Supreme Court : कोई व्यक्ति दाढ़ी रखे अथवा नहीं यह उसका निजी मामला है। दाढ़ी का विवाद देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट में पहुंच जाए तो यह मामला खास हो जाता है। हाल ही में दाढ़ी का एक विवाद सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। इस विवाद का प्रार्थना-पत्र देखते ही सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश (CJI) डी.वाई. चंद्रचूड़ सुनवाई के लिए भी तैयार हो गए हैं। अब दाढ़ी का यह विवाद सुप्रीम कोर्ट में हल किया जाएगा।
क्या है दाढ़ी का मामला
दरअसल भारत का सुप्रीम कोर्ट एक मुस्लिम सिपाही की याचिका पर सुनवाई करेगा। इस मुस्लिम सिपाही को डयूटी पर दाढ़ी रखने के कारण सस्पेंड कर दिया गया था। इस मुददे पर सिपाही ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि दाढ़ी रखने पर सस्पेंड करना संविधान में दिए गए धर्म की आजाादी के मौलिक अधिकार का सीधा उल्लंघन है। याचिका में आगे कहा गया है कि संविधान का अनुच्छेद 25 अंत:करण की स्वतंत्रता और धर्म को अबाध रूप से मानने, आचरण करने और प्रचार करने के अधिकार से संबंधित है। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस जे. बी. पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने इस मुद्दे पर विचार करने पर सहमति जताई।
महाराष्ट्र के सिपाही की है याचिका
यह याचिका महाराष्ट्र राज्य रिजर्व पुलिस बल (SRPF) के एक मुस्लिम कांस्टेबल की है। सिपाही को दाढ़ी रखने के कारण निलंबित कर दिया गया था, जो कि 1951 के बॉम्बे पुलिस मैनुअल का उल्लंघन था। सीजेआई चंद्रचूड़ को जब बताया गया कि मामला लोक अदालत में है और अभी तक इसका समाधान नहीं हुआ है तो उन्होंने कहा, ‘यह संविधान का एक महत्वपूर्ण मुद्दा है… हम इस मामले को नॉन मिसलेनियस डे पर सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करेंगे।’ याचिका दायर करने वाले सिपाही का नाम जहीरूद्दीन एस. बेडाडे है। उसने वर्ष- 2015 में सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। उस समय सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगर वह दाढ़ी कटवाने के लिए राजी हो जाएं तो उनका सस्पेंशन रद्द कर दिया जाएगा। हालांकि, याचिकाकर्ता ने तब शर्त मानने से इनकार कर दिया था। Supreme Court
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