Chandrayaan 3 : चंद्रयान 3 को लेकर राजनीति हुई तेज, भाजपा ने शेयर की इसरो के पूर्व वैज्ञानिक की वीडियो

08 16
chandrayaan 3
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 08:58 AM
bookmark

Chandrayaan 3 : चंद्रयान 3 की सफलता के बाद अब इसे लेकर राजनीति भी तेज हो गई है। भारतीय जनता पार्टी ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) के पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायण का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल करके कांग्रेस को घेरने की कोशिश की है। इस वीडियो में इसरो के पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायण कहते हैं उनकी (तत्कालीन सरकार की) प्राथमिकताएं अलग-अलग थी। इस वीडियो के माध्यम से भाजपा यह जताने की कोशिश कर रही है कि पूर्व के कांग्रेस सरकार ने अंतरिक्ष अनुसंधान को महत्व नहीं दिया।

Chandrayaan 3 Update

आपको बता दें कि भारतीय जनता पार्टी ने हाल ही में इसरो के पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायण का एक वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में पूर्व वैज्ञानिक कांग्रेस के शासनकाल के दौरान ISRO के हालातों पर बात कर रहे थे। वीडियो में नंबी कहते हैं कि उनकी प्राथमिकताएं अलग-अलग थीं, उन्होंने कभी भी अंतरिक्ष अनुसंधान को प्राथमिकता नहीं दी। तब की सरकार द्वारा धन आवंटित नहीं किया गया।

Read more:  Noida News : नोएडा में आज ही के दिन धूल में मिली थी भ्रष्टाचार की इमारत ट्विन टॉवर

इस वीडियो शेयर करते हुए भाजपा ने कांग्रेस को घेरने की कोशिश की है। पूर्व वैज्ञानिक के मुताबिक इसरो के पास अनुसंधान कार्य के लिए कोई जीप या कार नहीं थी। उनके पास सिर्फ एक बस थी, जो शिफ्टों में चलती थी। तब से अब तक जैसे-जैसे परफॉर्मेंस सुधरी सरकारों का भरोसा बढ़ता गया और हमें सराहा गया। बीजेपी ने ट्वीट किया कि प्रधानमंत्री मोदी ने बजट में वृद्धि की है और हमारे वैज्ञानिकों के साथ उनकी सफलताओं और विफलताओं में खड़े हैं, तो भारत के अंतरिक्ष मिशन बहुत आगे बढ़ चुके हैं।

https://twitter.com/BJP4India/status/1695776590553387074?ref_src=twsrc%5Etfw%7Ctwcamp%5Etweetembed%7Ctwterm%5E1695776590553387074%7Ctwgr%5Ef6061b8d55f0258a9d194c624b0ae1886128e1da%7Ctwcon%5Es1_c10&ref_url=https%3A%2F%2Fd-3910773773557693317.ampproject.net%2F2308112021001%2Fframe.html

पूर्व वैज्ञानिक नंबी पर चुकी है फिल्म

आपको बता दें कि चंद्रयान-3 की सफलता पर बोलते हुए नंबी नारायणन ने कहा था कि मेरे काम को मान्यता मिली है। नंबी नारायणन वही वैज्ञानिक हैं जिन पर कुछ दिनों पहले फिल्म भी आई थी। एक्टर आर माधवन ने इस पर फिल्म 'रॉकेट्री: द नंबी इफेक्ट' की थी। नंबी नारायणन ने अपने करियर में विक्रम साराभाई, सतीश धवन और एपीजे अब्दुल कलाम के साथ काम किया। नंबी नारायण जब इसरो में वैज्ञानिक थे, तो 1994 में भारतीय आंतरिक्ष प्रोग्राम से जुड़ी गोपनीय जानकारी को लीक करने का झूठा आरोप उन पर लगाया गया था।

आरोप थे कि उन्होंने आंतरिक्ष प्रोग्राम की जानकारी मालदीव के दो नागरिकों को साझा की है, जिन्होंने इसरो के रॉकेट इंजनों की इस जानकारी को पाकिस्तान को बेच दी थी। इन आरोपों के बाद केरल सरकार ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। 50 दिनों की जेल काटने और पुलिस के अत्याचार सहने के बाद नंबी को रिहा कर दिया गया। बाद में उन पर लगे सभी आरोप झूठे पाए गए थे।  chandrayaan 3

Chandrayaan 3 : चांद पर पहुंचने वाला भारत पहला नहीं चौथा देश, पहला देश कौन सा ?

