हे भाई बेहद खतरनाक है AI, जाल में फंसे तो नहीं जाएगी इज्जत बचाई Artificial Intelligence

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Artificial Intelligence
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 10:02 PM
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सार

आप इस शीर्षक (हैंडिंग) को पढ़ते हुए सोच रहे होंगे कि यह किसी कविता अथवा शायरी का हिस्सा है। जी नहीं, हम बात कर रहे हैं दुनियाभर के नागरिकों के लिए बड़ी समस्या लेकर आई नई तकनीक (टैक्नोलॉजी) AI की। AI यानि आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस नाम की इस टैक्नोलॉजी ने इंटरनेट की दुनिया में तहलका मचा रखा है। यह तकनीक बेहद खतरनाक साबित हो रही है।

विस्तार

Artificial Intelligence : आपको बताना जरुरी है कि आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस (AI) इन दिनों दुनियाभर में चर्चा व चिंता का विषय बनी हुई है। भारत के मुख्य सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल का साफ मत है कि AI तकनीक दुनियाभर के लिए खतरनाक साबित होने वाली है। इस तकनीक से प्रत्येक नागरिक को खतरा पैदा हो रहा हैं यदि आप स्मार्ट फोन अथवा इंटरनेट यूजर हैं तो खतरा आपके ऊपर भी मंडरा रहा है। दरअसल, AI तकनीक में दूसरे अनेक फीचर्स होने के साथ ही साथ किसी भी महिला अथवा पुरुष की आवाज में हुबहू बात करने का फीचर भी मौजूद है और तो और AI के द्वारा किसी भी महिला अथवा पुरुष की शक्ल में वीडियो भी बनाई जा सकती है।

Artificial Intelligence

आपको भी है खतरा

जी हां, एआई से आपके किसी मित्र अथवा परिजन को भी खतरा हो सकता है। आपके ​किसी रिश्तेदार की आवाज में आपके पास फोन अथवा मैसेज आ सकता है। इस फोन अथवा मैसेज के द्वारा आप किसी भी समय ठगे जा सकते हैं। दरअसल, भारत में इन दिनों एआई के द्वारा साइबर ठगी का धंधा खूब फल फूल रहा है। साइबर क्राइम रोकने के काम में लगे हुए तमाम अधिकारी, कर्मचारी व एजेंसियां एआई (AI) के माध्यम से ठगी को रोक नहीं पा रहे हैं। इस विषय में साइबर क्राइम कंट्रोल ब्यूरो ने एडवाइजरी भी जारी की है।

कैसे होती है ठगी ?

दरअसल, AI से ठगी आपके सगे संबंधी, मित्र अथवा रिश्तेदारों के नाम पर की जा रही है। इस एआई तकनीक में एक टूल (उपकरण) है। इस टूल का नाम 'वॉयस क्लोनिंग टूल' है। यह टूल किसी की भी आवाज की हुबहू वॉयस क्लोनिंग करने की क्षमता रखता है। यानि आपकी आवाज इतनी बेहतरीन ढंग से नकल करता है कि आवाज सुनकर आपको लगेगा कि यह सचमुच आपकी ही आवाज है। इसी वॉयस क्लोनिंग टूल का फायदा साइबर ठगी करने वाले ठग उठा रहे हैं। इस ठगी को करने के लिए साइबर क्रिमिनल सबसे पहले किसी शख्स को ठगी के लिए चुनते हैं। इसके बाद उसकी सोशल मीडिया प्रोफाइल को देखते हैं और उसकी किसी ऑडियो व वीडियो को अपने पास रख लेते हैं। इसके बाद AI की वॉयस क्लोनिंग टूल की मदद से उसकी आवाज क्लोन करते हैं। फिर उनके परिचित को उसकी आवाज में फोन कर बताया जाता है कि उनका एक्सिडेंट हो गया है या कोई भी इमरजेंसी स्थिति बताकर ठगी की जा रही है।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ ?

Artificial Intelligence - उत्तर प्रदेश के आईपीएस अधिकारी और साइबर क्राइम के एसपी प्रो. त्रिवेणी सिंह का कहना है कि एआई की मदद से साइबर ठगी में एनसीआर के कई मामलों की जांच हो रही है। हाल के महीने में दर्जनों ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें एआई के इस्तेमाल होने की आशंका है। साइबर क्राइम की टीम सभी पहलुओं पर जांच कर रही है। एआई के माध्यम से किसी की भी आवाज की नकल करने के लिए सिर्फ तीन से पांच सेकेंड का वीडियो चाहिए। साइबर क्रिमिनल फेसबुक, इंस्टाग्राम या यूट्यूब पर सर्च करके किसी भी आवाज का सैंपल ले लेते हैं। इसके बाद वायस क्लोन कर उनके परिचित, रिश्तेदारों को फोन किया जाता है। Artificial Intelligence

