Sunday, 17 November 2024

Kolkata News: कोलकाता के इस स्कूल का छात्र एक दिन के लिए बना था प्रिंसिपल, पद संभालते ही अधिकारियों को दी यह सलाह

इस बाल दिवस पर कोलकाता के एक स्कूल में एक अजीबो गरीब घटना घटी है। यहां पर एक दिन के लिए एक छात्र को प्रिंसिपल बनाया गया है।

Kolkata News: कोलकाता के इस स्कूल का छात्र एक दिन के लिए बना था प्रिंसिपल, पद संभालते ही अधिकारियों को दी यह सलाह

Kolkata News: पश्चिम बंगाल के कोलकाता में एक 10वीं क्लास का छात्र एक दिन के लिए प्रिंसिपल बना था। बतौर प्रिंसिपल छात्र ने स्कूल के अधिकारियों को अधिक से अधिक आधुनिक गैजेट्स के इस्तेमाल की सलाह दी है। इस सलाह के पीछे प्रिंसिपल बने छात्र का मानना है कि इससे बच्चे और सही से पढ़ाई कर सकेंगे।

बता दें कि विश्व बाल दिवस के मौके पर आयोजित इस कार्यक्रम को यूनिसेफ मैनेज किया गया था। यूनिसेफ द्वारा इस तरीके के कार्यक्रम को आयोजित करने के पीछ का मकसद बच्चों के विकाश को और बढ़ाना होता है। पढ़ाई को लेकर छात्रों का क्या नजरिया है और इसमें किन-किन तरीकों से सुधार किया जा सकता है।

क्या है पूरा मामला

इस साल विश्व बाल दिवस पर यूनिसेफ ने एक कार्यक्रम आयोजित किया था जिसमें कोलकाता के जोधपुर पार्क बॉयज स्कूल का एक छात्र एक दिन के लिए प्रिंसिपल बना था।

कक्षा 10वीं में पढ़ने वाला सैकत दे ने सोमवार को यूनिसेफ के “किड्स टेकओवर” कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए अपने स्कूल का प्रिंसिपल बना था। उसने प्रधानाध्यापक अमित सेन मुजुमदार की कुर्सी संभाली थी।

प्रिंसिपल की कुर्सी संभालते हुए सैकत ने स्कूल के अधिकारियों से यह आग्रह किया कि स्कूल में ज्यादा से ज्यादा स्मार्ट कक्षाएं बनाई जाए। सैकत के प्रिंसिपल बनने से उसके साथी काफी खुश थे।

अपने सहपाठियों की जयकारों के बीच सैकत ने कहा, “स्कूल के प्रतीकात्मक प्रधानाध्यापक के रूप में, मैं छात्रों की शिक्षा और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विज्ञान, आधुनिक तकनीक और वैज्ञानिक उपकरणों के उपयोग का आग्रह करता हूं।”

उलुबेरिया की माला सिंह मुरा भी बनी थीं एक दिन का प्रिंसिपल

उधर एक अन्य कार्यक्रम में हावड़ा जिले के उलुबेरिया के आशाभवन केंद्र में बढ़ने वाली माला सिंह मुरा भी एक दिन के लिए अपने स्कूल की प्रिंसिपल बनी थीं। माला बौद्धिक अक्षमता से ग्रस्त एक बच्ची है जो अपने फुटबॉल और क्रिकेट जैसे खेलों के प्रति प्यार के लिए जानी जाती है।

ऐसे में एक दिन के प्रिंसिपल बनने पर बोलते हुए माला ने कहा है कि उनका मानना है कि हर बच्चे को पढ़ना और खेलना चाहिए और यह उनका अधिकार भी है।

माला का यह भी कहा कि “एक संस्थान के प्रमुख के रूप में, मैं सभी बच्चों को शिक्षा और खेलों के लिए मदद देना चाहता हूं।” बता दें कि यूनिसेफ के पश्चिम बंगाल प्रमुख अमित मेहरोत्रा का मानना है कि राज्य में प्राथमिक विद्यालयों में नामांकन की उच्च दर के साथ, माध्यमिक और वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों के छात्रों के लिए कक्षाओं और प्रयोगशालाओं में सुधार पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए। इससे बच्चों का विकाश होगा और वे आगे चलकर कुछ बन पाएंगे।

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