चलते-फिरते ज्ञान का बड़ा भण्डार हैं गुरू जी उदय प्रताप सिंह

चलते-फिरते ज्ञान का बड़ा भण्डार हैं गुरू जी उदय प्रताप सिंह
locationभारत
userचेतना मंच
calendar26 Sep 2025 08:00 PM
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उत्तर प्रदेश के रहने वाले प्रसिद्ध कवि तथा शायर उदय प्रताप सिंह पूरी दुनिया में गुरू जी के नाम से जाने जाते हैं। उत्तर प्रदेश के मूल निवासी उदय प्रताप सिंह चलते-फिरते हुए ज्ञान का एक बहुत बड़ा भण्डार हैं। चेतना मंच की रिसर्च के मुताबिक उत्तर प्रदेश में वर्तमान समय में भाषा,साहित्य,संस्कृति तथा इतिहास के विषय में  उदय प्रताप सिंह से अधिक ज्ञानवान व्यक्ति कोई दूसरा नहीं है। यह अतिश्योक्ति नहीं है बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश के नागरिकों से पूछे गए प्रश्नों के आधार पर की गई रिसर्च का नतीजा है कि पूरे उत्तर प्रदेश में वरिष्ठतम नागरिकों की श्रेणी भाषा, साहित्य, संस्कृति तथा इतिहास के मामले में विश्व प्रसिद्ध कवि तथा शायर उदय प्रताप सिंह से अधिक ज्ञानवान कोई दूसरा नागरिक नहीं है।    Uday Pratap Singh

ज्ञान का अनूठा संगम हैं गुरू जी उदय प्रताप सिंह

उत्तर प्रदेश के मूल निवासी विश्व प्रसिद्ध कवि तथा शायर उदय प्रताप सिंह को उनके चाहने वाले गुरू जी के नाम से संबोधित करते हैं। गुरू जी के नाम के पीछे के कारण पर जाने से पहले आपको बता दें कि उदय प्रताप सिंह ज्ञान का एक अनूठा संगम धारण किए हुए हैं। उदय प्रताप सिंह अंग्रेजी के सर्वश्रेष्ठ अध्यापकों में शामिल रहे हैं। वें हिन्दी के अद्भुत कवि हैं तथा उर्दू के गजब के शायर भी हैं। अंग्रेजी, हिन्दी तथा उर्दू के श्रेष्ठ ज्ञाता को ज्ञान का भण्डार अथवा ज्ञान का संगम ना कहें तो भला क्या कहा जा सकता है? उदय प्रताप सिंह के मित्र तथा शिष्य उन्हें चलता-फिरता पुस्तकालय भी बताते हैं। अंग्रेजी, हिन्दी तथा उर्दू की किसी भी प्रसिद्ध किताब का जिक्र आप उदय प्रताप सिंह के सामने कर दें तो वें उस किताब की पूरी व्याख्या को आपके सामने प्रस्तुत कर देंगे। कवि के तौर पर उदय प्रताप सिंह की प्रसिद्धी को इसी से जाना जा सकता है कि दुनिया भर में जिस कवि सम्मेलन में उदय प्रताप सिंह मौजूद होते हैं उस कवि सम्मेलन की सफलता निश्चित मान ली जाती है।    Uday Pratap Singh

