Sunday, 17 November 2024

अयोध्या में ताले खुलने की वजह का हुआ खुलासा? इसलिए राजीव गांधी ने ये निर्णय लिया था

अयोध्या में ताले खुलने की वजह: प्रणब मुखर्जी की पुत्री और नेत्री शर्मिष्ठा मुखर्जी ने अपने पिता प्रणब मुखर्जी से…

अयोध्या में ताले खुलने की वजह का हुआ खुलासा? इसलिए राजीव गांधी ने ये निर्णय लिया था

अयोध्या में ताले खुलने की वजह: प्रणब मुखर्जी की पुत्री और नेत्री शर्मिष्ठा मुखर्जी ने अपने पिता प्रणब मुखर्जी से हुई अपनी बातचीत और उनकी डायरी के शोध के आधार पर एक किताब लिखी है। इस पुस्तक का शीर्षक है ‘इन प्रणब माई फादर- ए डॉटर्स रिमेंबर्स’। शर्मिष्ठा मुखर्जी की ये किताब रूपा प्रकाशन द्वारा प्रकाशित हो रही है। इस किताब का विमोचन आज, 11 दिसंबर को उनकी जयंती पर होने जा रहा है।

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शर्मिष्ठा मुखर्जी ने अपनी आने वाली पुस्तक ‘इन प्रणब, माई फादरः ए डॉटर रिमेम्बर्स’ के कुछ अंश साझा किए हैं। जिसके बाद राजनीतिक जमीन पर भूचाल आ गया है। इन अंश में शर्मिष्ठा मुखर्जी ने अपने पिता प्रणब मुखर्जी के राजनीतिक जीवन से जुड़े कई राज खोले हैं। जिनमें से एक ये है कि अयोध्या में राजीव गांधी सरकार ने राम मदिर के ताले क्यों खुलवाए थे।

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अयोध्या में ताले खुलने की वजह क्या थी, सरकार ने क्यों लिया निर्णय?

अयोध्या में ताले खुलने की वजह
अयोध्या में ताले खुलने की वजह

शर्मिष्ठा मुखर्जी की इस किताब में बताया गया है कि अयोध्या में रामलला के मंदिर के ताले खुलवाने के पीछे की क्या वजह थी? क्यों तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने इस तरह का साहसिक निर्णय लिया था। क्या राजीव गांधी के इस फैसले को लेने के पीछे कोई राजनीतिक विवशता थी? इन सवालों के जवाब इस किताब में प्रणब दा के नजरिए से दिए गए हैं।

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प्रणब दा की पुत्री शर्मिष्ठा ने इस किताब में दावा किया है कि प्रणब मुखर्जी के अनुसार “शाहबानो मामले पर कानून बनाने के बाद हिंदू मध्यम वर्ग में कांग्रेस की छवि को बहुत नुकसान हुआ था। इस छवि को ठीक करने के लिए ही पूर्व पीएम राजीव गांधी ने अयोध्या में राम जन्मभूमि का ताले खुलवाए थे।” किताब में कहा गया है कि “उस समय प्रणब मुखर्जी ने राजीव गांधी और अरुण नेहरू की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए थे।”

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अयोध्या में ताले खुलने की वजह: बाबरी मस्जिद का ढांचा ढहने पर प्रतिक्रिया

इस पुस्तक में ये भी दावा किया गया है कि प्रणब मुखर्जी के मुताबिक “बाबरी मस्जिद का डिमोलिशन आजादी के बाद देश के इतिहास का सबसे बड़ा टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ। जब साल 1992 में बाबरी मस्जिद का ढांचा गिराया गया था। उस समय नरसिम्हा राव देश के प्रधानमंत्री थे और प्रणब मुखर्जी ने उनका बचाव करते हुए सारे कांग्रेस नेताओं से कहा था कि ‘यह प्रधानमंत्री की नहीं बल्कि हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है’।”

अयोध्या में ताले खुलने की वजह

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