देश विदेश की खबरों से अपडेट रहने लिए चेतना मंच के साथ जुड़े रहें। देश-दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
अगली खबर पढ़ें

Chandrayaan 3 : चांद पर पहुंचने वाला भारत पहला नहीं चौथा देश, पहला देश कौन सा ?

04a 8
Chandrayaan 3
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 01:32 AM
bookmark

Chandrayaan 3 : भारतीय अंतरिक्ष अनुंसधान संस्थान इसरो द्वारा चंद्रयान 3 (Chandrayaan 3) की लैंडिंग के बाद देशभर में एक चर्चा ने तेजी पकड़ी कि चांद पर पहुंचने वाला भारत विश्व का पहला देश बन गया है, जबकि असलियत यह नहीं है। भारत से पहले दुनिया के तीन देश चांद पर लैंडिंग कर चुके हैं। यहां यह समझना बेहद जरुरी है कि चांद के किस ध्रुव पर पहुंचने पर भारत विश्व का पहला देश बना।

Chandrayaan 3 Update

आपको बता दें कि 23 अगस्त 2023 को भारत के चंद्रयान 3 की चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग हुई। लेकिन चांद पर पहुंचने वाला भारत विश्व का पहला नहीं बल्कि चौथा देश है। भारत से पहले अमेरिका, चीन और रुस चांद पर लैंडिंग कर चुके है। आपके दिमाग में फिर वही सवाल पैदा हो गया कि भारत को चांद पर पहुंचने वाला विश्व का पहला देश क्यों कहा जा रहा है। इसे इस तरह से समझा जा सकता है जिस तरह पृथ्वी पर चार दिशाएं हैं, ठीक उसी तरह से चांद पर चार ध्रुव हैं। पूरब, पश्चिम, उत्तर और दक्षिण। भारत के चंद्रयान 3 ने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक लैंडिंग की है, इस ध्रुव पर दुनिया का कोई देश लैंडिंग नहीं कर सका है, इस लिए चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला भारत पहला देश बना है।

आपको बता दें कि भारत ने इससे पहले भी दो चंद्रयान चांद पर भेजे थे। 22 अक्टूबर 2008 को चंद्रयान 1 मिशन को लॉन्च किया गया था। इसके बाद 22 अगस्त 2019 को चंद्रयान-2 मिशन लॉन्च किया गया। हालांकि ये मिशन सफल नहीं हो सका। भारत के पड़ोसी चीन ने चांग-ए 1 को 2007 में चांद पर भेजा था। 23 नवंबर 2020 को चीन ने चांग-ए 5 लॉन्च किया था।

Read Also - Delhi Lockdown Metro Services : 3 दिन नोएडा दिल्ली लॉकडाउन का Metro ट्रेन सर्विस पर पड़ेगा क्या असर ?

रूस का लूना प्रोग्राम

दुनियाभर में अब तक कई मिशन मून हुए हैं। सबसे पहले रूस ने लूना-2 को चांद की सतह पर उतारा गया था। लूना-2 एक इम्पैक्टर मिशन था यानी चांद की सतह पर इसकी हार्ड लैंडिग हुई थी। हालांकि, पहले इससे 4 जनवरी, 1959 को लूना-1 भी लॉन्च किया गया था।

लूना-1 चांद के नजदीक पहुंचने वाला पहला मिशन बना, लेकिन ये चांद की सतह पर उतरने में कामयाब नहीं हो सका, क्योंकि लूना-1 की एंट्री चांद की ऑर्बिट में फेल हो गई और ये सूर्य की ऑर्बिट में चला गया। 3 फरवरी, 1966 को लूना-9 चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला पहला मिशन बना।

चांद पर जाने वाला पहला मानव मिशन

24 दिसंबर 1968 को नासा ने अपोलो 8 मिशन लॉन्च किया। चंद्रमा की कक्षा का चक्कर काटने वाला पहला मानव मिशन बना। इसके बाद अपोलो 9 और अपोलो 10 लॉन्च किया गया जो असफल रहे। 20 जुलाई 1969 को अपोलो 11 लॉन्च किया गया। इस मिशन में तीन अंतरिक्ष यात्री भेजे गए। अपोलो 11 के अंतरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रांग चांद पर कदम रखने वाले पहले इंसान बने।

अपोलो 13- ‘सक्सेसफुल फेलियर’

