल वायु सेवा को देश के विभिन्न 822 शहरों में सेल्फी प्वाइंट बनाकर सरकारी योजनाएं जनता तक पहुंचने में मदद के लिए कहा है और उसकी रिपोर्ट भी तैयार करने के लिए कहा है। जल थल और वायु सेवा को बाकायदा उनके लक्ष्य दिए गए हैं। कई महीने पहले केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री जी के वक्तव्य में कहा गया था कि जब भारतीय सेना के जवान अपने घर छुट्टी पर जाते हैं तो उनका सामाजिक कार्यों में मदद ली जानी चाहिए और सरकारी योजनाओं को जनता तक पहुंचाने के लिए सेल्फी पॉइंट पर जाकर उन्हें योजनाओं से अवगत कराया जाना चाहिए। इससे देश की जनता गौरवान्वित महसूस करेगी और देश केंद्र सरकार द्वारा चलाई योजनाएं भी उन तक आराम तक पहुंच सकेंगी।

 सेल्फी प्वाइंट के दिए गए लक्ष्य

भारत की सेनाएं अब उज्ज्वला योजना, आत्मनिर्भर भारत और नारी सशक्तिकरण जैसी योजनाओं को जनता के बीच ले जाएंगी। रक्षा मंत्रालय ने जल, थल और वायुसेना को इसके लिए देश के 9 अलग-अलग शहरों में सेल्फी पॉइंट्स बनाने को कहा है। इन शहरों में 822 सेल्फी पॉइंट बनाए जाएंगे।

सेनाओं के लिए तय किए सेल्फी प्वाइंट

बता दें केंद्र सरकार ने विभिन्न सरकारी योजनाओं को जनता तक ले जाने के लिए थल सेना को 100 सेल्फी पॉइंट्स बनाने का लक्ष्य दिया। और वायु सेवा को वा 75 और नेवी भी 75 सेल्फी पॉइंट्स का लक्ष्य दिया। डीआरडीओ और बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन को भी 50-50 सेल्फी पॉइंट्स बनाने का लक्ष्य रखा गया। सैनिक स्कूल भी 50 सेल्फी पॉइंट्स बनाने के लिए कहा गया है। जबकि रक्षा से जुड़े शेष संगठन 422 सेल्फी पॉइंट्स बनाएंगे।

डिजिटल सेल्फी प्वाइंट भी बनेंगे

दिए गए शहरों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित डिजिटल सेल्फी पॉइंट भी बने जाएंगे। सेल्फी पॉइंट पर अपनी तस्वीर खींचने वाले लोगों को अपनी सेल्फी सोशल मीडिया पर अपलोड करेंगे। सेल्फी को अपलोड करने के लिए अलग से ऐप बनाने की जानकारी भी सामने आई है।

रक्षा विशेषज्ञों ने क्या प्रतिक्रियाए दी ?

रक्षा विशेषज्ञ राजन कोचर ने कहा की सेना का पॉलिटिकल इस्तेमाल से हमारा फोकस डिस्टर्ब होगा और राष्ट्रीय सिक्योरिटी से सेना का फोकस नहीं हटाया जाना चाहिए। रक्षा विशेषज्ञ विशंभर दयाल ने कहा है कि यह बहुत चिंता का विषय है कि भारतीय सेना का सरकारी योजनाओं में इस्तेमाल करने का फैसला लिया गया है। रिटायर्ड कम्युनिटी को इस बारे में सोचना चाहिए। रक्षा विशेषज्ञ दिसंबर दयाल ने कहा कि अगर हम उन्हें सरकारी योजनाओं के प्रचार में लगाएंगे जिसका काम बॉर्डर पर देश की अखंडता एकता और सुरक्षा के लिए चुनौतियों को संभालना है। वह सरकारी योजनाओं के प्रचार प्रसार में क्या जवाब देगा। यह काम उसका नहीं सैनिक को उसके राष्ट्रीय सुरक्षा के काम से फोकस नहीं हटाया जाना चाहिए। सरकारी योजनाओं के प्रचार में लगने से उनकी विश्वसनीयता कम होगी क्योंकि उन्हें नहीं पता क्या योजनाएं हैं। वह तो देश के बॉर्डर पर चुनौती स्वीकारने के लिए अधिक खड़े होते हैं वही उनका काम है। सैनिकों पर यह काम थोपा जाना उचित नहीं है।

सरकारी योजनाओं के झूठ के प्रचार से सेवा की गरिमा कम होगी

विश्व रक्षा विशेषज्ञ विशंभर दयाल ने कहा कि जो योजनाएं जनता तक पहुंची नहीं वह उनके बारे में बताएंगे और लोग उनसे प्रश्न करेंगे तो निश्चित तौर पर सेना की विश्वसनीयता कम होगी और उनकी गरिमा पर फर्क पड़ेगा। जबकि हमें देश के गौरव के लिए जाना जाता है और वह देश की रक्षा अखंडता और एकता के लिए ही लड़ता है।

