Valmiki Jayanti 2024: वाल्मीकि जयंती का सनातन धर्म में बहुत ही खास महत्व है। ऋषि वाल्मीकि सबसे महान कवि में से एक थे। इन्होंने ही रामायण जैसे महाकाव्य की रचना की थी। वाल्मीकि जयंती का दिन वाल्मीकि जी के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है। वाल्मीकि जयंती के दिन जगह- जगह पर झांकी निकाली जाती है। महर्षि वाल्मीकि जयंती के दिन सभी राम भक्त मंदिर में जाकर भजन कीर्तन करते हैं। वाल्मीकि जयंती हर साल आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन मनाई जाती है। इस दिन मंदिर में रामायण पाठ का भी आयोजन किया जाता है। Valmiki Jayanti 2024
17 अक्टूबर को मनाई जाएगी जयंती
इस खास अवसर पर, उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने 17 अक्टूबर को महर्षि वाल्मीकि जयंती को धूमधाम से मनाने का फैसला किया है। इस दिन को विशेष रूप से धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से मनाया जाएगा। जिसमें सभी समुदायों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। मंदिरों में श्रीराम चरित मानस पाठ, सांस्कृतिक कार्यक्रम, भजन- कीर्तन आदि कराए जाएंगे।
चित्रकूट में विशेष कार्यक्रम
महर्षि वाल्मीकि की तपोस्थली चित्रकूट में इस साल बड़े पैमाने पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। यहां पर खास पूजा-अर्चना, भजन-कीर्तन और सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। स्थानीय कलाकारों को अपनी कला दिखाने का मौका मिलेगा। जिससे वे अपने सांस्कृतिक विरासत को भी प्रदर्शित कर सकेंगे।
सुरक्षा और व्यवस्थाओं का ध्यान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी आयोजन स्थलों पर सुरक्षा और व्यवस्थाओं का खास ध्यान रखने के निर्देश दिए हैं। सभी कार्यक्रम स्थलों पर साफ-सफाई, पेयजल, ध्वनि और प्रकाश की सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए संबंधित अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है। हर जनपद में वाल्मीकि जयंती के मौके पर दीप जलाने और रामायण पाठ का आयोजन भी किया जाएगा, जिससे धार्मिक भावनाओं को प्रकट किया जा सके।
लालापुर में होगा मुख्य समारोह
लालापुर चित्रकूट में प्रमुख कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। यहां महर्षि वाल्मीकि की मूर्ति पर माल्यार्पण के साथ कार्यक्रम की शुरुआत सुबह 11 बजे होगी। इस दौरान भजन, पूजन-हवन, वाल्मीकि रामायण पाठ और लवकुश प्रसंग जैसे धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इन कार्यक्रमों में स्थानीय जनप्रतिनिधियों की भी उपस्थिति सुनिश्चित की जाएगी, ताकि समाज के सभी वर्गों का समावेश हो सके।
मंदिरों में कार्यक्रमों की व्यवस्था
उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में स्थित श्रीराम और हनुमान मंदिरों में भी कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इन आयोजनों में कलाकारों को मंच दिया जाएगा। जिलाधिकारियों की देख-रेख में कलाकारों का चयन होगा और संस्कृति विभाग तथा जिला पर्यटन परिषद इसका आयोजन करेंगे। योगी सरकार ने इस अवसर पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों और जनता की भागीदारी पर खास ध्यान देने का निर्देश दिया है। इससे ना केवल कार्यक्रमों की गरिमा बढ़ेगी, बल्कि समुदाय में एकजुटता और सहयोग की भावना भी मजबूत होगी।
इस प्रकार, महर्षि वाल्मीकि जयंती पर योगी सरकार ने एक भव्य और समर्पित कार्यक्रम की योजना बनाई है, जो न केवल धार्मिकता का प्रतीक है, बल्कि समाज को एक साथ लाने का भी माध्यम है। यह आयोजन सभी के लिए एक अहम अवसर होगा, जिसमें संस्कार, संस्कृति और श्रद्धा का अद्भुत मेल देखने को मिलेगा।
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