कौन थे Satyapal Malik? कितनी थी नेटवर्थ...यहां मिलेगी हर जानकारी

कौन थे Satyapal Malik? कितनी थी नेटवर्थ...यहां मिलेगी हर जानकारी
locationभारत
userचेतना मंच
calendar06 Aug 2025 10:33 AM
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जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल और वरिष्ठ नेता सत्यपाल मलिक (Satyapal Malik) का दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में बीते दिन (05 अगस्त 2025) निधन हो गया। सत्यपाल मलिक बीते कई दिनों से बीमार चल रहे थे। सत्यपाल मलिक के निधन की पुष्टि उनके निजी सचिव केएस राणा ने की थी। Satyapal Malik

...के वक्त राज्यपाल थे सत्यपाल मलिक

सत्यपाल मलिक वो नाम हैं जो बीते कुछ सालों में राजनीति की मुख्यधारा से निकलकर सत्ता के खिलाफ एक आवाज बनकर उभरे। खासकर किसान आंदोलन के दौरान उन्होंने मोदी सरकार की नीतियों पर खुलकर सवाल उठाए और कई तीखे बयान दिए। 5 अगस्त 2019 जब केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 हटाकर जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किया उस वक्त सत्यपाल मलिक वहां के राज्यपाल थे। यानी वे वो शख्स थे जो उस ऐतिहासिक फैसले के दौरान घाटी की प्रशासनिक बागडोर संभाले हुए थे।

किसान आंदोलन में मोदी सरकार की खुलकर आलोचना की

तीन कृषि कानूनों को लेकर जब देश भर में किसान आंदोलन छिड़ा तो सत्यपाल मलिक सत्ता पक्ष में होते हुए भी खिलाफ खड़े हो गए। वो राज्यपाल पद पर रहते हुए भी सरकार की नीतियों की आलोचना करने से नहीं हिचके और जब वे पद से हटे तब उन्होंने खुले तौर पर मोदी सरकार पर निशाना साधा। चाहे बात कृषि कानूनों की हो या पुलवामा हमले को लेकर पूछे गए सवालों की।

 राजनीति में लंबा सफर

सत्यपाल मलिक का राजनीतिक सफर बेहद दिलचस्प रहा। सत्यपाल मलिक ने 1968-69 में छात्र राजनीति से शुरुआत की। 1974 में चौधरी चरण सिंह के साथ मलिक विधानसभा चुनाव जीतकर विधायक बने। लोकदल और फिर कांग्रेस में गए जहां से वे राज्यसभा पहुंचे। बाद में सत्यपाल मलिक जनता दल और बीजेपी में भी रहे। 1989 में मलिक वीपी सिंह सरकार में केंद्रीय राज्य मंत्री बने और 2004 में बीजेपी में शामिल हुए हालांकि वे लोकसभा चुनाव हार गए।

राज्यपाल के रूप में नियुक्ति और विवाद

सत्यपाल मलिक 2017 में बिहार के राज्यपाल बनाए गए और 2018 में जम्मू-कश्मीर भेजे गए वहीं, 2019 में कश्मीर से हटाकर गोवा फिर मेघालय के राज्यपाल बने। हालांकि, उनका कार्यकाल सरकारी नीतियों के खिलाफ उनके बेबाक बयानों के चलते ज्यादा सुर्खियों में रहा।

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सत्यपाल मलिक की नेट वर्थ

सत्यपाल मलिक की नेट वर्थ को लेकर कोई आधिकारिक विवरण सामने नहीं आया है, लेकिन वह सरल और स्पष्टवादी छवि के नेता माने जाते थे। उन्होंने कभी अपने शब्दों को न नापा, न तौल और जो महसूस किया, वही सार्वजनिक मंचों से कहा। "मैं सरकार में हूं लेकिन गलत चीजों का समर्थन नहीं कर सकता" बता दें कि, सत्यपाल मलिक एक ऐसे राजनेता थे जिन्होंने सत्ता के करीब रहते हुए भी सच्चाई और जमीन से जुड़ाव को प्राथमिकता दी। उनकी बेबाकी, ईमानदारी और स्पष्टवादिता उन्हें बाकी नेताओं से अलग करती थी। आज भले ही वे हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनके सवाल, उनके बयान और उनका साहस को देश हमेशा याद रखेगा।
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तीन कटौतियों के बाद RBI ने थामी लगाम, इस बार भी नहीं बदली ब्याज दर

तीन कटौतियों के बाद RBI ने थामी लगाम, इस बार भी नहीं बदली ब्याज दर
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 11:48 AM
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भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की अहम बैठक के नतीजे सामने आ गए हैं। RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने स्पष्ट कर दिया है कि इस बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है। केंद्रीय बैंक ने ब्याज दर को 5.50% पर स्थिर बनाए रखने का निर्णय लिया है। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब पिछली तीन लगातार बैठकों में RBI ने रेपो रेट में कटौती की थी। अब ब्याज दर को स्थिर रखने का मतलब है कि लोन लेने वालों के लिए फिलहाल EMI में कोई राहत या बढ़ोतरी नहीं होगी। यानि आपकी मासिक किस्त जस की तस बनी रहेगी।  RBI

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क्या है रेपो रेट और क्यों ये है आपके लोन का सबसे बड़ा खिलाड़ी?

