Supreme Court : भारत के सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने एक बड़ा फैसला सुनाया है। भारत के सुप्रीम कोर्ट का यह बड़ा फैसला अब तक के इतिहास का बहुत बड़ा फैसला बताया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट के इस बड़े फैसले से पूरे देश में चल रहे तलाक के मामले प्रभावित होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने अपने बड़े फैसले में कहा है कि, तलाक का केस लंबित रहने तक पत्नी ससुराल से मिलने वाले सभी हक, अधिकार तथा लाभ की हकदार है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के इस फैसले के बड़े मायने निकाले जा रहे हैं।
क्या है सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला?
भारत के सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को तलाक के मामले में बहुत बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस पीबी वराले की पीठ ने केरल के एक हृदय रोग विशेषज्ञ की अलग रह रही पत्नी की तलाक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की। पीठ ने अंतरिम गुजारा भत्ता राशि बढ़ाकर 1.75 लाख रुपये प्रति कर दी। पारिवारिक अदालत ने पत्नी को 1.75 लाख रुपये प्रतिमाह अंतरिम गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया था, जिसे मद्रास हाईकोर्ट ने घटाकर 80,000 रुपये प्रति माह कर दिया था। पीठ ने कहा कि, हाईकोर्ट ने प्रतिवादी (पति) की आय से संबंधित कुछ पहलुओं को नजरअंदाज कर दिया, जिन पर पारिवारिक अदालत ने गौर किया था। इसके अलावा, यह भी रिकॉर्ड में है कि अपीलकर्ता (पत्नी) काम नहीं कर रही है, क्योंकि उसने शादी के बाद अपना काम छोड़ दिया था। अपीलकर्ता अपने वैवाहिक घर में एक निश्चित मानक के जीवन जीने की आदी थी और इसलिए, तलाक की याचिका के लंबित रहने के दौरान भी वह उन्हीं सुविधाओं का आनंद लेने की हकदार है, जिनकी वह अपने वैवाहिक घर में हकदार होती
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने यह भी कहा है
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की पीठ ने अपना बड़ा फैसला सुनाते हुए बहुत ही महत्वपूर्ण टिप्पणी की है। सुप्रीम कोर्ट ने पीठ ने कहा कि, पारिवारिक अदालत ने पति के जीवन स्तर, आय के स्रोत, संपत्ति की तुलना करते हुए पत्नी के लिए अंतरिम गुजारा भत्ता राशि तय की थी। शीर्ष अदालत ने हाईकोर्ट के 1 दिसंबर, 2022 के आदेश को रद्द करते हुए पारिवारिक अदालत के आदेश को बहाल कर दिया। साथ ही पति को पारिवारिक अदालत के 14 जून, 2022 के आदेश के मुताबिक हर महीने 1.75 लाख रुपये गुजारा भत्ता देना पड़ेगा।