Monday, 17 February 2025

आप के पाप पर भी सरकार लेती है टैक्स, जानिए क्या होता है ‘पाप टैक्स’

Sin Tax : सिगरेट, शराब व तंबाकू खाने वाले अपनी सेहत तो खराब करते ही हैं साथ ही साथ पाप…

आप के पाप पर भी सरकार लेती है टैक्स, जानिए क्या होता है ‘पाप टैक्स’

Sin Tax : सिगरेट, शराब व तंबाकू खाने वाले अपनी सेहत तो खराब करते ही हैं साथ ही साथ पाप भी करते हैं। जी हां! यह हम नहीं कह रहे ऐसा केंद्र सरकार मानती है और इसके लिए सरकार बाकायदा आपसे टैक्स भी वसूलती है। टैक्स आपकी कमाई पर सरकार वसूलते है साथ ही बाजार से जो सामान आप खरीदते हैं उस पर भी टैक्स लगता है, लेकिन शराब, गुटके और तंबाकू का शौक रखने वालों से सरकार अलग से एक टैक्स वसूलती है जिसे सिन टेक्स (Sin Tax) कहा जाता  है।

आपको बता दें कि 1 फरवरी 2025 को केंद्र की मोदी सरकार आम बजट पेश करेगी। वर्ष 2025-26 के लिए पेश किए जाने वाले इस बजट में सरकार सिन टेक्स यानि कि ‘पाप टैक्स’ को बढ़ा सकती है। वर्तमान में सिन टैक्स पर 28 फीसदी GST सरकार ने लगा रखी है। जानकारों का मानना है कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस बार सिन टेक्स में बढ़ोतरी कर सकती है। जुआ, शराब, तंबाकू और सिगरेट का शौक रखने वाले लोगों पर इस बार बजट में अतिरिक्त भार पड़ना तय माना जा रहा है।

आखिर क्या होता है सिन टेक्स?

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मार्च 2019 में अर्थशास्त्री अरविंद सुब्रमण्यम की अध्यक्षता वाली एक समिति ने सिफारिश की थी कि जीएसटी व्यवस्था में कुछ वस्तुओं पर 40 प्रतिशत का सिन टेक्स लगाना चाहिए इसके बाद से केंद्र सरकार ने तंबाकू सिगरेट, जुआ और शराब पर सिन टेक्स लगाने की व्यवस्था को शुरू कर दिया। पाप का टैक्स जिसे सिन टैक्स (Sin Tax) कहा जाता है, उन प्रोडक्ट्स पर लगाया जाता है, जो स्वास्थय और समाज के लिए हानिकारक हैं। तम्बाकू, जुआ, शराब, सिगरेट, पान मसाला जैसे उत्पाद इसमें शामिल होते हैं। सिन टैक्स का मकसद लोगों को सामाजिक रूप से हानिकारक गतिविधियों में भाग लेने से रोकना होता है। इस टैक्स का मकसद स्वास्थ्य के लिए हानिकारक उत्पादों को खरीदना महंगा बनाना होता है, ताकि उनकी खपत को कम किया जा सके। यह टैक्स आमतौर पर पान मसाला, शराब, सिगरेट, कार्बोनेटेड ड्रिंक्स, कोल्ड ड्रिंक्स, महंगे परफ्यूम, इंपोर्टेड सामान और गाड़यों पर वसूला जाता है। यूं तो इसे लग्जरी आइटम्स पर वसूला जाता है, लेकिन चूंकि Sin का हिंदी में मतलब ‘पाप’ होता है, इसलिए इसे लोग अक्सर हेल्थ के लिए हानिकारक प्रोडक्ट से जोड़कर देखती है।

आपके पाप से सरकार की मोटी कमाई

सिन टैक्स सरकार के लिए मोटी कमाई का माध्यम है। सरकार को ऐसे उत्पादो से अच्छा राजस्व हासिल होता है। देश में जीएसटी की व्यवस्था होने के बाद ऐसे उत्पादों को सबसे हाई टैक्स स्लैब में रखा गया और सिन और लग्जरी सामानों के एवज में 15 प्रतिशत तक का अतिरिक्त सेस वसूला गया। हालांकि भारत अकेला देश नहीं है, जहां इस तरह का टैक्स वसूला जाता है। यूके, स्वीडन और कनाडा जैसे देश तंबाकू और शराब से लेकर लॉटरी, जुआ और ईंधन तक कई प्रोडक्ट्स और सर्विसेस पर सिन टैक्स वसूलते हैं। भारत में सिगरेट पर 52.7 फीसदी, बीड़ी पर 22 फीसदी और स्मोकलेस तंबाकू पर 63 फीसदी टैक्स लगता है।

क्यों जरूरी है सिन टैक्स?

सिन टैक्स का उद्देश्य स्वास्थ्य के लिए हानिकारक वस्तुओं को इतना महंगा करना है कि आम उपभोक्ता इसकी आदत छोड़ने पर मजबूर हो जाए। वहीं ऐसे प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनियों से अधिक टैक्स हासिल करना है। हालांकि कई बार इसकी आलोचना भी हुई, लेकिन सरकार के लिए ये टैक्स सोने के अंडे देने वाली मुर्गी की तरह है। जो सरकारी खजाने में अधिक फंड लाती है।

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