Amarnath Yatra 2022: 2 साल बाद फिर होगी अमरनाथ यात्रा, अमित शाह ने दिए ये बड़े निर्देश

Amarnath yatra 2022
Amarnath Yatra 2022
locationभारत
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calendar28 Nov 2025 04:10 PM
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Amarnath Yatra 2022 : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने मंगलवार को अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा तैयारियों को लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक किया। इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कई बड़े फैसले लिए साथ ही इस यह फैसला लिया गया कि 6 हजार फुट की ऊंचाई पर यात्रा करने वाले यात्रियों की स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए 100 बेड वाले अस्पताल का निर्माण किया जाएगा। इसके साथ ही अमरनाथ यात्रा पर आए यात्रियों को किसी तरह की असुविधा ना हो इसके लिए श्रीनगर से विमान सेवाएं बढ़ाने के लिए गृह मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।

Amarnath Yatra 2022

आपको बता दें कि बीते 2 साल से कोरोना वायरस संक्रमण का काला बादल छाया रहा। कोरोना के संक्रमण को देखते हुए अमरनाथ यात्रा को पिछले 2 साल स्थगित की गयी थी। अब 2 साल बाद एक बार फिर 30 जून से अमरनाथ यात्रा का शुभारंभ किया जा रहा है। यह यात्रा 30 जून से 11 अगस्त तक चलेगी।

अमरनाथ यात्रा को लेकर आज हुई बैठक में यात्रियों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने समीक्षा बैठक की। इस बैठक में गृह मंत्री ने अधिकारियों को ये बड़े निर्देश दिए कि यात्रियों की सुविधाओं के लिए श्रीनगर से विमान सेवाएं बढ़ाए जाएं। यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए 6000 फुट की ऊंचाई पर एक सौ बेड के अस्पताल का निर्माण किया जाए। अमरनाथ की यात्रा पर आए यात्रियों को ठहरने के लिए बेहतर टेंट की व्यवस्था की जाए। भूस्खलन से निपटने के लिए सभी तरह की तैयारियां की जाए। यात्रियों की सुविधा के लिए पूरे रास्ते में प्रकाश के बेहतर इंतजाम किए जाएं। घाटी में बढ़ती आतंकी घटनाओं को लेकर इंटेलिजेंस टीम को और सजग रहने के निर्देश भी गृहमंत्री ने दिए।

अमरनाथ यात्रा की तैयारियों को लेकर आज उच्च स्तरीय बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ जम्मू कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा, सीआरपीएफ के डीजी कुलदीप सिंह, बीएसएफ के कई बड़े अधिकारी, केंद्रीय गृह सचिव एके भल्ला समेत गृह मंत्रालय के कई अन्य अधिकारी शामिल रहें।

जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद से ही आतंकी गतिविधियों में तेजी से इजाफा देखा गया है। घाटी में आए दिन सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ की खबरें सामने आ रही हैं। हाल ही में आतंकियों ने जम्मू कश्मीर के कुछ स्थानीय निवासियों खासकर कश्मीर बनाया है परिवार के लोगों ने इसका विरोध करते हुए अपने सरकारी पदों से इस्तीफा भी दे दिया है। आज हुए उच्च स्तरीय बैठक में सबसे ज्यादा फोकस घाटी में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर ही किया गया।

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Emrald Court Twin Tower: टिवन टॉवर को गिराने का दिया और वक्त

Supertech twin towers 1
noida twin tower
locationभारत
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calendar01 Dec 2025 11:26 PM
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New Delhi : नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आज एक अहम फैसले में नोएडा में सुपरटेक के एमरॉल्ड कोर्ट टिवन टॉवर को गिराने का वक्त और बढ़ा दिया है। सुपरटेक के 40 मंजिला इस टिवन टॉवर को 22 मई तक गिराने के निर्देश सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व में दिये थे। सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक के सेक्टर-100 में स्थित 40 मंजिला टिवन टॉवर को गिराने के आदेश दिये थे। टॉवर को गिराने के लिए एडिफिस इंजीनियरिंग कंपनी को जिम्मा दिया गया था। कंपनी ने इसके लिए तैयारियों भी शुरू कर दी थी। लेकिन कंपनी ने इस काम के लिए और समय मांगा था। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने आज दोपहर बड़ा फैसला देते हुए कंपनी को तीन महीने का और समय दिया है। कंपनी को अब 28 अगस्त 2022 तक का समय दिया गया है। सुपरटेक द्वारा नियमों को ताक पर रखकर बनाये गये इस 40 मंजिला टिवन टॉवर को 22 मई तक गिराने के पूर्व में आदेश सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गये थे।
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Gyanvapi Survey : 26 साल पहले ही सामने आ गया था सच, हिन्दू मंदिर से संबंधित चिन्ह मिलने की हुई थी पुष्टि