93 वर्ष की उम्र में भी देश तथा समाज सेवा में लगे हुए हैं उदय प्रताप सिंह

विश्व के प्रसिद्ध साहित्यकार, कवि तथा शायर उदय प्रताप सिंह का जन्म वर्ष-1932 में उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले के गढिय़ा छिनकौरा गाँव में हुआ था। उदय प्रताप सिंह 93 वर्ष के हो चुके हैं। 93 वर्ष की उम्र में भी कोई व्यक्ति देश तथा समाज की सेवा में लगा हुआ हो उदय प्रताप सिंह के अलावा ऐसा दूसरा उदाहरण खोजना असंभव की सीमा तक मुश्किल है। उदय प्रताप सिंह यादव महासभा के लंबे समय तक राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे हैं। यादव समाज की सबसे बड़ी संस्था के अध्यक्ष रहते हुए उदय प्रताप सिंह देश भर के यादव समाज को जागरूक करने तथा राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रेरित करते रहे हैं। देश का कोई भी बड़ा मुद्दा हो उस मुद्दे पर देश के हित का स्पष्ट स्टैण्ड उदय प्रताप सिंह हमेशा सामने रखते हैं। उनकी प्रसिद्ध रचनाओं में से एक रचना की पंक्ति है कि- ‘‘ तेरा है, मेरा है, ये हिन्दुस्तान सबका है। नहीं समझी गई ये बात तो नुकसान सबका है।’’ इस रचना के माध्यम से देश की युवा पीढ़ी को देश की एकता का जो संदेश उदय प्रताप सिंह ने दिया है उसका भी दूसरा उदाहरण खोजना बहुत ही मुश्किल काम है। उदय प्रताप सिंह का जिक्र हो रहा हो और देश के अमर शहीदों की बात ना हो तो उदय प्रताप सिंह का परिचय अधूरा ही रह जाएगा। देश को आजाद कराने वाले देश के अमर शहीदों को याद करते हुए उदय प्रताप सिंह लिखते हैं कि- ‘‘कभी-कभी सोचा करता हूं कि बेचारे छले गए हैं, जो फूलों का मौसम लाने की कोशिश में चले गए हैं।’’  Uday Pratap Singh

भारत के बुजुर्गों की आन-बान-शान के प्रतीक हैं उदय प्रताप सिंह

उत्तर प्रदेश की बात छोड़ दीजिए उदय प्रताप सिंह वर्तमान समय में पूरे भारत के बुजुर्ग समाज की आन-बान तथा शान  के प्रतीक हैं। 93 वर्ष की उम्र में भी आज उदय प्रताप सिंह को कवि सम्मेलनों, मुशायरों के मंच के साथ ही साथ राजनीतिक मंचों पर भी देश की सबसे अनुभवी धरोहर बुजुर्ग समाज की वकालत करते हुए देख सकते हैं। बुजुर्गों के सम्मान की बात हो या अनुभव की बात उदय प्रताप सिंह लिखते हैं कि -‘‘पुरानी कश्ती को पार लेकर फकत हमारा हुनर गया है, नए खिवैइये कहीं समझें, नदी का पानी उतर गया है।’’ 93 वर्ष की उम्र में भी उदय प्रताप सिंह कपड़े पहनने, मंच पर बैठने तथा मित्रों से बात करने का जो तरीका आजमाते हैं वैसा तरीका दूसरे किसी बुजुर्ग के पास देखने को मिलना मुश्किल है। उम्र के कारण उदय प्रताप सिंह के घुटनों में समस्या गई है। घुटनों की बीमारी के कारण उन्हें चलने के लिए वॉकर का सहारा लेना पड़ता है। उदय प्रताप सिंह के मित्रों का कहना है कि काश गुरूजी के घुटने पूरी तरह से ठीक होते तो वें देश के लिए और अधिक मूल्यवान काम कर सकते थे।    Uday Pratap Singh