11 अप्रैल 1970 को नासा ने अपोलो 13 लॉन्च किया। अपोलो 13 मिशन चांद की सतह पर इंसानों को उतारने का तीसरा प्रयास था, लेकिन सर्विस मॉड्यूल ऑक्सीजन टैंक के फटने के बाद मिशन को रोकना पड़ा। इस मिशन में अंतरिक्ष यान चांद के नजदीक से गुजरा। ऑक्सीजन की कमी की वजह से अंतरिक्ष यात्रियों धरती पर वापस आना पड़ा। काफी मश्क्कत के बाद अंतरिक्ष यात्रियों की जान बचा ली गई, इस वजह से ही इस मिशन को 'सक्सेसफुल फेलियर' यानी सफल विफलता कहा जाता है।

31 जनवरी 1971 को नासा के अपोलो 14 लॉन्च किया गया। इसमें मिशन कमांडर एलन बी शेपर्ड जूनियर, लूनर मॉड्यूल पायलट एडगर डी. मिशेल, कमांड मॉड्यूल पायलट स्टुअर्ट ए. रूसा सवार थे। अपोलो 14 के मिशन कमांडर एलन शेपर्ड ने चांद पर गोल्फ खेलने वाले पहले इंसान बने।

अपोलो 14 के बाद अमेरिका ने अपोलो 15 को चांद पर भेजा। 26 जुलाई, 1971 को अपोलो 15 अंतरिक्ष यान लॉन्च किया गया। इसमें मिशन कमांडर डेविड आर. स्कॉट, लूनर मॉड्यूल पायलट जेम्स बी. इरविन, कमांड मॉड्यूल पायलट अल्फ्रेड एम. वर्डेन सवार थे। अपोलो 15 के मिशन कमांडर डेविड आर. स्कॉट चांद पर जाने वाले सातवें व्यक्ति और चांद पर लूनर रोविंग व्हीकल चलाने वाले पहले व्यक्ति हैं।

Chandrayaan 3 - चांद पर जाने वाला आखिरी मैन-मिशन

अपोलो 17 चांद पर जाने वाला आखिरी मैन-मिशन है। इसे 7 दिसंबर 1972 को लॉन्च किया गया था। यूजीन ए. सेर्नन, हैरिसन एच. श्मिट, रोनाल्ड ई. इवांस इस मिशन के अंतरिक्ष यात्री थे। युजिन सर्नन चांद पर कदम रखने वाले आखिरी इंसान हैं। Chandrayaan 3

क्या ​है नोएडा, दिल्ली में लॉकडाउन का असली सच ? 10 प्वाइंट में आपके हर सवाल का जवाब

देश विदेश की खबरों से अपडेट रहने लिए चेतना मंच के साथ जुड़े रहें। देश-दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
अगली खबर पढ़ें

Delhi Lockdown Metro Services : 3 दिन नोएडा दिल्ली लॉकडाउन का Metro ट्रेन सर्विस पर पड़ेगा क्या असर ?

01 copy
Delhi Lockdown Metro Services
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 10:48 AM
bookmark

Delhi Lockdown Metro Services : आगामी 8 सितंबर से देश की राजधानी दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन (G-20 Summit) आयोजित होने जा रहा है। यह विशिष्ट कार्यक्रम 10 सितंबर तक चलेगा। इसलिए दिल्ली, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और एनसीआर में 8 से 10 सितंबर तक लॉकडाउन जैसी स्थिति रहेगी, क्योंकि इस अवधि के दौरान न तो सड़कों पर वाहन दौड़ेंगे, न स्कूल खुलेंगे। यहां तक की सरकारी और प्राइवेट दफ्तरों को भी बंद करने के आदेश दिए गए हैं। ऐसे में लोग सवाल पूछ रहे हैं कि क्या दिल्ली और नोएडा मेट्रो का संचालन भी प्रभावित होगा या नहीं ? तो हम आपको बतातें कि इस अवधि के दौरान मेट्रो संचालन की क्या स्थिति रहेगी।

Delhi Lockdown Metro Services

आपको एक बार फिर से बता दें कि 8 से 10 सितंबर तक दिल्ली, नोएडा और पूरे एनसीआर में अघोषित कफर्यू जैसी स्थिति रहने वाले हैं। राजधानी में जी-20 शिखर सम्मेलन (G-20 Summit 2023 New Delhi) को लेकर दिल्ली पुलिस (delhi police) की तरफ से ट्रैफिक का प्लान जारी कर दिया गया है। दिल्ली में शुक्रवार 9 सितंबर को सुबह 5 बजे से 10 सितंबर को रात 11:59 बजे तक नई दिल्ली जिले में ऑटो-रिक्शा और टैक्सियों के प्रवेश या संचालन पर बैन लगा दिया है।