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इंटरनेट की दुनिया में पैदा हुई AI तकनीक के बड़े खतरें, NSA डोभाल ने जताई चिंता

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NSA अजीत डोभाल
locationभारत
userचेतना मंच
calendar25 Jul 2023 02:16 PM
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सार

इन दिनों AI यानि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की हर जगह चर्चा हो रही है। हर कोई AI के फायदें गिनाने में लगा हुआ है। टीवी चैनल हो अथवा सोशल मीडिया सभी जगह AI को लेकर चर्चा हो चल रही है। बड़ी संख्या में तकनीक के जानकार लोग AI के नुकसान भी गिनवा रहे हैं। अब भारत के सुरक्षा सलाहकार NSA अजीत डोभाल ने भी एआई के खतरों को बताना शुरू कर दिया है।

विस्तार

Internet Technology : भारत के NSA अजीत डोभाल इन दिनों साउथ अफ्रीका की यात्रा पर हैं। सोमवार को उन्होंने जोहांसबर्ग में मित्र देशों की एक बैठक में भाग लिया। इस बैठक में NSA अजीत डोभाल ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि हाल ही में आई AI तकनीक से दुनियाभर में साइबर खतरें बढ़ जाएंगे। उन्होंने कहा कि वें AI तकनीक को बुरा या अच्छा बताने में अपना समय बर्बाद नहीं करेंगे। उनकी चिंता तो AI के आ जाने के बाद साइबर अपराध व साइबर हमलों को लेकर है।

उन्होंने सभी देशों से आग्रह किया कि AI के कारण भविष्य में बढ़ने वाले साइबर खतरों से हमे मिल जुलकर निपटना पड़ेगा। इस बैठक में दक्षिण अफ्रीका के मंत्री खुम्बुदजो नत्शावेनी, रूस के निकोलाई पेत्रुशेव, चीन के वांग यी भी उपस्थित थे। बैठक में रूस और चीन के प्रतिनिधियों के अलावा ब्रिक्स के मित्र देश बेलारूस, बुरुंडी, ईरान, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, मिस्र, कजाकिस्तान और क्यूबा ने भी चर्चा में भाग लिया।

Internet Technology

सोशल मीडिया का दुरुपयोग

NSA अजीत डोभाल ने एआई के खतरों की चिंता बताने के साथ ही साथ सोशल मीडिया के खतरों को भी इंगित किया है। डोभाल ने कहा कि युवा आबादी सोशल मीडिया साइटों के माध्यम से चरमपंथी विचारधाराओं के प्रसार के प्रति संवेदनशील है। इसकी वजह है कि वे तकनीक के जानकार हैं और उनका तेज दिमाग तेजी से चीजें ग्रहण करता है। डोभाल ने कहा कि ग्लोबल साउथ को विशेष रूप से संसाधनों की सीमाओं पर काबू पाने की जरूरत है।

क्या है एआई Artificial Intelligence ?

यदि आपने एआई के विषय में नहीं सुना है तो आज जान लीजिए कि एआई क्या है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के प्रकार :

> पूर्णतः प्रतिक्रियात्मक (Purely Reactive)

> सीमित स्मृति (Limited Memory)

> मस्तिष्क सिद्धांत (Brain Theory)

> आत्म-चेतन (Self Conscious)

> आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की शुरुआत 1950 के दशक में हुई थी। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का अर्थ है — बनावटी (कृत्रिम) तरीके से विकसित की गई बौद्धिक क्षमता।

> आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जनक जॉन मैकार्थी के अनुसार यह बुद्धिमान मशीनों, विशेष रूप से बुद्धिमान कंप्यूटर प्रोग्राम को बनाने का विज्ञान और अभियांत्रिकी है अर्थात यह मशीनों द्वारा प्रदर्शित की गई इंटेलिजेंस है।

Noida News : नोएडा व ग्रेटर नोएडा में बढ़ रहा साइबर ठगी का धंधा, रोज हो रही ठगी

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सावधान किसी भी समय हैक हो सकता है आपका मोबाइल फोन

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Mobile Phone Hack
locationभारत
userचेतना मंच
calendar24 Jul 2023 08:57 PM
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Mobile Phone Hack