आम आदमी के लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि रेपो रेट आखिर है क्या और इसका सीधा संबंध आपकी जेब से कैसे है। दरअसल, रेपो रेट वह दर होती है जिस पर रिजर्व बैंक देश के वाणिज्यिक बैंकों को कर्ज देता है। जब रेपो रेट घटती है, तो बैंकों को कम ब्याज पर कर्ज मिलता है, जिससे वे ग्राहकों को सस्ते लोन ऑफर करते हैं फायदा सीधा आम लोगों को मिलता है। होम लोन, ऑटो लोन और पर्सनल लोन जैसी सुविधाएं सस्ती हो जाती हैं। लेकिन जब रेपो रेट स्थिर रहती है, तो ब्याज दरों में बदलाव की उम्मीद भी टल जाती है।   RBI

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उत्तरकाशी की हर तस्वीर में छिपा है दर्द, सामने आई बड़ी अपडेट

उत्तरकाशी की हर तस्वीर में छिपा है दर्द, सामने आई बड़ी अपडेट
locationभारत
userचेतना मंच
calendar06 Aug 2025 10:04 AM
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उत्तराखंड (Uttrakhand) के उत्तरकाशी जिले (Uttarkashi) में भारी बारिश और बादल फटने की वजह से भीषण तबाही मच गई है। धराली गांव इस आपदा की सबसे बड़ी चपेट में आया है। गांव का बड़ा हिस्सा मलबे में दब चुका है। अब तक चार लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है जबकि 50 से अधिक लोग लापता बताए जा रहे हैं। राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है, लेकिन लगातार बारिश और भूस्खलन रेस्क्यू ऑपरेशन में सबसे बड़ी चुनौती बनकर सामने आ रहे हैं। Uttarkashi 

सड़कों का मिटा नामोनिशान

धराली गांव से करीब 35 किलोमीटर दूर भटवारी क्षेत्र में आज तक की टीम ग्राउंड जीरो से हालात का जायजा ले रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, गांव तक पहुंचने के रास्ते में कई जगह लैंडस्लाइड हुए हैं। गंगोत्री-हर्षिल को जोड़ने वाला 150 मीटर लंबा सड़क मार्ग पूरी तरह से टूट चुका है। इससे राहत टीमों एनडीआरएफ और आईटीबीपी को आगे बढ़ने में गंभीर दिक्कतें आ रही हैं। सड़कें धंसी हुई हैं, जगह-जगह दरारें हैं और कई हिस्सों में मलबा जमा है। ऐसे में बचावकर्मी अब पहाड़ों के दुर्गम रास्तों से जरूरत का सामान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। मौसम की खराबी के कारण हेलीकॉप्टर राहत कार्यों में हिस्सा नहीं ले पा रहे, हालांकि उन्हें स्टैंडबाय पर रखा गया है।

सेना कैंप भी तबाही की चपेट में

धराली के पास मौजूद एक आर्मी कैंप भी इस आपदा की चपेट में आ गया है। यहां सेना की 14 राजपूताना राइफल्स की यूनिट तैनात है। बताया जा रहा है कि आर्मी मेस और कैफे भी क्षतिग्रस्त हो चुके हैं और कई जवान लापता हैं। हर्षिल में नदी किनारे बना हेलीपैड भी बाढ़ में बह गया है, जिससे हवाई राहत-बचाव में बाधा आ रही है।

खतरनाक रूप ले रही हैं नदियां

धराली के पास खीरगंगा में आई बाढ़ ने हर्षिल क्षेत्र को जलमग्न कर दिया है। भागीरथी नदी उफान पर है जिससे निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा और बढ़ गया है। प्रशासन ने ऐहतियातन कई गांवों को खाली करा लिया है और लोगों से नदियों के पास न जाने की अपील की है।बचावकर्मियों के लिए सबसे बड़ी चुनौती मलबे में दबे लोगों का पता लगाना है। मौके पर भारी मशीनरी और डिटेक्शन सिस्टम की कमी के कारण मलबे में फंसे लोगों को निकालना बेहद मुश्किल हो रहा है। मौसम भी साथ नहीं दे रहा।

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भारी बारिश का रेड अलर्ट

मौसम विभाग ने राज्य के कई हिस्सों के लिए रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। हरिद्वार, नैनीताल, उधमसिंह नगर समेत नौ जिलों देहरादून, टिहरी, चमोली, रुद्रप्रयाग, चंपावत, पौड़ी, अल्मोड़ा और बागेश्वर में आज स्कूल, कॉलेज और आंगनबाड़ी केंद्र बंद हैं। रुद्रप्रयाग में रातभर से मूसलधार बारिश हो रही है, अलकनंदा नदी खतरे के निशान के करीब पहुंच गई है। केदारनाथ यात्रा को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। बागेश्वर में सरयू और गोमती नदियां उफान पर हैं, जबकि कोटद्वार और आसपास के पहाड़ी इलाकों में भी लगातार बारिश जारी है।