प्रगति मैदान में आयोजित होगा जी-20 सम्मेलन

गैर-जरूरी वाहनों को पूर्वी और पश्चिमी पेरिफेरल एक्सप्रेसवे (expressway) और अन्य वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करने के लिए निर्देशित किया गया है। इसके साथ ही भारी माल वाहन, मध्यम माल वाहन और हल्के माल वाहन पर भी बैन रहेगा है। ऐसे में लोगों को इस दौरान आने जाने के लिए दिल्ली मेट्रो (delhi metro) सबसे बेहतर विकल्प रहेगा। भारत की अध्यक्षता में यह जी-20 शिखर सम्मेलन (G-20 Summit) दिल्ली के प्रगति मैदान में नवनिर्मित भारत मंडपम सम्मेलन केंद्र में आयोजित किया जाएगा।

मेट्रो के इस्तेमाल की सलाह

दिल्ली में बाहरी वाहनों के प्रवेश और आवाजाही पर प्रतिबंध 7 सितंबर को आधी रात से लागू हो जाएगा। हालांकि, इस दौरान दिल्ली मेट्रो (delhi metro service) की सेवाओं पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। दिल्ली मेट्रो सर्विसेज अपने तय समय के अनुसार चलेंगी। ऐसे में दिल्ली ट्रैफिक पुलिस (delhi traffic police) ने जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान लोगों को दिल्ली में आवाजाही के लिए मेट्रो का इस्तेमाल करने की सलाह दी है। सम्मेलन के मद्देनजर इस इलाके में बसों की आवाजाही प्रतिबंधित रहेगी। पुलिस ने कहा कि लोग 8 सितंबर से 10 सितंबर तक मेट्रो से ही सफर करें।

इन स्टेशनों पर कुछ समय के लिए बंद रहेगी मेट्रो

दिल्ली पुलिस ने जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान दिल्ली मेट्रो रेल निगम (DMRC) को 8 से 10 सितंबर तक हर दिन लगभग 30 मेट्रो स्टेशनों को कुछ घंटों के लिए बंद करने के लिए कहने की योजना बनाई है। यह सिर्फ वीवीआईपी मूवमेंट (VVIP movement) के दौरान ही होगा। इन स्टेशनों में हवाई अड्डे और प्रगति मैदान के साथ-साथ राजीव चौक, सरदार पटेल मार्ग और खान मार्केट स्टेशन शामिल हैं। वीवीआईपी आवाजाही को सुविधाजनक बनाने के लिए बंद किया गया है। पुलिस ने मेट्रो यूनिट के लिए अतिरिक्त पैरा मिलिट्री फोर्स का भी अनुरोध किया है। मेट्रो सेवाएं बाधित नहीं होंगी, लेकिन यात्री कुछ समय पर प्रभावित स्टेशनों में प्रवेश करने या बाहर नहीं निकल सकेंगे।

वेरिफिकेशन के बाद ही एंट्री

नई दिल्ली जिले में होटल, अस्पताल और अन्य जरूरी सेवा से संबंधित कार्यों के लिए जिम्मेदार वाहनों को वेरिफिकेशन के बाद प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। वास्तविक निवासियों, अधिकृत वाहनों और ऊपर उल्लिखित जरूरी सेवा प्रदाताओं को पहचान दस्तावेज अवश्य साथ रखना चाहिए। अधिकारी ने बताया कि मालवाहक वाहनों और बसों को छोड़कर सामान्य ट्रैफिक को रजोकरी सीमा से दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति होगी। इस ट्रैफिक को एनएच-48 से राव तुला राम मार्ग - ओलोफ पाल्मे मार्ग पर भेजा जाएगा। अधिकारी ने बताया कि एनएच-48 पर धौला कुआं की ओर किसी भी वाहन की आवाजाही की अनुमति नहीं दी जाएगी। Delhi Lockdown Metro Services

Delhi Shut Down : दिल्ली में नोएडा, ग्रेटर नोएडा के लोगों की एंट्री पर लगा बैन

ग्रेटर नोएडा - नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें। देश-दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।