भारतीय सैनिक कोई टट्टू नहीं जिसे किसी भी काम पर लगा दिया जाए

रक्षा विशेषज्ञ जे बी जेनी ने भी सरकारी योजनाओं में भारतीय सेवा के इसका इस्तेमाल पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है और कहां है कि भारतीय सैनिक को टट्टू नहीं समझ लेना चाहिए। उसके पास कोई जादू का डंडा नहीं कि कहीं भी लगा दिया जाए। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों भी कभी उन्हें योग में लगाया गया और कभी स्वच्छता अभियान में गंध उठाने के लिए गंदगी उठाने के लिए कहा गया। यह बिल्कुल उचित नहीं है हमारे सामने देश की सिक्योरिटी का सवाल है उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा के फोकस से बिल्कुल नहीं हटाया जाना चाहिए। उन्होंने बहुत ही सटीक शब्दों में कहा यह सब बकवास बंद होनी चाहिए और भारतीय सेना का मनमाना उपयोग नहीं किया जाना चाहिए।

भारतीय सेना के सरकारी योजनाओं में इस्तेमाल से उनकी क्षमता पर फर्क पड़ेगा

रक्षा विशेषज्ञ अश्वनी सिवाच ने कहा कि भारतीय सेना के सरकारी योजनाओं में इस्तेमाल से उनकी क्षमता पर फर्क पड़ेगा और उनका फोकस बिल्कुल भी राष्ट्रीय सुरक्षा से नहीं हटाया जाना चाहिए।  भारतीय सेवा पर आज के परिपेक्ष में पहले से ही बहुत चुनौतियां हैं इसलिए भारतीय सेवा का फोकस राष्ट्रीय सुरक्षा पर भी होना चाहिए।

जगदीप दहिया रक्षा विशेषज्ञ ने खड़े किए सवाल?

क्या फौजी के पास कोई काम नहीं है? क्या उन्हें चैलेंज लेने के लिए काम नहीं है?  उनके वास्तविक सुरक्षा कार्यों से उन्हें क्यों हटाया जा रहा है? छुट्टियों में भी वह घर जाते हैं तो अपने परिवार से मिलने और आराम के लिए जाते हैं लेकिन उनका मुख्य मकसद राष्ट्रीय सुरक्षा ही होता है।

हम अनुशासित हैं इसलिए हैं मजबूर

रक्षा विशेषज्ञ दिनेश नेत ने कहा क्योंकि हम अनुशासित हैं इसलिए मजबूर हैं। हमसे डिफेंस कमीशन भी छीन लिया। आज कोई फौज में जाने को तैयार नहीं है। क्योंकि फौजी के परिवार के लिए कोई सहूलियत नहीं होती। और उनकी विधवाओं को और परिवार को समुचित सुविधाएं नहीं मिलती। हमें मानिक शाह जैसे लोग चाहिए जिन्होंने इंदिरा गांधी को भी हिला दिया था। हम यहां रोजगार के लिए नहीं आए देश की रक्षा के लिए आए हैं। इसलिए हमारे परिवार और हमारे सम्मान को सुरक्षा दी जानी चाहिए। श्री दिनेश ने कहा कि भारत सरकार एक शहीद की विधवा को क्या देती है इससे ज्यादा तो एक आया भी कमा लेती है। सरकार जो एक शहीद की विधवा को भत्ता देती है क्या उससे एक परिवार चल सकता है? उन्होंने कहा इससे ज्यादा तो एक आया कमा लेती है।

राजन कोचर ने कहा कि भारतीय सेना के इस्तेमाल से राष्ट्रीय सुरक्षा में इसके लंबे असर होंगे। और यह चिंता का विषय है इस बारे में सोचा जाना चाहिए। यानी रक्षा विशेषज्ञों ने मुख्यतः सरकारी योजनाओं के प्रचार में भारतीय सेवा के इस्तेमाल को उचित नहीं ठहराया। और उन्होंने कहा कि इससे राष्ट्रीय सुरक्षा का फोकस हटेगा इसलिए सैनिक का फोकस उनके मुख्य मकसद से नहीं हटाया जाना चाहिए।

Opinion of defense experts
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रक्षा विशेषज्ञों ने भारतीय सेवा की स्थिति और उनके पॉलिटिकल इस्तेमाल पर भी सवाल खड़े किए। और उन्होंने कहा भारतीय सेवा की रिटायर्ड कम्युनिटी को इस बारे में सोचना चाहिए। ताकि भारतीय सेवा अपनी आन बान शान के लिए देश की राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में ही चुनौतियों पर खड़ी उतरे और उन्हें टट्टू की तरह इधर-उधर ना लगाया जाए। और उनका राजनीतिक इस्तेमाल भी ना किया जाए। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री आते रहे हैं और जाते रहेंगे। लेकिन देश की सुरक्षा और देश की आन बान शान हमेशा रहेगी और भारतीय सेना को उसके राष्ट्रीय सुरक्षा के मुख्य फोकस पर  रखा जाना चाहिए।

प्रस्तुति मीना कौशिक

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