Wrestler Protest : नई दिल्ली। भाजपा सांसद और भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न को लेकर पिछले करीब डेढ़ माह से आंदोलन कर रहे अंतर्राष्ट्रीय पहलवान और पहलवान बेटियों की मेहनत अब रंग लाती नजर आ रही है। दिल्ली पुलिस की कई टीमें यूपी के लिए रवाना हो गई और इन टीमों ने भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ एक्शन लेना शुरू कर दिया है। पुलिस की इन टीमों ने बृजभूषण के लखनऊ और गोंडा स्थित आवास पर डेरा डाल दिया है। अब तक 15 लोगों से पूछताछ की जा चुकी है। वहीं एसआईटी SIT ने भी बृजभूषण के घर पर मौजूद 12 लोगों के बयान दर्ज किए हैं। संभावना जताई जा रही है कि जल्द ही बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी हो सकती है।
Wrestler Protest News in Hindi
आपको बता दें कि महिला पहलवानों ने बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी को लेकर पहलवान आंदोलन का रास्ता अख्तियार किए हुए हैं। जंतर मंतर पर एक माह से भी अधिक समय तक धरना प्रदर्शन करने के बाद 28 मई को आंदोलनकारी पहलवानों को जंतर मंतर से हटा दिया गया था।
आपको बता दें कि दिल्ली पुलिस अब बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ एक्शन के मूड में नजर आ रही है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अब दिल्ली पुलिस और एसआईटी कभी भी बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार कर सकती है। इसी को ध्यान में रखते हुए दिल्ली पुलिस ने भूमिका बनानी भी शुरू कर दी है। इसी के तहत एक्शन दिखाते हुए दिल्ली पुलिस और एसआईटी की टीम ने देर रात यूपी में बृजभूषण के लखनऊ और गोंडा स्थित आवास पर पहुंचकर वहां रह रहे एक दर्जन से अधिक लोगों के बयान दर्ज किए और अन्य जरूरी पूछताछ की।
137 लोगों के बयान दर्ज कर चुकी है पुलिस
बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ 7 महिला पहलवानों ने 21 अप्रैल को कनॉट प्लेस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। इन शिकायतों के आधार पर 28 अप्रैल को दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न के दो मामले दर्ज किए हैं। पहली प्राथमिकी नाबालिग द्वारा लगाए गए आरोपों के आधार पर है। इसमें पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है, वहीं, दूसरी FIR अन्य पहलवानों द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों से संबंधित है। इन मामलों में पुलिस की जांच जारी है। पुलिस ने अब तक 137 लोगों के बयान दर्ज किए हैं।
कौन हैं बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh)
बृजभूषण शरण सिंह यूपी के गोंडा के रहने वाले हैं। वें कैसरगंज लोकसभा सीट से BJP के सांसद हैं। उनकी गिनती दबंग नेताओं में होती है। छात्र जीवन से ही वह राजनीतिक तौर पर बेहद सक्रिय रहे। उनका युवा जीवन अयोध्या के अखाड़ों में गुजरा। कॉलेज के दौर में ही वे छात्रसंघ के अध्यक्ष चुने गए और इसके बाद उनका राजनीतिक सफर शुरू हो गया। वर्ष 1991 में पहली बार सांसद बने। इसके बाद 1999, 2004, 2009, 2014 और 2019 में भी लोकसभा पहुंचे। बृजभूषण शरण अब तक 6 बार सांसद चुने जा चुके हैं। साल 1996 में जब बृजभूषण सिंह टाडा के तहत तिहाड़ जेल में सजा काट रहे थे तब इनकी पत्नी केतकी सिंह ने गोंडा सीट से चुनाव लड़ा और कांग्रेस के आनंद सिंह को शिकस्त दी। बृजभूषण शरण साल 2011 से ही कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष हैं। साल 2019 में उन्हें लगातार तीसरी बार इस पद पर चुना गया था।
बृजभूषण का विवादों से नाता
66 साल के BJP नेता बृजभूषण शरण पर हत्या के प्रयास, डकैती, सबूतों को गायब करने समेत कई गंभीर आरोप लगे हैं हालांकि उन्हें इनमें से किसी में भी दोषी नहीं ठहराया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक उन्हें विवादास्पद बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में भी नामित किया गया था। दिसंबर 2021 में उनका एक वीडियो सोशल माडिया पर जमकर वायरल हुआ था, जिसमें रांची में अंडर-15 नेशनल कुश्ती चैंपियनशिप के दौरान उन्होंने एक एथलीट को सार्वजनिक रूप से थप्पड़ जड़ दिया था।
बीते साल अगस्त में उन्होंने विश्व कुश्ती चैंपियनशिप (World Wrestling Championship) के लिए 59 किलोग्राम वर्ग में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए हो रहे ट्रायल को शुरू होने के महज 54 सेकंड बाद अचानक रोक दिया था। कारण यह था कि कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अयोध्या के संतों के एक समूह को इसे शुरू करने से पहले आशीर्वाद देने के लिए आमंत्रित नहीं किया गया था। पहलवानों के विद्रोह से ठीक एक महीने पहले बृजभूषण शरण को यूपी के गोंडा जिले की एमपी-एमएलए कोर्ट ने सबूतों की कमी के कारण 1993 में समाजवादी पार्टी सरकार में यूपी के पूर्व मंत्री पर हमले से जुड़े 29 साल पुराने मामले में बरी कर दिया गया था।
पहलवानों ने क्या क्या आरोप लगाए ?
– दोनों एफआईआर में आईपीसी की धारा 354 (महिला की शील भंग करने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल प्रयोग), 354ए (यौन उत्पीड़न), 354डी (पीछा करना) और 34 (सामान्य इरादे) का हवाला दिया गया है, जिसमें एक से तीन साल की जेल की सजा है। पहली प्राथमिकी में 6 पहलवानों के आरोप शामिल हैं और इसमें डब्ल्यूएफआई सचिव विनोद तोमर का भी नाम है।
– दूसरी एफआईआर एक नाबालिग के पिता की शिकायत पर आधारित है और POCSO अधिनियम की धारा 10 को भी लागू करती है, जिसमें पांच से सात साल की कैद होती है। जिन घटनाओं का जिक्र किया गया है, वे कथित तौर पर 2012 से 2022 तक भारत और विदेशों में हुईं। (Wrestler Protest)
Kalkata News : हवाई जहाज में युवक ने बोले बस ‘दो शब्द’ और फ्लाइट छोड़कर भागे पैसेंजर, जानें क्यों ?
देश विदेश की खबरों से अपडेट रहने लिए चेतना मंच के साथ जुड़े रहें।
देश-दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें।