Success Story : सफलता उसी को मिलती है जिसके हौंसलों में जान होती है। यह कहावत उत्तर प्रदेश के कानपुर IIT के दो छात्रों पर सटीक बैठती है। कानपुर IIT से पढ़ाई पूरी करके निकलते ही इन दो दोस्तों ने ऐसा काम किया कि मात्र पांच साल में 2900 करोड़ रूपए की कमाई कर डाली। इन दो दोस्तों की सफलता की यह कहानी लगातार सफलता के साथ आगे बढ़ रही है। दो दोस्तों की सफलता की इस कहानी को पढक़र प्रत्येक व्यक्ति को प्रेरणा मिलेगी।
दो दोस्तों की सफलता की कहानी
समझ ही नहीं आ रहा है कि दो दोस्तों की सफलता की इस कहानी को कहां से शुरू किया जाए। चलिए शुरू करते हैं सफलता की इस कहानी को भारत के सबसे बड़े प्रदेश उत्तर प्रदेश के IIT कॉलेज से पढ़ाई करने वाले दो दोस्त पुलकित खुराना और सिद्धार्थ सिक्का। ‘बैटरी स्मार्ट’ के संस्थापक हैं। उन्होंने अपनी स्टार्टअप कंपनी 2019 में शुरू की थी। इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी) इकोसिस्ट में बैटरी स्मार्ट (battery smart) ने अहम भूमिका निभाई है। बैटरी स्मार्ट इलेक्ट्रिक दोपहिया, तिपहिया और ई-रिक्शा के लिए बैटरी-स्वैपिंग नेटवर्क के तौर पर काम करती है। इस वेंचर से पहले दोनों दोस्तों ने 2015 में बस पूलिंग एप्लीकेशन पर हाथ आजमाया था। आज बैटरी स्मार्ट देश के 25 शहरों में ऑपरेट करती है। अपनी शुरुआत से चंद सालों में यह करोड़ों की कंपनी बन चुकी है। एडवांस्ड तकनीक का इस्तेसमाल करके ‘बैटरी स्मार्ट’ कंपनी बैटरी-स्वैपिंग स्टेशन वाहन ऑपरेटरों को केवल कुछ मिनटों में डिस्चाज्र्ड बैटरियों को पूरी तरह चार्ज्डम बैटरियों के साथ अदला-बदली यानी स्वैप करने की सुविधा देती है। इससे डाउनटाइम कम होता है और प्रोडक्टिविटी बढ़ती है।
बैटरी स्मार्ट की ग्रोथ जबर्दस्त रही
Success Story
ईवी की स्वीकृति में प्रमुख बाधाओं में से एक लंबा चार्जिंग टाइम रहा है। बैटरी स्मार्ट कंपनी इस समस्या का सीधा सॉल्यू्शन देती है। कंपनी का बैटरी-स्वैपिंग सॉल्यू्शन खर्चीली चार्जिंग जरूरत को समाप्त कर देता है। बैटरी स्मार्ट की ग्रोथ जबर्दस्त रही है। यह वर्तमान में 25 शहरों में ऑपरेट करती है। इसमें राजस्थान से पूर्वी उत्तर प्रदेश तक के शहर शामिल हैं। नवीनतम फंडिंग राउंड उसे मुंबई, बेंगलुरु, पुणे और कोलकाता जैसे बड़े महानगरों में अपनी सेवाएं बढ़ाने में मदद करेंगे। पुलिकत खुराना तथा सिद्धार्थ सिक्का ने कंपनी चलाने के लिए निवेशकों से 4.5 करोड़ डॉलर उठाए हैं। इन निवेशकों में अकेशिया इंक्लूजन लिमिटेड, एमयूएफजी बैंक, ब्लूम वेंचर्स, द इकोसिस्टम इंटीग्रिटी फंड और ब्रिटिश इंटरनेशनल इन्वेस्टमेंट शामिल हैं। यह पूरा निवेश इन दोनों दोस्तों को इनकी कंपनी को पांच साल में 2830 करोड़ रूपए की वैल्यू के कारण मिला है। पुलकित खुराना और सिद्धार्थ सिक्का का मुख्य फोकस इलेक्ट्रिक थ्री-वीलर मार्केट पर रहा है। खासकर ड्राइवर-ओन्ड सेगमेंट पर, जो कंपनी के ज्यादातर राजस्व में योगदान करता है। कंपनी ने अपनी सेवाओं का इलेक्ट्रिक दोपहिया बाजार में भी विस्तार किया है। इसमें व्यावसायिक उपयोग शामिल है।
अभी मंजिल दूर है
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IIT कानपुर से पढ़ाई पूरी करके 2830 करोड़ की कंपनी चलाने वाले पुलकित खुराना तथा सिद्धार्थ सिक्का की आंखों में अभी बहुत बड़े सपने हैं। इन दोनों का कहना है कि अभी तो मंजिल दूर है। उनकी योजना है कि वें अपनी कंपनी को भारत की सबसे बड़ी कंपनी बनाएंगे।