Sunday, 8 September 2024

VHP के इस नेता ने 35 साल पहले ही बनवा लिया था राम मंदिर का डिजाइन

इस खास चीजों से साथ चल रहा है राम मंदिर का निर्माण

VHP के इस नेता ने 35 साल पहले ही बनवा लिया था राम मंदिर का डिजाइन

Ayodhya Ram Mandir Construction : साल 2024 का पहला ही महीना यानि जनवरी की 22वीं तारीख देश-दुनिया में रहने वाले राम भक्तों के लिए बेदह गर्व की तारीख होने वाली है। क्योंकि इसी महीने प्रभु श्रीराम अपनी अयोध्या वापस लौट रहे हैं।  हर भारतीय का सपना आखिरकार पूरा होने वाला है। ऐसे में लोगों में मन में राम मंदिर निर्माण को लेकर भी कई तरह के सवाल आ रहे होगे जैसे कि मंदिर का डिजाइन कैसा होगा, मंदिर का आकार किस तरह का रखा गया है, मंदिर में स्थापित होने वाली भगवान श्री राम की मूर्ति किसने बनाई होगी आदि। तो आइए जानते हैं इन सभी सवालों के जवाबों के बारे में।

किसने और कब बनाया राम मंदिर का डिजाइन ?

आपको जान कर हैरानी होगी कि मंदिर के बनने से 30 से 35 साल पहले ही अहमदाबाद के रहने वाले चंद्रकांत सोमपुरा ने राम मंदिर का डिजाइन VHP अध्यक्ष अशोक सिंघल के बोलने पर बनाया था। साल 2020 में राम मंदिर पर फैसला आने के बाद उसे डिजाइन को बनाने का फसला किया गया। इस डिजाइन को चंद्रकांत सोमपुरा के अलावा उनके बेटों ने भी बनाया है। इस बारे में चंद्रकांत सोमपुरा ने बताया है कि नागर शैली में बनाए जा रहे राम मंदिर का प्रवेश द्वार पूर्व की ओर बनाया गया है, जो गोपुरम शैली में होगा। यह द्वार दक्षिण के मंदिरों का प्रतिनिधित्व करेगा। मंदिर की दीवारों पर भगवान राम के जीवन को दर्शाने वाली कलाकृतियां भी प्रदर्शित की जा रही है। इस दौरान उन्होंने 3 मंदिरों का डिजाइन बनाएं थे, जिनमें से एक को अध्यक्ष अशोक सिंघल ने चुना और इसके बाद हरिद्वार के कुंभ मेले में जब उस डिजाइन को सभी साधु-संतों के सामने रखा गया तो सभी को इस मंदिर का डिजाइन काफी पसंद आया।

कैसे रखा गया है राम मंदिर का आकार ?

 

ayodhya ram mandir constuction
ayodhya ram mandir constuction

राम मंदिर का गर्भगृह अष्टकोणीय आकार का रखा गया है, जबकि इसका स्ट्रक्चर गोलाकार रखा गया है। गर्भगृह का निर्माण मकराना मार्बल से किया जा रहा है। इसके साथ ही मंदिर 161 फीट ऊंचा होगा, जिसमें पांच गुंबद और एक टावर बनाया जा रहा है। मंदिर को तीन मंजिला बनाया जा रहा है। गर्भ गृह को ऐसे डिजाइन किया गया है जिससे सूर्य की किरणें सीधे रामलला पर ही पड़ें। मंदिर के गर्भ गृह की तरह ही गृह मंडप भी पूरी तरह से ढंका होगा, जबकि कीर्तन मंडप, नृत्य मंडप, रंग मंडप और दो प्रार्थना मंडपों को खुला रखा जाएगा। इसके अलावा मंदिर में लगने वाले सभी दरवाजे और खिड़कियां सागौन की लकड़ी से बनाए जा रहे हैं। यह बेहद मजबूत लकड़ी होती है जिसकी उम्र लगभग 100 साल के आस पास होती है।

 

कितनी भव्य होगी भगवान श्रीराम की मूर्ति?

मंदिर में भगवान श्रीराम की दो मूर्तियों को रखा जाना है, जिसमें से एक वास्तविक मूर्ती होगी। जिसे साल 1949 में ढूंढा गया था। यह वहीं मूर्ति है जिस अब तक अयोध्या में स्थित तंबू में रखा गया था। इस मूर्ति निर्माण के लिए कई सालों पहले नेपाल की काली गण्डकी नदी से शालिग्राम की दो शिलाएं लाई गई थी। काली गण्डकी नदीं से पाई जाने वाले शिलाएं काफी प्रसिद्ध है। सनातन धर्म में इन शिलाओं को भगवान विष्णु के प्रतीक के रूप में स्वीकार किया गया था। मंदिर में भगवान राम की पांच वर्ष की आयु के स्वरूप वाली मूर्ति की स्थापना की जाएगी। इस मूर्ति का स्वरूप बाल्मीकि रामायण से लिया गया है।

Ayodhya Ram Mandir Construction

कहा बनवाया गया है मंदिर का घंटा ?

इस भव्य मंदिर में 2100 किलों का एक विशाल सा घंटा लगावाया जा रहा है। जो लगभग 6 फुट ऊंचा और 5 फुट चौड़ा होगा। इसके साथ ही मंदिर में अलग-अलग आकार के 10 छोटे घंटे भी लगाए जाएंगे। जिसका वजन लगभग 500 से लेकर 100 किलों तक रखा गया है। इन सभी घंटों का निर्माण पीतल के साथ कई अलग-अळग तरह के धातुओं को मिलाकर बनाया गया है। जिसके निर्माण एटा के जलेसर में फर्म सावित्री ट्रेडर्स की तरफ से किया जा रहा है। जलेसर पूरी दुनिया मे घुंघरू और घंटी उद्योग के लिए काफी ज्यादा चर्चित है। यहां के लोग पीढ़ी दर पीढ़ी इन चीजों का निर्माण करते आ रहे हैं।

जोरों-शोरों से चल रहा है चहुंमुखी विकास

जब से राम मंदिर प्राणप्रतिष्ठा तारीख की घोषणा हुई है, तभी से भगवान श्रीराम के दर्शन करने के लिए सभी श्रद्धालुओं काफी उत्साहित है। श्रद्धालुओं की बढ़ती तदाद को देखते हुए उत्तर प्रदेश की सरकार ने अपनी कमर टाइट कर ली है। 32 हजार करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का अगाज हो गया है। इसके चलते अयोध्या को एक भव्य नगरी बनाया जा रहा है। साथ ही अयोध्या में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बनाया जा रह है जिससे यात्रियों को आने में किसी भी तरह की कोई परेशानी न आए। साथ ही अयोध्या के रेलवे स्टेशन को आधुनिक स्टेशन के रूप में बदला जा रहा है। इनके अलावा मठ-मदिरों का सुंदरीकरण किया जा रहा है और शहर में फोर लेन और सिक्स लेन मार्गों का निर्माण कार्य भी जोरो-शोरों से शुरू हो चुका है।Ayodhya Ram Mandir Construction

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