Gyanvapi
Gyanvapi Masjid Case Update:
locationभारत
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calendar01 Dec 2025 05:18 PM
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Gyanvapi Survey 2022 : यूपी के वाराणसी में बाबा विश्वनाथ धाम के करीब स्थित ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Survey) को लेकर चल रहे विवाद में अब रोज कुछ न कुछ नए खुलासे हो रहे है। दोनों पक्ष इसे लेकर अपने-अपने दांवे कर रहे है। एक दांवे के अनुसार मस्जिद परिसर में 26 साल पहले हुई कमीशन की कार्यवाही में हिंदू मंदिरों के भग्नावशेष मिलने का सच सामने आया था। सिविल जज की अदालत में दर्ज एंसिएंट आइडल स्वयंभू लार्ड विश्वेश्वर व अन्य के वाद में भी न्यायालय ने विशेष अधिवक्ता आयुक्त के तौर पर राजेश्वर प्रसाद सिंह को नियुक्त किया था।

Gyanvapi Survey 2022

न्यायालय में पेश उनकी रिपोर्ट में साफतौर पर मस्जिद परिसर में प्राचीन मंदिर के भग्नावशेष मिलने का दाव किया गया था। इसके साथ ही परिसर के पूरब तट पर हनुमान प्रतिमा, गंगा व गंगेश्वर मंदिर की भी पुष्टि की गई थी। इसी रिपोर्ट के आधार पर वर्ष 2019 में न्यायालय ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को रडार तकनीक से सर्वे का आदेश दिया था। हालांकि इस मामले में उच्च न्यायालय ने निचली अदालत के आदेश पर रोक लगा दी है।

अदालत में दर्ज एंशिएंट आइडल स्वयंभू लार्ड विश्वेश्वर व अन्य के वाद में 27 जुलाई 1996 को न्यायालय ने कमीशन की कार्यवाही का आदेश जारी करते हुए राजेश्वर प्रसाद सिंह को विशेष अधिवक्ता आयुक्त नियुक्त किया था। इसमें कमीशन की ओर से दर्ज रिपोर्ट में साफ किया गया था कि विवादित स्थल के चारों तरफ प्राचीन काल की निर्मित पुस्ती को दिखाया गया, जो प्राचीन मंदिर का अवशेष देखने से प्रतीत हो रहा है। पूरब तरफ एक बड़ा चबूतरा है और पश्चिमी ओर मंदिर के भग्नावशेष मौजूद हैं, जो काफी उत्साहवर्धक है। पश्चिम की तरफ मंदिर के भग्नावशेष के तीन दरवाजों को बंद करके चुन दिया गया है और भग्नावशेष के ऊपर मस्जिद नुमा ढांचा निर्मित है।

आज कोर्ट में रखी जाएगी रिपोर्ट इस रिपोर्ट में साफ लिखा गया है कि भग्नावशेष के पश्चिम तरफ प्राचीन मंदिर के भग्नावशेष का ढेर है, जो बड़े चबूतरे में रूप में स्थित है। इस मामले में तत्कालीन विशेष अधिवक्ता आयुक्त ने वादीगण के अधिवक्ताओं के गणेश, शृंगार गौरी व मोदीश्वर देवतान की पूजा दावे पर मुहर लगाई थी। इसके साथ पूरब परिक्रमा पथ से हटकर हनुमान जी प्रतिमा व मंदिर, गंगा देवी व गंगेश्वर मंदिर के मौजूद रहने का जिक्र किया था। अब क्या सच्चाई है वह इस बार के हुए विस्तृत सर्वे में सामने आ जाएगी जिसकी रिपोर्ट आज कोर्ट के सामने रखी जानी है। अब इसका फैसला कोर्ट करेगा।