उदय प्रताप सिंह का संक्षिप्त परिचय

इस आलेख में आगे बढऩे से पहले उदय प्रताप सिंह का व्यक्तिगत संक्षिप्त परिचय भी आपको बता देते हैं। जैसा कि हम ऊपर जिक्र कर चुके हैं कि उदय प्रताप सिंह का जन्म उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले के गढिया छिनकौरा गांव में 18 मई 1932 को हुआ था। उनकी माता श्रीमती पुष्पा यादव और पिता डॉ. हरिहर सिंह चौधरी थे। डॉ. चैतन्य यादव के साथ उनका विवाह 20 मई 1958 को हुआ था। उनका एक बेटा और तीन बेटियां हैं। डॉ. उदय प्रताप ने आगरा विश्वविद्यालय के सेंट जॉन कॉलेज से अंग्रेजी और हिंदी में एमए की डिग्री हासिल की। वे वर्ष 1958 में उत्तर प्रदेश के जैन इंटर कॉलेज, करहल में अंग्रेजी के लेक्चरर बन गए। डॉ. उदय प्रताप की ख्याति कवि के रूप में रही है। देश और विदेश में उन्होंने कई कवि सम्मेलनों में भाग लिया। करीब 45 वर्षों से वे कवि सम्मेलनों में जाते रहे हैं। वर्ष 1993 में सूरीनाम में आयोजित विश्व हिंदी सम्मेलन में उन्होंने भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया था। भाषायी एका और बेबाक कविताओं के कारण उनको बड़े ही आदर के साथ साहित्यिक बिरादरी में देखा जाता है। कविता के साथ-साथ डॉ. उदय प्रताप ने गजल और गीतों की भी रचना की है। 

भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री तक से निकटता

विश्व के प्रसिद्ध कवि तथा शायर उदय प्रताप सिंह के राजनीतिक सफर की बात करना भी जरूरी है। भारत के सफल प्रधानमंत्री रहे स्व. अटल बिहारी वाजपेयी से लेकर उत्तर प्रदेश के सफलतम मुख्यमंत्री रहे अखिलेश यादव तक के साथ डॉ. उदय प्रताप सिंह के घनिष्ट रिश्ते रहे हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहते हुए ऐतिहासिक काम करने वाले अखिलेश यादव डॉ. उदय प्रताप सिंह को दिल से पूरी व्यवहारिकता के साथ अपना गुरू मानते हैं। अखिलेश यादव को बहुत कम लोगों के पैर छूते हुए देखा गया है।  Uday Pratap Singh डॉ. उदय प्रताप सिंह के सार्वजनिक रूप से पैर छूते हुए अखिलेश यादव को आप अक्सर देख सकते हैं। इतना ही नहीं उत्तर प्रदेश के भूतपूर्व मुख्यमंत्री नेता जी स्व. मुलायम सिंह यादव को तो उदय प्रताप सिंह ने विद्यालय में विधिवत रूप से पढ़ाया था। स्व. मुलायम सिंह यादव के अध्यापक रहने के कारण ही डॉ. उदय प्रताप सिंह को गुरू जी के नाम से ख्याति प्राप्त हुई है। यह भी कहा जाता है कि मुलायम सिंह यादव के अंदर मौजूद समाजवाद की सर्वश्रेष्ठ अवधारणा को आगे बढ़ाने में उदय प्रताप सिंह की महत्वपूर्ण भूमिका रही थी।    Uday Pratap Singh

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समाजवादी पार्टी के संस्थापक से लेकर सांसद तक का लम्बा सफर

विश्व के प्रसिद्ध कवि तथा शायर डॉ. उदय प्रताप सिंह को अनुभव का जीता जागता खजाना भी कहा जा सकता है। भारत में सबसे बड़ी पार्टी जनता पार्टी के साथ जुड़ाव से लेकर समाजवादी पार्टी के संस्थापकों में शामिल रहने से आगे बढ़ते हुए उदय प्रताप सिंह दो बार भारत की लोकसभा के सांसद तथा दो बार भारत के सर्वोच्च सदन राज्यसभा के सांसद रह चुके हैं। उत्तर प्रदेश में साहित्यकारों की सबसे बड़ी संस्था उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान ने उदय प्रताप सिंह की अध्यक्षता में बड़ा गौरव प्राप्त किया है। दूसरे अनेक पदों पर उदय प्रताप सिंह काम करते रहे हैं। इतने बड़े-बड़े पदों पर रहने के बावजूद उदय प्रताप सिंह ने कभी भी अपना खुद का बंगला नहीं बनवाया। उदय प्रताप सिंह वर्तमान में भी लखनऊ के एक छोटे से फ्लैट में एक साधारण भारतीय का बहुत ही साधारण जीवन जी रहे हैं।  Uday Pratap Singh

