Supreme Court :भारत के सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का पूरे देश भर में असर पड़ेगा। सुप्रीम कोर्ट का यह बड़ा फैसला SC तथा ST एक्ट को लेकर आया है। सुप्रीम कोर्ट के बड़े फैसले की हर कोई अपने हिसाब से समीक्षा कर रहा है। हम आपको विस्तार से बता देते हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने क्या बड़ा फैसला सुनाया है।
सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला Supreme Court
भारत के सुप्रीम कोर्ट ने विस्तार के साथ बड़ा फैसला सुनाया है। यह बड़ा फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के तहत शिकायत में प्रथमदृष्टया कोई मामला नहीं बनता है, तो अदालत को आरोपी व्यक्तियों को अग्रिम जमानत देने से नहीं रोका जाएगा। कोर्ट ने कहा, अनुसूचित जाति-जनजाति समुदाय के किसी सदस्य का जानबूझकर किया गया हर अपमान या धमकी, जाति आधारित अपमान की भावना का नतीजा नहीं होता।
जस्टिस जेबी पारदीवाला व जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने शुक्रवार को कहा कि अदालतों को यह निर्धारित करने के लिए प्रारंभिक जांच करने से पीछे नहीं हटना चाहिए कि क्या अधिनियम के तहत दर्ज शिकायत में वास्तव में अपराध के आवश्यक तत्वों का खुलासा किया गया है, ताकि आरोपी के लिए अग्रिम जमानत की याचिका पर विचार किया जा सके। शीर्ष अदालत ने कहा, एससी-एसटी के किसी सदस्य का अपमान या धमकी एक्ट के तहत अपराध नहीं माना जाएगा, जब तक कि ऐसा अपमान या धमकी इस आधार पर न हो कि पीड़ित निर्धारित समूहों से संबंधित है। पीठ ने कहा, यदि शिकायत 1989- अधिनियम के प्रावधानों के लागू होने के लिए पहली नजर में मामला नहीं बनाती, तो कोर्ट को आरोपियों को गिरफ्तारी-पूर्व जमानत देने से नहीं रोका जाएगा। पीठ ने कहा, अदालतीं से अपेक्षा है, वे यह तय करने के लिए न्यायिक दिमाग का उपयोग करें कि शिकायत में लगाए आरोप, सामान्य रूप से पढऩे पर, कथित अपराध के तत्वों को संतुष्ट करते हैं या नहीं। न्यायिक दिमाग का उपयोग स्वतंत्र होना चाहिए, शिकायत एफआईआर में दर्ज प्रावधानों से प्रभावित नहीं होना चाहिए।
यूट्यूबर को जमानत देते हुए सुनाया बड़ा फैसला
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने यह बड़ा फैसला एक यूट्यूबर को जमानत देते हुए सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में एससी-एसटी एक्ट के कानूनी प्रावधानों की व्याख्या की। साथ ही, यूट्यूबर शाजन स्कारिया को केरल के विधायक पीवी श्रीनिजिन की ओर से दर्ज कराए आपराधिक मामले में जमानत दे दी। शीर्ष अदालत ने कहा, पहली नजर में ऐसा कुछ नहीं है, जिससे संकेत मिले कि स्कारिया ने वीडियो में एससी-एसटी के सदस्यों के खिलाफ शत्रुता, घृणा या दुर्भावना की भावनाओं को बढ़ावा दिया या ऐसी कोशिश की। वीडियो का एससी-एसटी के सदस्यों से कोई लेना-देना नहीं है। Supreme Court
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