Noida News : सिख धर्म के संस्थापक, शौर्य और साहस के प्रतीक श्री गुरु गोविंद सिंह जी की जयंती पर नोएडा में प्रकाश पर्व पूरे धूमधाम से मनाया जा रहा है। गुरु गोविंद सिंह जी सिख धर्म के दसवें गुरु थे। ये ही वे गुरु साहिब जी थे जिन्होंने गुरु ग्रंथ साहिब को पूर्ण किया था।
अंजना भागी
गुरु गोविंद सिंह जी के अनुयाई आज भी उनके उत्तम विचारों पर ही चलते हैं। जैसे कि, जितना संभव हो जरूरतमंद लोगों की मदद करो। गुरु साहिब जी का संदेश था अपनी कमाई का कम से कम दसवां हिस्सा दान अवश्य करो। बिना गुरु के भगवान नहीं मिलते। ईश्वर ने जब हमें मनुष्य के रूप में जन्म दिया है तो इस जन्म में जितना संभव हो अच्छे कर्म करें। निंदा या बुराई जहां तक हो सके हम न ही करें। हर इंसान, इंसान से प्रेम करे। यही ईश्वर की सच्ची सेवा है। गुरु गोविंद सिंह जी का कहना था निर्बल पर कभी भी जोर अजमाइश ना करें। इससे ईश्वर भी नाराज होते हैं। गुरु गोविंद सिंह जी की पसंद वही लोग हैं जो सच्चाई के मार्ग पर चलते हैं। अपने कर्म पर ध्यान दें कभी भी किसी से ईर्ष्या ना करें। एक सुंदर जीवन के लिए खाली स्वयं अपना पालन पोषण करना ही उत्तम नहीं है। बल्कि बेसहारा लोगों की सेवा करना उससे भी महत्वपूर्ण है। आज भी गुरु जी के अनुयायी पर जहां भी आपदा आती है सेवा के लिए हाजिर हो जाते हैं। करोना काल में आक्सिजन का लंगर सबसे बड़ा उदाहरण है।
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निर्बल पर कभी भी जोर अजमाइश ना करें
सिर्फ 10 वर्ष की आयु में ही अपने पिता गुरु तेग बहादुर जी की कुर्बानी के बाद गुरु गोविंद सिंह जी 10 वें गुरु बने थे । आपके चार पुत्र हुए, गुरु साहिब जी का दिल बहुत ही आध्यात्मिक था वे कवि भी थे । उन्होंने अपने जीवन काल में कई काव्य रचनाएँ की। गुरु गोविंद सिंह जी ने ही पांच प्यारों की स्थापना की और सिख समाज को पांच चिन्ह अपनाने की सलाह दी थी। इसके साथ ही उन्होंने यह भी संदेश दिया कि तंबाकू का सेवन उनके अनुयायी बिल्कुल ना करें। बल्कि कुर्बानी दिए हुए मांस को भी ना खाएं। इनके चार पुत्र हुए जिनमें उनके दो पुत्रों को दीवार में चुनवाया गया और अन्य दो ने बहुत ही कम उम्र में ही युद्ध करते हुए शहीदी दी। इसलिए उनको सर्वंश दानी का नाम भी दिया गया।
10 वें गुरु साहिब जी के प्रकाश पर्व पर इस बार भी नोएडा में विशाल शाहाना नगर कीर्तन
नोएडा मे नगर कीर्तन की शुरुआत गुरुद्वारा श्री गुरु हरकिशन साहिब जी सेक्टर 12 नोएडा से हुई थी। जो कि नोएडा सेक्टर 12, 21, 25, 26,और अट्टा मार्केट होते हुए गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा सेक्टर 18 में लंगर प्रसाद से समाप्त हुआ था।Noida News
गुरु जी के संदेश
नोएडा मे सरबत दा भला के उद्देश्य का पूरी तरह से पालन हो रहा था। गुरु गोविंद सिंह जी के अनुयायी बच्चों से लेकर सीनियर तथा सुपर सीनियर शाहाना कीर्तन की रौनक बढ़ा रहे थे । पञ्जाबी तथा सिख परिवार लगभग 1 जनवरी से इसकी तैयारी में थे। लोग कहते हैं अपने बच्चों को धर्म तथा संस्कृति से जोडें। बातों से तो नहीं जुड़ेंगे न? इस प्रकाश पर्व को मनाते आज गुरद्वारे में बैठे हुए हर बच्चे,बड़े को एहसास था कि घर में एक बच्चा बीमार हो जाए तो पूरा परिवार व्यथित हो जाता है। गुरु गोविंद सिंह ने तो अपने चारों जिगर के टुकड़े ही कौम के हेतु वार दिए। गुरु माता युद्ध में जाते हर योद्धा में अपने पुत्रों को ही देखती थीं। दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान सरदार हरमीत सिंह जी कालका जी से विशेष रूप से नोएडा में शामिल हुए थे और नगर कीर्तन प्रबंधक कमेटी की हौसला अफजाई की थी। संस्था के सभी सदस्य अपने परिवार सहित शाहाना नगर कीर्तन में शामिल थे। गुरुद्वारे में ही खाना पीना सबकी लंगर में सेवा करना ये ही कारण है कि आज विदेशो में भी कोई भारतीय भूखा नहीं सोता गुरुद्वारे में लंगर मिल जाता है। सिख मार्शल आर्ट (गतका) जहां पुरातन युद्ध कौशल को दर्शाया गया ,वो भी दिखाया गया । नौजवान पीढ़ी को अपनी संस्कारी विरासत को आगे बढ़ाने के लिए इन आयोजनों से ही प्रेरणा मिलती है। आज लगभग सब ही गुरुद्वारों में, वहाँ की संस्था के सदस्यों ने परिवार सहित प्रकाश उत्सव के उपलक्ष्य में कार्यक्रमों का आयोजन किया है तथा लंगर की व्यवस्था की हैं। परम पिता वाहेगुरु का आशीर्वाद अरदास और लंगर के साथ सब ही प्रभु से अपनी कृपा संसार में सब पर बनाये रखने कि कामना के साथ प्रकाश उत्सव का समापन होगा। रणधीर सिंह, मनिंदर सिंह, भूपिन्दर सिंह, हरमीत सिंह, परमजीत सिंह, डिम्पल आनंद, गुरजिंदर सिंह, सरबजीत सिंह टी एस अरोड़ा, बिट्टू इन सबकी हर वर्ष की मेहनत से इन आयोजनों को आयोजित करवाने के लिए सबकी सराहना के पात्र हैं।Noida News
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