उदय प्रताप सिंह के विषय में अधिक जानने के लिए यहां दिए गए लिंक को खोलकर यह वीडियो भी देख सकते है -  https://www.youtube.com/watch?v=KdtgLcHGaW4

शतरंज के बड़े शौकीन हैं डॉ. उदय प्रताप सिंह 

डॉ. उदय प्रताप सिंह के नाम का जिक्र हो रहा हो और शतरंज के खेल का जिक्र ना हो तो डॉ. उदय प्रताप सिंह का परिचय अधूरा ही रह जाएगा। डॉ. उदय प्रताप सिंह को शतरंज के खेल का बहुत बड़ा शौक है। शतरंज के बड़े से बड़े खिलाड़ी को 93 साल के डॉ. उदय प्रताप सिंह बड़ी आसानी से पराजित कर सकते हैं। डॉ. उदय प्रताप सिंह के अजीज शिष्यों में शामिल समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजकुमार भाटी गुरू जी के साथ शतरंज की बाजी खेलने के लिए अक्सर गे्रटर नोएडा से लखनऊ जाते हैं। राजकुमार भाटी बताते हैं कि शतरंज की बाजी में गुरू जी से हारकर भी बहुत कुछ सीखने का मौका मिलता है। गुरू जी की भविष्यवाणी है कि राजकुमार भाटी एक दिन देश के बहुत बड़े नेता बनेंगे। चेतना मंच परिवार भारत की महान विभूति गुरू जी डॉ. उदय प्रताप सिंह की लम्बी आयु की कामना करता है।    Uday Pratap Singh  
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दादरी के मुद्दे पर गुर्जर समाज में भारी आक्रोश, मचा है बवाल

दादरी के मुद्दे पर गुर्जर समाज में भारी आक्रोश, मचा है बवाल
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calendar26 Sep 2025 06:29 PM
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दादरी में हुए भारी बवाल के बाद देश भर के गुर्जर समाज में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। उत्तर प्रदेश के गुर्जर समाज के गाँवों से लेकर गुर्जर बाहुल्य कस्बों तथा शहरों तक गुर्जर समाज में बड़ा आक्रोश है। गुर्जर समाज का कहना है कि बार-बार सरकारी तंत्र तथा एक विशेष जाति के लोग गुर्जर समाज का अपमान करते हैं। गुर्जर समाज हर बार आंदोलन करता है किन्तु गुर्जर समाज को अपमानित करने वाले बाज नहीं रहे हैं। समाज के नेताओं का कहना है कि इस बार गुर्जर समाज आर-पार की लड़ाई लड़कर  ही आंदोलन को समाप्त करेगा।    UP News

दादरी में हुआ है गुर्जर समाज का बड़ा अपमान

यहां हम जिस दादरी की बात कर रहे हैं वह दादरी उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्धनगर जिले वाला दादरी नगर नहीं है। यहां हम उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में स्थित दौराला थाना क्षेत्र के दादरी गाँव की बात कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश के इस दादरी गाँव में गुर्जर सम्राट मिहिर भोज के नाम से द्वार बना हुआ है। कुछ शरारती तत्वों ने द्वार पर लिखे गये सम्राट मिहिर भोज के नाम के आगे गुर्जर शब्द हटा दिया। गुर्जर समाज ने आरोप लगाया कि यह हरकत गुर्जर समाज विरोधी एक खास जाति के लोगों ने की है। गुर्जर शब्द हटाने के बाद गुर्जर समाज ने गुर्जर समाज स्वाभिमान पंचायत बुलाने की घोषणा की यह पंचायत सलावा  गाँव में आयोजित हो रही थी। उत्तर प्रदेश पुलिस ने अचानक हमला बोलकर पंचायत को तितर-बितर तथा अव्यवस्थित कर दिया।  UP News उत्तर प्रदेश पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि सरधना क्षेत्र के सलावा गांव में गुर्जर महापंचायत बुलाई गई थी, जिसमें राजपूत सम्राट मिहिर भोज स्मृति द्वार का बोर्ड हटाने और गुर्जरों की राजनीतिक दलों से टिकटों में हिस्सेदारी जैसे मुद्दों पर चर्चा होनी थी। प्रशासन ने इस कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी थी। उत्तर प्रदेश पुलिस के अधिकारियों ने आगे बताया कि सुबह से ही कई थानों की पुलिस और पीएसी को दादरी और आस-पास के क्षेत्रों में तैनात किया गया था। सूत्रों के मुताबिक, राष्ट्रीय वीर गुर्जर संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविंद्र भाटी समेत कई लोगों को राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या  58 पर दादरी मोड़ से हिरासत में लिया गया और इसके बाद भीड़ भडक़ गई तथा पथराव शुरू कर दिया। इसी बीच, दादरी निवासी अभिनव मोतला 200 से अधिक युवकों के साथ मौके पर पहुंचा और उनकी पुलिस से झड़प हो गई। इलाके के लोगों के अनुसार, दादरी-मंडोरा मार्ग पर रेलवे लाइन के पास भी युवकों ने पुलिस पर पथराव किया। कुछ देर बाद पुलिस ने बल प्रयोग कर भीड़ को खदेड़ दिया।

