Wednesday, 28 May 2025

क्या आप जानते हैं बिना चुनाव लड़े सांसद बनने वाली सुधा मूर्ति को ? हम बता देते हैं

Sudha Murthy : भारत में सांसद बनने के लिए करोड़ों रूपये खर्च करने पड़ते हैं। आपको लोकसभा अथवा राज्यसभा का…

क्या आप जानते हैं बिना चुनाव लड़े सांसद बनने वाली सुधा मूर्ति को ? हम बता देते हैं

Sudha Murthy : भारत में सांसद बनने के लिए करोड़ों रूपये खर्च करने पड़ते हैं। आपको लोकसभा अथवा राज्यसभा का सांसद बनने के लिए चुनाव लडऩा पड़ता है। शुक्रवार (8 मार्च 2024) को श्रीमती सुधा मूर्ति को बिना कोई चुनाव लड़े ही सांसद बनने का मौका मिल गया है। दरअसल सुधा मूर्ति को भारत की सबसे बड़ी पंचायत यानि कि राज्यसभा का सदस्य मनोनीत (नामित) किया गया है। क्या आपको पता है कि कोन हैं सुधा मूर्ति ?

दस हजार रूपये से की थी बड़ी शुरूआत

श्रीमती सुधा मूर्ति दुनिया भर में प्रसिद्ध कंपनी इंफोसिस के सह संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति की धर्मपत्नी हैं। सुधा मूर्ति के जीवन जीवन में 10 हजार रूपए का बड़ा महत्व रहा है। सुधा मूर्ति से 10 हजार रूपए लेकर ही उनके पति एनआर नारायण मूर्ति प्रसिद्ध आईटी कंपनी इंफोसिस के सह संस्थापक यानि कि को-फाउंडर बने थे। शुक्रवार (8 मार्च 2024) को सुधा मूर्ति को भारत की राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने राज्यसभा का सदस्य मनोनीत किया है। इसका मतलब यह हुआ कि दुनिया की बड़ी आईटी कंपनी इंफोसिस की निदेशक सुधा मूर्ति अब भारत की माननीया सांसद बन गई हैं।

सुधा मूर्ति के जीवन के अहम अंग

सुधा मूर्ति के पति N.R. Narayana Murthy ने वर्ष 1981 में अपने छह साथियों के साथ मिलकर इंफोसिस (Infosys) कंपनी की स्थापना की थी. आज यह भारत की टॉप-10 वैल्यूएवल कंपनियों में शामिल है और टाटा ग्रुप की टीसीएस (TCS) के बाद दूसरी सबसे बड़ी टेक कंपनी है. इंफोसिस का मार्केट कैप (MCap) 6,69,920.64 करोड़ रुपये है और अमेरिका, इंग्लैंड सहित दुनिया के कई देशों में कारोबार है. नारायण मूर्ति ने खुद अनेक मौकों पर इंफोसिस की शुरुआत और उसके यहां तक पहुंचने में अपनी पत्नी Sudha Murthy के योगदान के बारे में बताया है. PM Modi ने खुद एक्स पोस्ट कर उन्हें राज्यसभा के लिए मनोनीत किए जाने की जानकारी शेयर की है.

दरअसल, जब नारायण मूर्ति ने कंपनी शुरू करने का प्लान बनाया था. उस दौर में नारायण मूर्ति अपनी पत्नी सुधा मूर्ति के साथ एक कमरे के मकान में रहते थे. सुधा मूर्ति खुद इसका जिक्र कई बार टीवी शो और इंटरव्यू में कर चुकी हैं. कंपनी का नाम इंफोसिस (Infosys) तय हो चुका था, लेकिन इसे शुरू करने के लिए पैसों की तंगी बनी हुई थी. तब सभी को-फाउंडर्स में नारायण मूर्ति ने अपना हिस्सा देने के लिए पत्नी से उस समय 10,000 रुपये उधार लिए थे. इन्हीं पैसों की वजह से पुणे के एक अपार्टमेंट से कंपनी की शुरुआत हुई. बाद में साल 1983 में कंपनी का मुख्यालय पुणे से बेंगलुरु ट्रांसफर कर दिया गया. इस कंपनी ने ऐसा कमाल किया कि आगे बढ़ती ही चली गई और कारोबार फैलता गया. साल 1999 में इंफोसिस US Stock Market नास्डैक (Nasdaq) में लिस्ट होने वाली पहली भारतीय कंपनी बन गई. आज इस कंपनी में 3 लाख से ज्यादा कर्मचारी काम कर रहे हैं.

सुधा मूर्ति का परिचय

Sudha Murthy का जन्म उत्तरी कर्नाटक में शिगांव में 19 अगस्त 1950 को हुआ था. सुधा के पिता का नाम आर.एच कुलकर्णी और माता विमला कुलकर्णी है. उन्होंने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया है. इनकी पढ़ाई और करियर के साथ भी बेहद खास बाकया जुड़ा हुआ है. दरअसल, सुधा मूर्ति इंजीनियरिंग कॉलेज में 150 स्टूडेंट्स के बीच दाखिला पाने वाली पहली महिला थीं और वे पढ़ाई के बाद टाटा मोटर्स (Tata Motors) की पहली महिला इंजीनियर भी थीं. इसके साथ ही उन्होंने आठ उपन्यास लिखे हैं. सुधा मूर्ति और नारायण मूर्ति के दो बच्चे हैं. एक बेटी अक्षता मूर्ति और बेटा रोहन मूर्ति. वह UK PM की सास हैं. उनकी बेटी अक्षता की शादी ब्रिटेन में प्रधानमंत्री ऋषि सुनक (Rishi Sunak) के साथ हुई है. जब पति नारायण मूर्ति अपनी कंपनी शुरू करने के लिए जद्दोजहद कर रहे थे, तब उन्होंने पैसों से साथ दिया, यही नहीं अपनी खुद की नौकरी छोड़कर सुधा मूर्ति ने पति की कंपनी शुरू करने में हर मोर्चे पर मदद की.

सुधा मूर्ति राज्यसभा के लिए मनोनीत

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