सार 

Mobile Phone Hack, चेतना मंच: क्या आप अपने मोबाइल फोन में हर समय ब्लूटूथ ऑन रखते हैं। यदि हां तो यह खबर आपके लिए बेहद जरुरी है। क्योंकि आपके स्मार्टफोन का ब्लूटूथ ही आपके मोबाइल फोन के हैक होने का कारण बन सकता है। ब्लूटूथ को हमेशा ऑन रखना आपके लिए बड़ा खतरनाक साबित हो सकता है। इस खतरे के नाम BlueBugging है।

विस्तार

Mobile Phone Hack, नोएडा हिन्दी न्यूज़: आपको बता दें कि मोबाइल हैकर्स आपके ब्लूटूथ को सर्च करके, उससे मोबाइल को हैक कर सकते हैं और आपका जरुरी डेटा और बैंक अकाउंट तक में सेंध लगा सकते है। हैकर्स मोबाइल में स्पाई ऐप्स तक इंस्टॉल कर सकते हैं। ब्लूटूथ ऑन करना प्राइवेसी और सिक्योरिटी दोनों ही तरीकों से खतरनाक साबित हो सकता है।

Mobile Phone Hack

BlueBugging एक प्रकार का हैकिंग टर्म है। यह मोबाइल फोन यूजर्स के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकता है। इसमें हैकर्स स्मार्ट फोन डिवाइस का एक्सेस लेकर उसके कंटेंट को एक्सेस कर सकता है। साथ ही बैंक ऐप या वॉलेट ऐप का भी एक्सेस ले सकता है।

BlueBugging के तहत व्यक्ति के फोन में मालवेयर को इंस्टॉल कर देते हैं। सबसे पहले ओपन ब्लूटूथ देख कर हैकर्स आपके फोन में कनेक्ट होते हैं। दिक्कत वाली बात ये है कि वो आपके फोन के लॉक को भी बायपास कर देते हैं। ऐसे में आपको या किसी विक्टिम को ये नहीं पता चलता है कि किसी ने फोन के साथ कनेक्शन क्रिएट किया है।

एक बार कनेक्शन क्रिएट करके हैकर्स फोन में मालवेयर इंजेक्ट करते हैं। इसके बाद फोन की तमाम परमिशन उस मैलवेयर के जरिए हासिल कर ली जाती है। परमिशन लेने के बाद जाहिर है हैकर आपके फोन की तमाम सीक्रेट फोटोज भी देख सकता है।

एक बार फोन का कंट्रोल हासिल हो गया तो वो आपकी कॉल रिकॉर्ड करने से लेकर स्क्रीन तक की रिकॉर्डिंग कर सकता है। ब्लू बगिंग के बारे में कई बार पुलिस ने भी वॉर्निंग जारी की है।

Mobile Phone Hack: कैसे करें बचाव

- BlueBugging से बचाव करने के लिए जरूरी है कि यूजर्स किसी भी अनजान डिवाइस से कनेक्सन पेयरिंग रिक्वेस्ट को एक्सेप्ट न करें। डिवाइस में डेटा ट्रांसफर करने के लिए पहले पेयरिंग रिक्वेस्ट आती है। कई बार बिना पेयरिंग रिक्वेस्ट दिखे ही फोन से कनेक्शन बन जाता है, इसलिए अगर यूज ना हो तो ब्लूटूथ ऑफ रखें।

- पहले से जितने पेयर किए हुए डिवाइस हैं जिनका आप यूज नहीं करते, उन्हें हटा दें।

- ब्लूटूथ सेटिंग्स में जा कर ऑटो ज्वाइन ऑप्शन भी बंद कर दें, क्योंकि ये आपके लिए सबसे खतरनाक साबित होगा।

- ब्लूटूथ कनेक्शन के लिए स्ट्रॉन्ग पासवर्ड रखें, आम तौर पर लोग 1234... या Password ही रखते हैं, आप ये गलती ना करें और मजबूत पासवर्ड सेलेक्ट करें।

- डिवाइस के सॉफ्टवेयर को अपडेटेड रखें और मुमकिन हो (अगर आपका बजट इजाजत देता है) तो पेड VPN (Virtual Private Network) का इस्तेमाल करें।

इन स्थान पर बंद रखें ब्लूटूथ

सार्वजनिक स्थल पर अगर आप ब्लूटूथ का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं तो उसे ऑफ कर देना चाहिए. इससे यूजर्स की सुरक्षा बरकरार रहेगी।

स्मार्टफोन में ब्लूटूथ के जरिए फोन में आने वाले ऐप्स या डेटा एक लोकेशन पर आकर सेव होते हैं। ऐसे में फाइल मैनेजर या फोन की मेमोरी में जाकर उस डेटा को चेक कर सकते हैं, संदिग्थ पाए जाने पर उसे तुरंत डिलीट कर सकते हैं। Mobile Phone Hack

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