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उत्तर प्रदेश के गुर्जर समाज से आने वाले नेताओं का रूख दादरी की ओर

दादरी के मुद्दे पर सलावा गाँव में बुलाई गई गुर्जर समाज की स्वाभिमान पंचायत के बाद 27 लोगों  को मेरठ जेल में भेजा जा चुका है। जेल में बंद गुर्जर समाज के लोगों से मिलने वालों का तांता लगा हुआ है। उत्तर प्रदेश में सक्रिय गुर्जर समाज से आने वाले ज्यादातर नेता जेल में पहुंचकर जेल में बंद गुर्जर समाज के नागरिकों से मिल रहे हैं। गुर्जर समाज से आने वाले नेता तथा RLD के विधायक मदन भैया ने इस मुददे पर RLD  के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी को लम्बा पत्र लिखा है। मदन भैया ने जयंत चौधरी से अनुरोध किया है कि दादरी गाँव में RLD  का  प्रतिनिधिमंडल भेजकर पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए तथा जांच के नतीजों की जानकारी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को देकर गुर्जर समाज के साथ हो रहे भेदभाव तथा अन्याय को तुरंत बंद कराया जाए। इस दौरान समाजवादी पार्टी के विधायक अतुल प्रधान, RLD के सांसद जयंत सिंह चौधरी, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजकुमार भाटी, भीम आर्मी के चीफ तथा उत्तर प्रदेश की नगीना लोकसभा सीट से सांसद चन्द्रशेखर आजाद, गुर्जर समाज के नागरिकों से लगातार भेंट कर रहे हैं।    UP News

भीम आर्मी प्रमुख ने कहा गुर्जर समाज लड़ रहा है अपने सम्मान की लड़ाई

भीम आर्मी प्रमुख ने मेरठ की जेल में बंद गुर्जर समाज के 27 लोगों से जेल में जाकर मुलाकात की है। इस मुलाकात के बाद भीम आर्मी प्रमुख चन्द्रशेखर आजाद ने कहा है कि गुर्जर समाज अपने मान-सम्मान की लड़ाई लड़ रहा है। गुर्जर समाज के मान-सम्मान की लड़ाई में उत्तरप्रदेश का सर्वसमाज गुर्जर समाज के साथ खड़ा हुआ है।  UP News
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चीन तथा अमेरिका भी डर रहा है उत्तर प्रदेश के “तीर” से

