सर्वे में खुलासा कम उम्र में बढ़ रहा ड्रग्स का खतरा, देशभर में चौंकाने वाले आंकड़े

देश में ड्रग्स और नशे की समस्या तेजी से विकराल होती जा रही है। चिंताजनक बात यह है कि अब स्कूल जाने वाले बच्चे भी कम उम्र में नशीले पदार्थों की चपेट में आने लगे हैं।

The danger of drugs
नशा करने वाले 31% बच्चों में मानसिक परेशान (फाइल फोटो)
locationभारत
userऋषि तिवारी
calendar11 Dec 2025 02:52 PM
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बता दें कि नेशनल मेडिकल जर्नल ऑफ इंडिया में प्रकाशित एक बड़े मल्टी-सिटी सर्वे ने इस स्थिति की गंभीरता को उजागर किया गया है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, असल आंकड़े इससे कहीं ज्यादा हो सकते हैं क्योंकि कई बच्चे नशे से जुड़े सवालों के सही उत्तर नहीं देते।

कितनी उम्र में शुरू कर रहे बच्चे नशा?

सर्वे में यह सामने आया कि भारत में औसतन बच्चे 12.9 वर्ष की उम्र में पहली बार किसी साइकोएक्टिव पदार्थ का इस्तेमाल करते हैं। हैरानी की बात यह है कि कुछ बच्चे 11 साल की उम्र में ही नशे की शुरुआत करते पाए गए। यह जानकारी देश के 10 प्रमुख शहरों में किए गए अध्ययन से सामने आई, जिसमें कुल 5,920 बच्चों को शामिल किया गया था, जिनकी औसत आयु 14.7 वर्ष थी।

कौन-कौन से शहर शामिल थे?

यह सर्वे इन 10 बड़े शहरों में किया गया कि दिल्ली, बेंगलुरु, मुंबई, लखनऊ, चंडीगढ़, हैदराबाद, इंफाल, जम्मू, डिब्रूगढ़ और रांची है।बता दें कि अध्ययन में पाया गया कि हर 7 में से 1 छात्र ने कभी न कभी साइकोएक्टिव पदार्थ का इस्तेमाल किया है। 15.1% बच्चों ने जीवन में कभी नशा किया। 10.3% ने पिछले एक वर्ष में नशा किया। 7.2% ने पिछले एक महीने में नशीले पदार्थों का सेवन किया।

सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाले नशीले पदार्थ

बता दें कि रिपोर्ट के अनुसार पिछले महीने तंबाकू–4%, शराब–3.8%, ओपिओइड–2.8%, भांग–2%, इनहेलेंट–1.9% इन पदार्थों का सबसे ज्यादा सेवन किया गया है। चौंकाने वाली बात यह है कि ओपिओइड का अधिकांश उपयोग बिना प्रिस्क्रिप्शन वाली दवाइयों के रूप में किया गया।

कक्षा बढ़ने के साथ बढ़ रहा नशे का खतरा

बता दें कि स्टडी में यह पाया गया कि 11वीं और 12वीं के छात्रों में नशे करने की प्रवृत्ति कक्षा 8 के छात्रों की तुलना में लगभग दोगुनी है।लड़के तंबाकू और भांग का अधिक उपयोग करते हैं। लड़कियां इनहेलेंट और ओपिओइड दवाओं का ज्यादा सेवन करती हैं। करीब 50% छात्रों ने स्वीकार किया कि वे नशे से जुड़ी जानकारी छुपा लेंगे, जिससे वास्तविक आंकड़े इससे कहीं अधिक हो सकते हैं।

नशा और मानसिक स्वास्थ्य का संबंध

बता दें कि एक रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि पिछले वर्ष नशा करने वाले 31% बच्चों में गंभीर भावनात्मक और मानसिक तनाव पाया गया।वहीं नशा न करने वाले बच्चों में यह आंकड़ा 25% रहा। नशा करने वाले बच्चों में भावनात्मक अस्थिरता और व्यवहारिक समस्याएं अधिक पाई गईं।

बच्चों में नशा क्यों बढ़ रहा है?

बता दें कि एक रिपोर्ट और विशेषज्ञ बताते हैं कि 40% बच्चों ने कहा कि उनके घर में तंबाकू या शराब का सेवन होता है। कई बच्चे दोस्तों के प्रभाव में आकर नशा शुरू करते हैं। भावनात्मक तनाव और दवाओं व नशीले पदार्थों तक आसान पहुंच भी बड़ी वजह है। एम्स के डॉक्टरों के अनुसार, किशोरावस्था में दिमाग अत्यंत संवेदनशील होता है और इस उम्र में किया गया नशा—खासतौर से इनहेलेंट, भांग और ओपिओइड—लंबे समय तक मस्तिष्क को नुकसान पहुंचा सकता है।

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छाछ से बढ़ेगी मिट्टी की उर्वरता, बागवानी में अपनाएं ये आसान घरेलू उपाय

बागवानी और खेती में प्राकृतिक तरीकों का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है। इसी कड़ी में घरों में आसानी से मिलने वाली छाछ (बटरमिल्क) मिट्टी की गुणवत्ता सुधारने और पौधों को स्वस्थ रखने का एक असरदार उपाय बनकर उभर रही है।

Buttermilk Organic Fertilizer
छाछ का जैविक उर्वरक (फाइल फोटो)
locationभारत
userऋषि तिवारी
calendar11 Dec 2025 01:26 PM
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बता दें कि विशेषज्ञों के अनुसार छाछ में मौजूद लैक्टिक एसिड, प्रोबायोटिक्स और खनिज तत्व पौधों की वृद्धि बढ़ाते हैं और मिट्टी में लाभकारी जीवाणुओं की संख्या बढ़ाते हैं।

छाछ के उपयोग से बागवानी को कई फायदे

  • प्राकृतिक फफूंदनाशक: छाछ का घोल पत्तियों पर लगने वाले फफूंद रोग—जैसे पाउडरी मिल्ड्यू और ब्लैक स्पॉट—को नियंत्रित करता है।
  • मिट्टी की उर्वरता में वृद्धि: नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटैशियम जैसे पोषक तत्व जड़ों को मजबूत बनाते हैं और मिट्टी को जैविक रूप से समृद्ध करते हैं।
  • पत्तियों में चमक: हल्का घोल पत्तियों पर छिड़कने से वे अधिक हरी और चमकदार दिखती हैं।
  • कीट नियंत्रण: इसका तीखा गंध कुछ कीटों को दूर रखता है और पौधों को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है।
  • जैविक उर्वरक: छाछ में मौजूद बैक्टीरिया मिट्टी की संरचना को बेहतर बनाते हैं।

कैसे करें छाछ का उपयोग?

  • फफूंदनाशक स्प्रे: 1 लीटर पानी + 250 मि.ली. छाछ। हफ्ते में एक बार छिड़कें।
  • जैविक उर्वरक: 1 लीटर पानी + 200 मि.ली. छाछ। महीने में 2–3 बार जड़ों में डालें।
  • कीटनाशक मिश्रण: 1 लीटर छाछ + 2 लीटर पानी + 1 चम्मच नीम तेल / नीम रस / हल्दी पाउडर।

इसका उपयोग सब्जी पौधों, फूलदार-फलदार पौधों, मनी प्लांट, तुलसी और खेती की कई फसलों में किया जा सकता है। रसीले (succulent) पौधों में उपयोग न करने की सलाह दी जाती है।

इन सावधानियों का रखें ध्यान

  • नमक या मसाले वाली छाछ का उपयोग न करें।
  • हमेशा पानी में घोलकर ही छाछ का प्रयोग करें।
  • अधिक मात्रा न डालें, वरना मिट्टी अम्लीय हो सकती है।

मिट्टी की गुणवत्ता जांचने का आसान तरीका: जार मिट्टी परीक्षण

मिट्टी की बनावट जानने के लिए सबसे आसान तरीका है जार मिट्टी परीक्षण, जिसमें रेत, गाद और चिकनी मिट्टी का प्रतिशत पता चल जाता है।

कैसे करें जार मिट्टी परीक्षण?

  1. जार में 1/4–1/2 तक मिट्टी भरें (3 फुट गहराई से ली गई)
  2. कंकड़-जड़ें हटा दें और जार में पानी भरें
  3. कुछ बूंदें लिक्विड सोप डालें
  4. 2 मिनट तक जोर से हिलाएं
  5. 1–2 मिनट में रेत (Sand) नीचे बैठ जाती है
  6. 30 मिनट में गाद (Silt) उसकी ऊपर जमती है
  7. 24 घंटे में चिकनी मिट्टी (Clay) सबसे ऊपर दिखती है

इसके बाद स्केल से परतों की ऊँचाई मापकर तीनों का प्रतिशत निकाला जा सकता है।

मिट्टी की उर्वरता घटने के मुख्य कारण

  • रासायनिक उर्वरकों का अत्यधिक उपयोग
  • जैविक खादों का कम प्रयोग
  • मिट्टी की जलधारण क्षमता में गिरावट
  • ऑक्सीजन की कमी और गहरी जुताई

विशेषज्ञों का मानना है कि यदि किसान और बागवानी प्रेमी छाछ जैसे जैविक विकल्प अपनाएं और समय-समय पर मिट्टी की जांच करें, तो न केवल पौधे स्वस्थ रहेंगे बल्कि मिट्टी की उर्वरता भी लंबे समय तक कायम रहेगी।

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टाटा सिएरा को कड़ी टक्कर देने आ रही नई Kia Seltos 2026!

Kia India ने अपनी नई Seltos के साथ सेगमेंट में नई ऊर्जा भर दी है। नए डिज़ाइन, ज्यादा स्पेस, एडवांस फीचर्स और पावरफुल इंजन विकल्प के साथ यह कार भारतीय बाजार में एक मजबूत विकल्प साबित हो सकती है।

New generation of Kia Seltos
Kia Seltos का नया जेनरेशन (फाइल फोटो)
locationभारत
userऋषि तिवारी
calendar10 Dec 2025 06:28 PM
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भारतीय ऑटो मार्केट में नई क्रांतिकारी शुरुआत करते हुए Kia India ने अपनी पॉपुलर एसयूवी Kia Seltos का नया जेनरेशन लॉन्च कर दिया है। यह अपडेटेड मॉडल न केवल दिखने में बेहद स्टाइलिश और मॉडर्न है, बल्कि इसकी फीचर्स की लिस्ट भी बेहद विस्तृत और एडवांस है। कीमत का खुलासा अभी नहीं हुआ है, लेकिन 11 दिसंबर से इसकी बुकिंग शुरू हो चुकी है, जिसमें ग्राहक सिर्फ 25 हजार रुपये का भुगतान कर सकते हैं।

नई Kia Seltos की विशेषताएं और डिजाइन

नई Kia Seltos का लुक पहले से कहीं ज्यादा बोल्ड और आकर्षक बन गया है। कंपनी ने इसके फ्रंट में फेमस टाइगर नोज ग्रिल को वर्टिकल LED लाइट्स के साथ अपडेट किया है, जो इसे और भी स्टाइलिश बनाता है। बंपर का डिज़ाइन भी नया है, जिसमें गनमेटल फिनिश वाली स्किड प्लेट्स हैं। साइड से देखा जाए तो बॉडी पैनल पर स्मूथ डिज़ाइन के साथ फ्लश टाइप हैंडल और बड़ी 18 इंच की अलॉय व्हील्स नजर आते हैं। नई छत का डिज़ाइन भी फ्लैट किया गया है, जिसमें बड़ा पैनोरमिक सनरूफ, शार्क फिन एंटीना और इंटीग्रेटेड रियर स्पॉइलर शामिल हैं। रियर में सबसे बड़ा बदलाव कनेक्टेड टेल लाइट्स हैं, जो पूरी चौड़ाई में फैली हैं और कार को बेहद स्टाइलिश लुक देती हैं। टेलगेट और रियर बंपर का भी नया डिज़ाइन है, जिसमें स्किड प्लेट फिर से गनमेटल फिनिश में है। कुल मिलाकर, यह कार अपने सेगमेंट में सबसे बड़ी और सबसे स्पेशियस दिखाई देती है, जिसकी लंबाई 4460mm, चौड़ाई 1830mm, ऊंचाई 1635mm और व्हीलबेस 2690mm है।

अंदर का लग्जरी और फीचर्स

इंटीरियर की बात करें तो नई Kia Seltos का केबिन पूरी तरह से नया और लग्जरीनेस का एहसास कराता है। डैशबोर्ड का डिज़ाइन डुअल टोन और लेदरेट सीटों के साथ बेहद प्रीमियम है। फ्लैट बॉटम स्टीयरिंग व्हील पर साइड में किया का लोगो है। सबसे आकर्षक फीचर 30 इंच का बड़ा कर्व्ड डुअल स्क्रीन है जिसमें ड्राइवर डिस्प्ले और इंफोटेनमेंट सिस्टम एक ही ग्लास में जुड़े हुए हैं। ऑप्शन के तौर पर फिजिकल बटन और रोटरी नॉब्स भी मौजूद हैं, जिससे ड्राइविंग के दौरान आसानी रहती है। फीचर्स की बात करें तो इसमें डुअल जोन एसी, वेंटिलेटेड फ्रंट सीटें, वायरलेस चार्जर, वायरलेस Android Auto और Apple CarPlay, हेड्स-अप डिस्प्ले, ड्राइवर सीट पावर, साइड मिरर में मेमोरी फंक्शन, बोस का 8 स्पीकर साउंड सिस्टम, मूड लाइटिंग, रिक्लाइनिंग रियर सीटें, स्मार्ट की से गाड़ी अनलॉक जैसी सुविधाएं शामिल हैं। सुरक्षा के लिहाज से इसमें 6 एयरबैग, ऑल व्हील डिस्क ब्रेक, 360 डिग्री कैमरा, इलेक्ट्रॉनिक पार्किंग ब्रेक और लेवल-2 ADAS जैसे लेन कीप असिस्ट, एडैप्टिव क्रूज कंट्रोल, नेविगेशन वाला स्मार्ट क्रूज कंट्रोल भी मौजूद हैं।

पावरफुल इंजन और ट्रांसमिशन विकल्प

इंजन के मामले में यह मॉडल तीन विकल्पों के साथ आता है। इसमें दो पेट्रोल वर्जन और एक डीजल वर्जन शामिल है। पुराना 1.5 लीटर का नॉर्मल पेट्रोल 115 हॉर्सपावर और 144 Nm टॉर्क देता है, जबकि नया 1.5 लीटर टर्बो पेट्रोल 160 हॉर्सपावर और 253 Nm टॉर्क के साथ है। डीजल संस्करण 1.5 लीटर, 116 हॉर्सपावर और 250 Nm टॉर्क प्रदान करता है। ट्रांसमिशन विकल्पों में मैनुअल, iVT (स्मूथ ऑटोमैटिक), DCT (फास्ट शिफ्टिंग) और सामान्य ऑटोमैटिक शामिल हैं।

मुकाबले की नई ताकत

यह नई Kia Seltos अब टाटा सिएरा, हुंडई क्रेटा, मारुति ग्रैंड विटारा, टोयोटा हाइराइडर, होंडा एलिवेट, विक्टोरिस जैसे प्रमुख प्रतिस्पर्धियों से सीधा मुकाबला करेगी। जहां टाटा सिएरा में हाइट एडजस्टेबल ड्राइवर सीट, ड्राइव मोड, क्रूज कंट्रोल, 360 डिग्री कैमरा और एडवांस फीचर्स दिए गए हैं, वहीं Kia Seltos 2026 के फीचर्स इसे और भी पीछे छोड़ सकते हैं।