Thursday, 9 May 2024

बड़ी खबर : सरकारी खजाने में 200 करोड़ की सेंधमारी मामले में CEO लोकेश एम सख्त, CFO को नौकरी से निकालने का नोटिस

सार सरकारी खजाने के 200 करोड़ रुपये में सेंधमारी करने के प्रकरण में नोएडा प्राधिकरण अब सख्ती कर रहा है।…

बड़ी खबर : सरकारी खजाने में 200 करोड़ की सेंधमारी मामले में CEO लोकेश एम सख्त, CFO को नौकरी से निकालने का नोटिस

सार

सरकारी खजाने के 200 करोड़ रुपये में सेंधमारी करने के प्रकरण में नोएडा प्राधिकरण अब सख्ती कर रहा है। प्राधिकरण के नवनियुक्त CEO डा. लोकेश एम. ने इस मामले में लिप्त होने की आशंका में एक बड़े अधिकारी को नोटिस थमा दिया है। इस घोटाले का ”मास्टर माइंड” अभी पुलिस पकड़ से दूर है।

विस्तार

Noida News : आपको एक बार फिर बता दें कि नोएडा प्राधिकरण ने 200 करोड़ रुपये की एफडी कराने के लिए बैंक आफ इंडिया को दिए थे। बैंक ने FD तो नहीं की बल्कि 200 करोड़ में से 3 करोड 80 लाख रुपये चुरा लिए गए। 9 करोड़ रुपये और चुराते समय सेंधमारी का राज खुल गया। इस घटना के प्रकाश में आने के बाद यह कांड नोएडा से लेकर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ तक हड़कंप मचाए हुए है। इस कांड में शामिल पांच सेंधमारों को गिरफ्तार करके पुलिस अब तक जेल भेज चुकी है। इस सेंधमारी या यूं कहें सरकारी धन के एफडी घोटाले के ”मास्टर माइंड” का अभी तक पता नहीं चला है। नोएडा प्राधिकरण के सीईओ डा. लोकेश एम ने इस मामले में सख्ती दिखाई है।

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क्या हुई नई कार्यवाही ?

नोएडा प्राधिकरण के 200 करोड़ रुपये के एफडी मामले में मुख्य वित्त एवं लेखाधिकारी (CFO) मनोज कुमार सिंह को निलंबन का नोटिस दिया गया है। CEO लोकेश एम. की ओर से जारी कारण बताओ नोटिस में तीन दिन में स्पष्टीकरण मांगा गया है। जवाब से संतुष्ट नहीं होने की स्थिति में उनके निलंबन की संस्तुति शासन से की जाएगी।
बताया गया कि मामले में प्रथम दृष्टया कई अनियमितताएं पाई गई है। जांच में पता चला है कि बैंक ऑफ इंडिया को बिना नियम के बिड में शामिल कराया गया। बताया जा रहा है कि सीएफएओ ने अपने स्तर पर बैंक ऑफ इंडिया को बोली के लिए बुलाया था। प्राधिकरण के सूत्रों का कहना है कि आमतौर पर इस तरह की बिड में उन्हीं बैंकों को बुलाया जाता है, जहां पहले से प्राधिकरण का खाता खुला हुआ है। लेकिन इस मामले में नियमों को ताक पर रक्खकर बैंक ऑफ इंडिया को बोली के लिए बुलाया गया।

बच जाएंगे सीएफओ ?

नोएडा प्राधिकरण के कामकाज की जानकारी रखने वाले वरिष्ठ पत्रकार एवं चेतना मंच के संपादक आर. पी. रघुवंशी ने अपना मत दिया है। उन्होंने बताया कि सीएफओ मनोज कुमार सिंह इस कांड में तकनीकी तौर पर जरुर फंस चुके हैं, किंतु व्यवहारिक तौर पर सबको पता है कि नोएडा प्राधिकरण की तरफ से उन्हीं बैंकों में एफडी कराई जाती है, जिन बैंकों को ”ऊपर” से सिफारिश आती है। ऐसे में लगता है है कि निलंबित होने के बाद भी सीएफओ मनोज कुमार सिंह इस मामले में पूरी तरह फंसने से बच जाएंगे। Noida News

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