चीन तथा अमेरिका भी डर रहा है उत्तर प्रदेश के “तीर” से
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userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 03:34 AM
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पाकिस्तान की तो बात ही छोड़ दीजिए चीन तथा अमेरिका तक भी उत्तर प्रदेश केतीर  से डर रहे हैं। उत्तर प्रदेश की एक कंपनी ने ऐसातीर  तैयार कर दिया है  जिसतीर  की गूंज अमेरिका तथा चीन तक सुनाई पड़ रही है। उत्तर प्रदेश के इस तीर की गूंज सुनकर अमेरिका तथा चीन के कान खड़े हो गए हैं। पाकिस्तान के सैन्य अफसर तो उत्तर प्रदेश केतीर  को अब तक का सबसे मारक हथियार मान रहे हैं।     UP News

क्या है उत्तर प्रदेश का “तीर”

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के पास अत्याधुनिक डिफेंस कॉरिडोर में भारतीय सेना के लिए हथियार बनाए जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश के इस डिफेंस कॉरिडोर में अलग-अलग फैक्ट्रियां अलग-अलग प्रकार के अत्याधुनिक  हथियार तैयार कर रही हैं। इन्हीं कंपनियों में उत्तर प्रदेश की एक विशेष कंपनी भी शामिल है। उत्तर प्रदेश की इस विशेष कंपनी ने दो अलग-अलग प्रकार के बिना पायलट के चलने वाले लड़ाकू विमान तैयार किए हैं। उत्तर प्रदेश की इस कंपनी द्वारा तैयार किए गए लड़ाकू विमान में से एक लड़ाकू विमान का नाम ‘“तीर  रखा गया है। वहीं दूसरे विमान का नामबाजरखा गया है। उत्तर प्रदेश की कंपनी द्वारा तैयार किए गए लडाकू विमानतीर तथाबाज का प्रदर्शन ग्रेटर नोएडा शहर में लगे उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े मेले UPITS-2025 में भी किया जा रहा है।  UP News

उत्तर प्रदेश के ‘तीर’ की तकनीक को सरहाया PM मोदी ने

उत्तर प्रदेश की कंपनी द्वारा बनाए जा रहे लड़ाकू विमानतीर की तकनीक की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी तारीफ की है। बृहस्पतिवार को उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा शहर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े मेले UPITS-2025का उद्घाटन किया। इस दौरान मेला देखते समय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की निगाह उत्तर प्रदेश की कंपनी द्वारा प्रदर्शित किए जा रहेतीरके मॉडल को देखकर PM मोदी नेतीर के मॉडल को ठीक से देखा। इस दौरान कंपनी के अधिकारियों सेतीरकी तकनीक की जानकारी मिलने पर PM मोदी ने इस तकनीक की तारीफ भी की है।

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बहुत खास है उत्तर प्रदेश का यह ‘तीर’

उत्तर प्रदेश में “तीर” बनाने वाली कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि पेट्रोल से चलने वाला यह लड़ाकू विमान एक बार में 500 किलोमीटर तक की दूरी तय कर सकता है। कंपनी 15 अक्तूबर को IIT  कानपुर में इसका ट्रायल करेगी। कंपनी के प्रतिनिधि ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर में इस्तेमाल किए गए लड़ाकू विमान की कीमत ज्यादा थी। इस कारण कम कीमत में यहतीरबनाया गया है। कंपनी के प्रतिनिधि ने दावा किया है कि महज दो करोड़ रुपये में यह लड़ाकू विमान तैयार किया जाएगा।    UP News इस ‘“तीर” की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह लड़ाकू विमान बिना किसी पायलट के कम्प्यूटर द्वारा उड़ाया जाएगा। उत्तर प्रदेश के इस “तीर” की एक विशेषता यह है कि यह 100 किलो वजन तक विस्फोटक लेकर दुश्मन के ठिकाने तक पहुंच सकता है। कंपनी का दावा है कि उनके द्वारा बनाए गए कई ड्रोन भारतीय सेना पहले से प्रयोग कर रही है। लड़ाकू विमान “तीर” तथाबाजपहली बार तैयार किए जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े मेले UPITS-2025 मेंतीरतथा  ‘बाजके मॉडल देखते ही पाकिस्तान चीन तथा अमेरिका तक के रक्षा विशेषज्ञों के कान खड़े हो गए हैं।  UP News